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10 साल पहले LTTE के हमले से दहल गया था श्रीलंका, खूनी रहा है इतिहास

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नई दिल्‍ली। श्रीलंका की राजधानी में रविवार को सुबह इस्टर के मौके पर पांच जगहों पर बम धमाके हुए हैं जिसमें 156 लोगों की मौत हो गई। इस धमाके में 300 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। श्रीलंका में इससे पहले बम धमाकों का इतिहास लिट्टे युग का ही है। देश में आखिरी बार बड़ा हमला साल 2006 में हुआ था। आज से 13 साल पहले 16 अक्टूबर 2006 को दिगमपटाया नरसंहार में करीब 112 लोगों की हत्या की गई थी। लिट्टे से जुड़े उग्रवादियों ने श्रीलंकाई सेना को निशाना बनाकर एक ट्रक को सेना की 15 गाड़ियों के काफिल में घुसा दिया था।

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जानिए कब हुई थी इसकी शुरुआत

वेलुपिल्लई प्रभाकरन ने मई 1976 में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम संगठन की स्थापना की जिसका उद्देश्य श्रीलंका के उत्तर और पूर्व में तमिल ईलम का एक स्वतंत्र राज्य बनाने का था। इस वजह से सरकार और संगठन के बीच युद्ध भी हुए जिसका नुकसान जनता को होता है। हालांकि श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की अध्यक्षता में साल 2009 में इसे घुटने टेकने पड़े। इससे पहले लिट्टे ने श्रीलंका की धरती को खून से रंग दिया था।
लिट्टे द्वारा पहली बार आत्मघाती बम विस्फोट साल 1987 में हुआ जब कैप्टन मिलर ने श्रीलंकाई सेना के शिविर में विस्फोटकों से लदे एक ट्रक को उड़ा दिया था। इस हमले में 40 सैनिक मारे गए थे।

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लिट्टे ने साल 1990 में 11 जून को इस्टर्न प्रोविएंस में धमाका किया था जिसमें उनका निशान श्रीलंका के पुलिस कर्मी थी और इनका मिशन पूरा भी हुआ था। इस हमले में 600 से अधिक लोगों की जान गई थी। इसके बाद फिर साल 1996 नॉर्थ श्रीलंका के लिए काल बनकर आया था, मुल्लातिवु में श्रीलंका की मिलट्री और लिट्टे की बीच हुए नरसंहार में लिट्टे ने बम धमाके भी किए। यह नरसंहार 18 जुलाई 1996 से 25 जुलाई 1996 तक चला था जिसमें हजारों लोगों की जान गई थी। हालांकि देश में शांति बनाए रखने के लिए सरकार ने यहां पर सिर्फ 207 लोगों की ही मौत बताई थी।

लिट्टे को ठहराया जाता रहा था जिम्‍मेवार

इन हमलों के लिए लिट्टे को ज़िम्मेवार ठहराया जाता रहा था. यह हमले ऐसे समय पर हो रहे थे जब श्रीलंका के उत्तरी हिस्से में श्रीलंकाई सेना और लिट्टे विद्रोहियों के बीच भीषण लड़ाई चल रही थी। उस समय ये माना गया था क‍ि कोलंबो में बढ़ते हुए बम हमले, लिट्टे की हताशा का एक संकेत था। श्रीलंका के पूर्वी हिस्से में भीषण संघर्ष के बाद सेना का दावा था कि उसने विद्रोहियों को इस इलाके से खदेड़ दिया और अब संघर्ष उत्तरी इलाकों में जारी है। इसके ठीक एक साल बाद वी प्रभाकरण मारा गया था।

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English summary
Peace was shattered in Sri Lanka after a number of explosions ripped through Colombo, killing several people.
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