इंदौरः मां की मौत से अनजान मासूम भीड़ देखकर खिलखिलाने लगी, आखिरी बार छूकर बोला- मम्मा गई
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के द्वारकापुरी इलाके में उस वक्त लोगों की आंखें नम हो गईं। जब ढाई साल की मासूम ने अपने हाथों से मां को मुखाग्नि दी। बीते गुरुवार को जब बच्ची की परनानी और मां की अर्था उठाई जा रही थी तो लोगों की भीड़ देख बच्ची मुस्कुराने लगी। उसे लगा कि शायद उसके घर में किसी उत्साह का कार्यक्रम है। इसलिए उसके घर पर भीड़ लगा है। मां को आखिरी बार देखते हुए बच्ची ने कहा कि मम्मा गई।
मां को ढाई साल की बेटी ने दी मुखाग्नि
मासूम को पुलिस ने चाइल्डलाइन की मदद से उसके परनाना को सौंप दिया गया है। हालांकि बच्ची की पढ़ाई-लिखाई का खर्चा उठाने के लिए पड़ोसियों ने जिम्मेदारी ली है। बता दें कि बीते बुधवार को मासूम सौम्या के पिता ने उसकी आंखों के सामने मां और परनानी को मौत के घाट उतार दिया था। अपनी मां को चिता पर लेटा देख बच्ची को बिल्कुल किसी बात का अंदाजा नहीं था। हालांकि आखिरी बार जब उसने अपनी मां के चेहरे को छुआ तो बस इतना कहा कि मम्मा गई।
आरोपी रिश्तेदारों के साथ ससुराल पहुंचा
मासूम के माता-पिता के बीच तलाक को लेकर विवाद चल रहा था। इसी मामले में उसने अपनी पत्नी और नानी सास को मार डाला। आरोपी ने चार साल पहले ही पत्नी नीतू से लव मैरिज की थी। आरोपी अपने रिश्तेदारों के साथ ससुराल गया हुआ था।
पत्नी और नानी सास को मार डाला
सीएसपी पुनीत गहलोद ने बताया कि घटना बुधवार शाम 7 बजे शनि मंदिर स्थित मकान नंबर 28 में हुई। मृतका की नानी सास कुछ दिनों पहले ही किराये से रहने आई थी। आरोपी संदीप गुस्से में ससुराल पहुंचा और अपनी पत्नी नीतू व नानी सास पद्माबाई को चाकू से हमला कर मार डाला।
तलाक को लेकर चल रहा था विवाद
संदीप और नीतू के बीच तलाक को लेकर कोर्ट में केस चल रहा था। घटना के दौरान बेटी सौम्या खेल रही थी। आरोपी के नाना ससुर ने बताया कि जब वो बुधवार शाम को घर लौटे तो देखा कि उनकी पत्नी और नातिन नीतू अपनी बच्ची सौम्या के साथ बैठी थी। इसी वक्त संदीप वहां पहुंचा और झगड़ा करने लगा। जब पद्मा ने उसे समझाना चाहा तो चाकू से हमला कर दिया फिर पत्नी के पीछे दौड़ा और उस पर भी हमला कर दिया।
पड़ोसी ने जताई मासूम को गोद लेने की इच्छा
चीख-पुकार सुन जब आसपास के लोग मौके पर पहुंचे तो आरोपी संदीप उन्हें चाकू का डर दिखाकर भाग गया। इसके बाद जब पुलिस मासूम को शेल्टर होम भेजने लगी तो पड़ोसियों ने रोक लिया। उन्होंने कहा कि बच्ची को शेल्टर होम न भेजा जाए। उसे हम पाल लेंगे। वहीं एक पड़ोसी ने बच्ची को गोद लेने की बात कही तो बच्ची के परनाना ने हामी भर दी।