मध्य प्रदेश हनीट्रैप: बार-बार एसआईटी चीफ बदलने से खफा हुआ कोर्ट, सरकार को फटकार लगाई
इंदौर। मध्य प्रदेश में हनीट्रैप मामले की जांच कर रही एसआईटी के चीफ को राज्य सरकार ने कई बार बदलवा दिया। बार-बार एसआईटी चीफ बदलने को लेकर हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने सरकार को फटकार लगाई है। सोमवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार द्वारा इस मामले में प्रगति रिपोर्ट भी पेश नहीं की गई, जिससे कोर्ट नाराज हो गया। एसआईटी चीफ बदलने के क्या कारण रहे, इसका राज्य सरकार जवाब नहीं दे पाई। जिसके बाद कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए अगली सुनवाई तक एसआईटी चीफ बदलने का कारण एवं हनीट्रैप कांड की प्रगति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दे दिए। कहा कि मामले की अगली सुनवाई अब 2 दिसंबर को होगी।
यह है मध्य प्रदेश हनीट्रैप का मामला
पिछले महीने राज्य में कई नेताओं-अफसरों को हनीट्रैप के जरिए ब्लैकमेल कर करोड़ों वसूलने का मामला सामने आया था। इस मामले में पांच महिलाओं (श्वेता पति विजय जैन, श्वेता पति स्वप्निल जैन, बरखा सोनी, आरती दयाल, छात्रा मोनिका यादव) और एक ड्राइवर ओमप्रकाश को गिरफ्तार किया गया था। एटीएस की जांच एवं पुलिस की पूछताछ में सामने आया था कि इन पांच महिलाओं ने करीब 20 लोगों को हनीट्रैप में फंसाया। फिर उनके अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर करोड़ों वसूले।
100 से ज्यादा अश्लील वीडियो मिले
किसी से 50 लाख रुपए तो किसी से 3 करोड़ रुपए तक लिए गए। सियासी गलियारे में तहलका तब मचा जब आरोपियों से जब्त मोबाइल एवं 8 सिमकार्ड और उनके पास मौजूद वीडियो पुलिस के हाथ लगे। सामने आया कि इन खूबसूरत महिलाओं ने 100 से ज्यादा अश्लील वीडियो बना रखे थे। जिनमें से 30 वीडियो तो आईएएस, आईपीएस अफसरों के ही थे।
दोषियों पर कार्रवाई होगी-गृहमंत्री
मध्य प्रदेश की सियासत और अफसरशाही में भूचाल ला देने वाले हनीट्रैप केस में प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन का बयान भी आया। उन्होंने मीडिया से बातचीत में पिछले दिनों कहा कि मध्य प्रदेश हनीट्रैप मामले की पुलिस निष्पक्ष ढंग से जांच कर रही है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। भले ही वो कोई भी पार्टी से हो या कोई बड़ा अधिकारी। बिना किसी दबाव के कार्रवाई की जाएगाी। मगर, फिर भी क्यों एसआईटी चीफ बार-बार बदल दिया गया, इसका जवाब नहीं दिया गया।