गद्दाफी के शासन के समय लीबिया से जुड़ी 10 खास बातें
त्रिपोली। लीबिया का तानाशाह मुअम्मार गद्दाफी जिस पर आतंकवाद को बढ़ावा देने और आतंकियों के साथ मिले होने का आरोप लगा। अमेरिका ने वर्ष 2011 में दुनिया को जितनी बातों के बारे में बताया, भारत में भी कई लोग आज तक उन्हीं बातों को सच मानने लगे हैं।
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अमेरिकी चुनावों का समय है और कई लोग खासकर से रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप अक्सर यह कहते हैं कि अगर आज सद्दाम हुसैन और गद्दाफी जिंदा होते तो दुनिया की तस्वीर ही अलग होती।
आज गद्दाफी को कर्नल गद्दाफी के नाम से भी जाना जाता था। आज भी लीबिया के नागरिकों का एक बड़ा तबका इस बात से असहमत नजर आता है कि गद्दाफी एक तानाशाह था या फिर वह आतंकियों को बढ़ावा देता था।
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आइए आज हम आपको उन 10 खास बातों के बारे में बताते हैं जिनके बारे में लीबिया ने अमेरिका जैसे कई देशों के सामने भी एक आदर्श पेश किया था।
घर हर व्यक्ति का मानवाधिकार
गद्दाफी का मानना था कि घर हर व्यक्ति और परिवार के लिए मानवाधिकारों से जुड़ा मुद्दा है। ऐसे में घर पर किसी और का हक नहीं होना चाहिए। गद्दाफी की वर्ष 1975 में पब्लिश हुई ग्रीन बुक में यह बात लिखी थी।
शिक्षा और इलाज में बेस्ट था
गद्दाफी के शासन काल में लीबिया अरब और अफ्रीकी क्षेत्र में एक ऐसा देश था जहां के नागरिकों को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा और इलाज की सुविधा थी। अगर किसी नागरिक को लीबिया में किसी एजुकेशनल कोर्स या फिर इलाज की सुविधा लेने की इच्छा नहीं होती थी तो फिर उसे विदेश जाने के लिए सरकार की ओर से पैसा मिलता था।
दुनिया का आंठवां अजूबा सिंचाई प्रोजेक्ट
गद्दाफी जिस समय लीबिया के शासक थे तो उन्होंने देश में मानवनिर्मित एक नदी की डिजाइन तैयार की थी। इस नदी को यहां का सबसे बड़ा सिचाईं प्रोजेक्ट भी कहते हैं और इस नदी से सिंचाईं के अलावा पूरे लीबिया में लोगों को पानी आसानी से मिलता था। खुद गद्दाफी ने इसे 'दुनिया का आंठवां' अजूबा करार दिया था।
फ्री में शुरू होता बिजनेस
अगर किसी लीबियन नागरिक को किसी फार्म हाउस के जरिए बिजनेस की शुरुआत करनी होती तो फिर उसे एक घर मिलता, फार्म के लिए जमीन दी जाती और मुफ्त में खेती के लिए बीज दिए जाते थे।
बच्चे के जन्म पर 5000 अमेरिकी डॉलर
कोई भी लीबियन महिला अगर किसी बच्चे को जन्म देती तो उसको खुद के लिए और उसके बच्चे के लिए सरकार की ओर से 5,000 अमेरिकी डॉलर दिए जाते थे।
बिजली मिलती थी फ्री
गद्दाफी के शासन में नागरिकों को मुफ्त बिजली सप्लाई होती थी। लीबिया में बिजली पूरी तरह से फ्री थी और किसी भी तरह के बिल की कोई व्यवस्था ही नहीं थी।
पेट्रोल सबसे सस्ता
गद्दाफी के समय लीबिया में पेट्रोल की कीमत 0.14 अमेरिकी डॉलर प्रति लीटर तक होती थी।
देश में बढ़ाया शिक्षा का स्तर
गद्दाफी से पहले लीबिया में सिर्फ 25 प्रतिशत लोग ही शिक्षित थे लेकिन गद्दाफी के शासनकाल में यह आंकड़ा 87 प्रतिशत तक पहुंच गया था।
जीरो प्रतिशत इंट्रेस्ट पर मिलता था लोन
लीबिया दुनिया की अकेला ऐसा देश था जिसके पास खुद का बैंक था और इसकी वजह से यहां के नागरिकों को जीरो प्रतिशत इंट्रेस्ट पर कर्ज मिलता था। लीबिया पर किसी भी देश का कोई कर्ज भी नहीं था।
गोल्ड दीनार
गद्दाफी ने अपने शासनकाल के खत्म होने से पहले पूरे अफ्रीकी क्षेत्र में सिर्फ एक ही मुद्रा लाने की तैयारी कर ली थी।