बाइडन ने कोरोना को लेकर की 10 बड़ी घोषणाएँ, रास्ता ट्रंप से अलग
बाइडन ने कहा कि इस महामारी को हराने के लिए युद्धस्तर पर काम किए जाने की ज़रूरत है. जबकि अमेरिकी मुख्य चिकित्सा सलाहकार एंथनी फाउची ने वैक्सीन रोलआउट के बारे में कहा कि बाइडन प्रशासन पहले से ही मौजूद कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है. हालाँकि उन्होंने विज्ञान पर जोर देने के लिए बाइडन प्रशासन की प्रशंसा भी की.
अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी को हराने के लिए युद्धस्तर पर काम किए जाने की ज़रूरत है.
कोरोना से मुक़ाबला करने के लिए उन्होंने एक विस्तृत योजना पेश की है. इसके तहत गुरुवार को उन्होंने 10 ऐसे एग्ज़िक्युटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए जिनसे सरकारी एजेंसियों, निजी क्षेत्र और नागरिकों को कोरोना वायरस के रोकथाम में मदद मिलेगी.
बाइडन ने ये स्पष्ट कर दिया कि अपने पूर्ववर्ती की अपेक्षा कोरोना से लड़ाई के मामले में राज्यों को फ़ैसला करने देने से बेहतर है कि इससे लिए राष्ट्रीय रणनीति तैयार का जाए. कोरोना पर लगाम न लगा पाने के लिए ट्रंप प्रशासन की काफ़ी निंदा हुई थी.
बाइडन का कहना है कि कोरोना से निपटने के लिए "कठोर कदम" उठा रहे हैं जिन पर अलम करना आसान नहीं होगा. उन्होंने कहा, "मैं आपको स्पष्ट कर दूं कि चीज़ें अभी और बिगड़ भी सकती हैं."
उनका कहना है कि उन्हें डर है कि अगले महीने तक ये वायरस पाँच लाख लोगों की जान ले सकता है और स्थिति को बेहतर करने के लिए हमें युद्धस्तर पर काम करने की ज़रूरत है.
राष्ट्रपति के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद बाइडन ने पहले ही कहा था कि देश में कोरोना वैक्सीन अभियान शुरू होने के पहले सौ दिनों में 10 करोड़ लोगों को टीका लगाए जाएंगे.
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ट्रंप प्रशासन में आप कुछ कहें और उस पर प्रतिक्रिया न हो, ऐसा नहीं लगता थाः फाउची
मुख्य चिकित्सा सलाहकार एंथनी फाउची ने वैक्सीन रोलआउट के बारे में कहा कि बाइडन प्रशासन पहले से ही मौजूद कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है.
उनका कहना है कि अगर उम्मीद के मुताबिक, 70-85% आबादी को गर्मियों के अंत तक टीका लगा दिया गया तो सर्दियों के आने तक स्थिति सामान्य हो सकती है. फाउची ने कहा कि उनकी चिंता उन लोगों को मनाने की है जो इस वैक्सीन को लेकर संशय में हैं.
उन्होंने कहा कि और अधिक वैक्सीन बनाई जाए इसके लिए प्रशासन इसके उत्पादकों से बातचीत कर रहा है. कुछ क्षेत्रीय अधिकारियों का कहना है कि उनके पास उपलब्ध वैक्सीन ख़त्म होने वाली है.
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन में भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी रहे फाउची ने इस बात का स्वागत किया कि नया प्रशासन विज्ञान पर जोर दे रहा है.
फाउची ने कहा, "यह आइडिया कि आप वहाँ तक पहुँच सकते हैं जो आप जानते हैं और इसके साक्ष्य क्या हैं, विज्ञान क्या कहता है... इसके बारे में आप बात कर सकते हैं. जबकि ट्रंप प्रशासन में आप ऐसा महसूस नहीं करते थे कि आप कुछ कहेंगे और उस पर कड़ी प्रतिक्रिया नहीं होगी."
इससे पहले राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने कई अहम एग्ज़िक्युटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए और अपने पूर्ववर्ती के फ़ैसलों को पलटा. इनमें सभी सरकारी दफ़्तरों के परिसर में मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंन्सिंग का पालन करना अनिवार्य करने का फ़ैसला शामिल है.
साथ ही उन्होंने कोरोना वायरस टेस्टिंट बढ़ाने और महामारी पर प्रतिक्रिया के समन्वय के लिए एक नया ऑफिस स्थापित करने का भी फ़ैसला लिया है. बाइडन ने ये भी कहा है कि अमेरिका ग़रीब देशों तक वैक्सीन पहुँचाने के कोवैक्स कार्यक्रम में भी शामिल होगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उनके इस फ़ैसले का स्वागत किया है.
