देवी-देवताओं के अपमान पर जेल भेजे गए कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज की
भोपाल। देवी-देवताओं का अपमान करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। फारूकी ने यह याचिका मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के समक्ष लगाई थी। गुजरात से ताल्लुक रखने वाले फ़ारूक़ी और इंदौर के रहने वाले नलिन यादव को पुलिस ने इसी साल 1 जनवरी को गिरफ़्तार किया था। फ़ारूक़ी ने दरअसल, इंदौर में एक शो आयोजित किया था, जिस पर भाजपाइयों ने आपत्ति जताते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था। बाद में फारूकी और उनके समर्थकों से मारपीट भी हुई थी।
मध्य
प्रदेश
हाईकोर्ट
में
चल
रहा
मामला
पुलिस
ने
फारूकी
और
उसके
साथी
को
गिरफ्तार
कर
लिया।
जिसके
बाद
फारूकी
ने
कोर्ट
में
जमानत
याचिका
लगाई।
मगर,
आज
कोर्ट
की
इंदौर
पीठ
ने
कहा
कि,
अभी
तक
जमा
किए
गए
सुबूतों
से
ये
साबित
होता
है
कि
फ़ारूक़ी
ने
भारत
के
नागरिकों
की
धार्मिक
भावनाएं
आहत
की
है।
पीठ
ने
ये
भी
कहा
कि,
फ़ारूक़ी
ने
सोशल
मीडिया
पर
हिन्दू
देवी-देवताआेंं
पर
घटिया
जोक्स
बनाए।
जिसके
चलते
उसके
खिलाफ
18
महीनों
से
सोशल
मीडिया
पर
काफी
विरोध
हो
रहा
था।
2 किसान संगठन आंदोलन से अलग हुए तो सूरत के कामदार महासंघ ने किसानों को समर्थन का ऐलान किया
पीठ
ने
किए
ऐसे
सवाल
जस्टिस
रोहित
आर्या
ने
फ़ारूक़ी
से
सवाल
किए-
'किसी
की
धार्मिक
भावनाओं
का
अनुचित
लाभ
कैसे
उठा
सकते
हो?'
'ये
किस
तरह
की
मानसिकता
है?'
'बिज़नेस
के
लिए
ऐसा
कैसे
कर
सकते
हो?
कोर्ट
में
ऐसे
सवालों
पर
फ़ारूक़ी
के
वक़ील
विवेक
तनखा
और
अंशुमान
श्रीवास्तव
ने
जवाब
दिए।
उन्होंने
कहा
कि
कॉमेडियन
ने
इवेंट
में
ऐसा
एक
लब्ज
नहीं
कहा,
जिसके
लिए
उसे
सज़ा
मिल
रही
है।
वहीं,
जस्टिस
रोहित
आर्या
का
मत
था
कि,
ऐसे
लोगों
को
राहत
नहीं
देनी
चाहिए।
इससे
सांप्रदायिक
तनाव
पैदा
होता
है।