गुजरात में सुषमा ने महिलाओं से कहा- नौकरी करना हो तो घर में अपनाएं डोकलाम कूटनीति
अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी समेत पूरा मंत्रिमंडल लगा हुआ है। शनिवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज में राज्य के अहमदाबाद स्थित महिला टाउन हॉल में महिलाओं की एक रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने महिलाओं से बात चीत की और उन्हें एक कूटनीतिक सलाह भी दे दी। सुषमा ने भारत और चीन के बीच डोकलाम मसले पर बीते दिनों हुए समाधान का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि महिलाएं वो अपने परिवार को ठीक उसी तरह समझाएं जैसे डोकलाम मसले के समय भारत ने चीन के साथ किया था। दरअसल सुषमा ने महिलाओं को यह सलाह उस वक्त दी जब एक ने सवाल किया कि अगर परिवार नौकरी करने की इजाजत ना दे तो क्या करें? सुषमा ने महिलाओं के मसलों को व्यापक तौर पर तीन श्रेणियों में बांटा। सुषमा ने सुरक्षा से जुड़े मुद्दे, आजादी से जुड़े मुद्दे और सशक्तिकरण से जुड़े मुद्दे की श्रेणी में मुद्दों को बांटा।
सुषमा ने कहा कि सुरक्षा से जुड़ा सबसे पहला मुद्दा होता है कि क्या समाज उसे पैदा होने देगा? सुषमा ने कहा कि 'मैं नहीं समझती कि क्यों इस देश में, जहां महिलाओं को देवी के तौर पर पूजा जाता है, जहां दो नवरात्र मनाई जाती हैं, लोग अब भी गर्भ में बच्ची को मार डालते है।'
सुषमा ने कहा कि देश में बहुत कानून हैं लेकिन पीएम का मानना है कि सामाजिक अभियान शुरू करने की जरूरत है, क्योंकि ऐसी बुराई से लड़ने के लिए सिर्फ कानून काफी नहीं है। सुषमा ने कहा कि देश में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना शुरू की गई है। सुषमा ने कहा कि केंद्र एवं राज्यों में सरकारों ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। महिलाओं की वित्तीय सुरक्षा के लिए उन्हें मुद्रा योजना के तहत कर्ज भी दिया गया है।
एक महिला ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बयान के बारे में पूछा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में महिलाओं की भागीदारी नहीं है, तो सुषमा ने कहा कि इस टिप्पणी पर जवाब देने की आवश्यकता नहीं है।