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कोरोना से निपटने के लिए बाइडन के 10 कदम
1. डिफेन्स प्रोडक्शन एक्ट का इस्तेमालः कोरोना से लड़ने के लिए ज़रूरी मेडिकल इक्विपमेंट, पीपीई किट और वैक्सीन सप्चलाई को जारी रखने के लिए ज़रूरी चीज़ों के उत्पादन के लिए बाइडन ने शीत युद्ध के दौर के एक अहम क़ानून का इस्तेमाल करने का फ़ैसला किया है. इसके तहत राष्ट्रपति को राष्ट्रीय सुरक्षा के कारणों से उत्पादन बढ़ाने के लिए इजाज़त देने का विशेषाधिकार मिलता है. इसके अलावा बाइडन प्रशासन एन95 मास्क, आइसोलेशन गाउन और कोरोना की टेस्टिंग के लिए ज़रूरी सामानों का उत्पादन भी बढ़ाएगा.
2. प्लेन, ट्रेन और बसों में मास्क अनिवार्यः बाइडन प्रशासन की योजनानुसार हवाई अड्डों, कुछ ट्रेनों, हवाई यात्राओं और बसों में सफ़र के दौरान लोगों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य किया जाएगा. दूसरे देशों से आने वालों को सफर शुरू करने से पहले अपना कोरोना टेस्ट कराना होगा और अपने निगेटिव होने का प्रमाणपत्र साथ रखना होगा. अमेरिका पहुँचने के बाद उन्हें क्वारंटीन से जुड़े सेंटर ऑफ़ डिज़ीज़ कंट्रोल के सभी नियमों का पूरा पालन करना होगा.
3. राज्यों के हाथ मज़बूत करनाः बाइडन फेडेरल इमर्जेंसी एडमिनिस्ट्रेशन को कोरोना महामारी से लड़ने के लिए इमर्जेंसी सप्लाई सुनिश्चित करने और अधिक संख्या में कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए 75 से 100 फ़ीसद तक मदद देने की योजना बना रहे हैं. स्कूलों को सुरक्षित तरीके से फिर से खोलने में भी सरकार आर्थिक मदद करेगी.
4. तेज़ी से वैक्सीन रोल आउटः बाइडन पहले ही कह चुके हैं कि कोरोना वैक्सीन अभियान शुरू होने के पहले सौ दिनों में 10 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाएगा. इस टार्गेट तक पहुँचने के लिए फेडरल इमर्जेंसी एडमिनिस्ट्रेशन को सामुदायिक टीकाकरण केंद्र बनाने की इजाज़त दी जाएगी और अगले महीने तक इस तरह के 100 केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा गया है. स्थानीय दवा की दुकानों में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने की भी कोशिशें की जाएगी जिसकी निगरानी सेंटर्स ऑफ़ डिज़ीज़ कंट्रोल करेगा.
5. टेस्टिंग बढ़ानाः कोरोना वायरस टेस्टिंग बढ़ाने के लिए और इसके लिए ज़रूरी सामान का वितरण बेहतर करने के लिए बाइडन कोविड-19 टेस्टिंग बोर्ड बनाएंगे. उनकी योजना स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या बढ़ाने, स्कूलों में टेस्टिंग कराने और ब्लैक समुदाय के लोगों के लिए टेस्टिंग बढ़ाने की भी है.
6. स्कूलों को दोबोरा खोलने पर विचारः शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और मानव संसाधन विभाग से बाइडन प्रशासन ने कहा कि वो स्कूलों को सुरक्षित तरीके से खोलने, बच्चों की सुरक्षा और उच्च शिक्षा संस्थानों को खोलने को लेकर सरकार को अहम सलाह दें. साथ ही जिन छात्रों के पास ब्रॉडबैंड की सुविधा नहीं है उनके लिए बेहतर कनेक्विटी पर भी सरकार विचार करेगी.
7. स्वास्थ्य सेवा का दायरा बढ़ानाः कोविड-19 के बेहतर इलाज के लिए सरकार उसके इलाज के नए तरीकों की पहचान करने, स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहतर करने और ज़रूरत पड़ने पर अधिक स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति पर भी ध्यान देगी.
8. कोविड-19 से कर्मचारियों की सुरक्षाः कामगारों के लिए काम करने वाली सरकारी एजेंसी और स्वास्थ्य विभाग से कहा गया है कि वो कर्मचारियों को कोविड-19 से सुरक्षा देने के लिए एम्पलॉयर्स के लिए दिशानिर्देश जारी करें.
9. समुदायों के लिए अधिक मददः जो समुदाय कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित हैं उन्हें अधिक मदद पहुँचाने के लिए कोविड-19 हेल्थ इक्विटी टास्क फोर्स को सलाह देने के लिए कहा गया है.
10. बेहतर समझ के लिए अधिक डेटाः सरकार ने कोविड-19 से बेहतर मुक़ाबला करने के लिए अधिक डेटा इकट्ठा करने और उसका अध्ययन करने का भी फ़ैसला लिया है. इसके लिए दूसरे संगठनों से भी डेटा साझा किया जाएगा.
जॉन्स हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी के डैशबोर्ड के अनुसार अमेरिका में अब तक 2.4 करोड़ लोग कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं, जबकि 4,09,794 लोगों की मौत हो चुकी है.
पूरी दुनिया में कोरोना के कारण होने वाली मौतों में अमेरिका सबसे आगे है. दुनिया भर में अब तक कोरोना के कारण 20 लाख 88 हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है.