स्विमिंग के दौरान 10 साल की बच्ची की नाक से दिमाग में घुसा खतरनाक अमीबा और फिर...
Recommended Video
टेक्सास। अमेरिका के टेक्सास में एक 10 साल की बच्ची की मौत हो गई है। सोमवार सुबह अस्पताल में इस बच्ची ने दम तोड़ दिया है और मौत की वजह जानकर आप डर जाएंगे। यह बच्ची एक हफ्ते पहले स्विमिंग के लिए गई थी। नदी में स्विमिंग करते हुए इसके दिमाग में एक ऐसी अमीबा दाखिल हो गया जिसने इस नन्हीं बच्ची की जान ले ली। अमेरिका में इस घटना ने सनसनी मचाकर रख दी है। लिली की मौत के बाद से डॉक्टरों ने लोगों को निर्देश दिए हैं कि स्विमिंग करते हुए, उन्हें किन बातों का ध्यान रखना है।
75 प्रतिशत दिमाग खा गया अमीबा
बच्ची का नाम लिली मे एवांट है। तैराकी के दौरान दिमाग में घुसे अमीबा ने लिली का 75 प्रतिशत दिमाग खा डाला था। लिली, लेबर डे वीकएंड पर अपने परिवार के साथ ब्राजोस नदी में तैराकी के लिए गई थी। टेक्सास के व्हीटनी में जहां लिली का परिवार रहता है, उससे कुछ ही दूर यह नदी बहती है। व्हीटनी एक छोटा सा शहर है। लिली जब स्विमिंग से वापस लौटी तो उसे बुखार था। शुरुआत में सबको लगा कि आम वायरल इनफेक्शन होगा। लिली को सिरदर्द के साथ बुखार था। लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते गए लिली का बुखार कम होने की जगह बढ़ता गया और उसका बर्ताव भी अजीब हो गया था।
बहुत खतरनाक है यह अमीबा
लिली का शरीर एक दिन पूरी तरह से ढीला पड़ गया और वह बिल्कुल भी प्रतिक्रिया नहीं देती थी। इस हालत में इस बच्ची को पिछले मंगलवार को कुक चिल्ड्रेन्स मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया था जो कि फोर्ट वोर्थ में है। डॉक्टरों का कहना है कि लिली के दिमाग में जो अमीबा दाखिल हुआ था उसका नाम नायग्लेरिया फोवलेरी है और बहुत दुर्लभ प्रजाति है लेकिन बहुत खतरनाक है। यह अमीबा ताजे गर्म पानी जैसे झीलों और नदियों में पाया जाता है। अमीबा नाक के रास्ते दिमाग में दाखिल हो जाता है।
सिर्फ चार लोगों की बच सकी है जान
अमेरिका में इस अमीबा की वजह से होने वाले मौतों का आंकड़ा 97 प्रतिशत से भी ज्यादा है। अमेरिका में जिन 145 लोगों को इस अमीबा की वजह से इनफेक्शन हुआ, उसमें से सिर्फ चार लोगों की ही जिंदगी बचाई जा सकी। यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक इस अमीबा की पहचान पहली बार सन् 1960 में हुई थी। लिली का अमीबा फाइटिंग पिल्स दी गई थीं। लिली कोमा में थी। उसके परिवार को उम्मीद थी कि वह शायद अमेरिका की पांचवीं व्यक्ति हो सकती है जिसकी जान बच सके। लिली के सौतेले पिता जॉन क्रॉसन ने कहा कि उनकी बेटी एक फाइटर थी।
प्रार्थना के लिए परिवार ने कहा थैंक्यू
लिली की आंटी लोनी याडोन ने अपने बयान में कहा कि अब उनकी बच्ची 'जीसस की बाहों' में है। उन्होंने लिली की जिंदगी बच जाए, इसके लिए हुई हर प्रार्थना को थैंक्यू कहा है। लिली की खबरें पिछले एक हफ्ते से अमेरिकी मीडिया में छाई हुई थीं। टीवी और फेसबुक तक पर लोग उसके बारे में बात कर रहे थे। लोनी के मुताबिक उनकी बच्ची ने हर किसी को एक कर दिया था।