फिर जिंदा हो जाने की उम्मीद में रातभर नमक में दबाकर रखे दो भाइयों के शव, जानिए क्या हुआ?
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में सांवेर इलाके में अंधविश्वास से जुड़ा ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें फिर से जिंदा हो जाने की उम्मीद में दो भाइयों के शव रातभर नमक में दबाकर रखे गए। हुआ यह था कि इंदौर के चित्तौड़ा के तालाब में दो भाई कमलेश (20) और हरीश (18) डूब गए थे। रविवार को ग्रामीण इन्हें सांवेर लेकर आए, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। अंधविश्वास का असली नाटक इसके बाद शुरू हुआ। परिजनों ने दोनों भाइयों के शवों का पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर दिया। ऐसे में शव सरकारी अस्पताल के मुर्दाघर में रख दिए गए।
इस दौरान परिजनों ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक पोस्ट का हवाला किया। पोस्ट में दावा किया गया था कि पानी में डूबने से मौत हो जाने के स्थिति में अगर शव को चार घंटे तक नमक में दबाकर रखा जाए तो वह व्यक्ति वापस जिंदा सकता है, क्योंकि नमक बदन का सारा पानी सोख लेगा और व्यक्ति फिर जीवित हो जाएगा। परिजनों व ग्रामीणों की बात मान अस्पताल स्टाफ ने दोनों भाइयों के शवों को मुर्दाघर में नमक से ढक दिया। दोनों का सिर्फ चेहरे बाहर रखा गया। शेष पूरा शरीर नमक से दबा रहा। सुबह तक दोनों भाई जिंदा नहीं हुए। फिर पोस्टमार्टम के बाद उनके शव परिजनों को सौंप दिए।
तीज पर नहाने गए दोनों भाई
ग्राम चितौड़ा में तालाब पर तीज के त्यौहार पर नहाने की मान्यता है, जिसमें कई प्रकार की रस्मों का पालन किया जाता है। उसी परम्परा को निभाने दोनों भाई भी गए थे। इस दौरान दोनों ताबाल में डूब गए और उनकी जान चली गई। वहीं पिता अशोक दुबे व मां कांता गंभीर घायल हो गई, जिन्हें इंदौर रैफर किया गया है।
इस संबंध में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, सांवेर ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है। ड्यूटी डॉक्टर से पूरे मामले का पता करवाया जाएगा। अस्पताल में यह सब करने की इजाजत दी गई। वहीं, ड्यूटी डॉक्टर डॉ. रोहन देव का कहना है कि कुछ स्थानीय लोगों ने टीवी पर कोई न्यूज सुनी थी कि नमक पर लिटाने से पानी में डूबे व्यक्ति जीवित हो सकते हैं। इसलिए ग्रामीणों ने दोनों भाइयों के शव नमक में दबा दिए थे। समझाने पर हटा दिया। इंदौर सीएमएएचओ प्रवीण जड़िया ने बताया कि सांवेर के सरकारी अस्पताल के मुर्दाघर के दो भाइयों के शवों को नमक में दबाकर रखने के मामले की जांच शुरू कर दी गई है। यह अंधविश्वास से जुड़ा मामला है। इसमें दोषी पाए जाने पर सांवेर अस्पताल के स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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