इंदौर : सरकारी अस्पताल एमवाय के मुर्दाघर में बच्चे का शव रखकर भूला स्टाफ, 5 दिन बाद हुआ खुलासा
इंदौर। मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक इंदौर के एमवाय अस्पताल से लापरवाही का एक और बड़ा मामला सामने आया है। यहां का स्टाफ एक मासूम की मौत के बाद उसका शव मोर्चरी में रखकर भूल गया। करीब पांच दिन तक यहां पर शव एक बॉक्स में रखा रहा, मगर अस्पताल के स्टाफ ने सुध नहीं ली।
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एक हफ्ते में दूसरा मामला
बीते एक हफ्ते में ये दूसरा मामला है जब एमवाय अस्पताल प्रबंधन की इस तरह की लापरवाही उजागर हुई है। इससे पहले मोर्चरी रूम में एक शव अंतिम संस्कार के इंतजार में स्ट्रेचर पर रखे-रखे कंकाल बन गया था। उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थीं और मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान भी लिया।
पहले स्ट्रेचर पर रखा शव बन गया कंकाल
बता दें कि एमवाय अस्पताल क मुर्दाघर में रखे मासूम बच्चे के शव का खुलासा तब हुआ जब स्ट्रेचर पर रखे-रखे शव के कंकाल बनने की घटना की जांच करने के लिए अपर आयुक्त रजनी सिंह एमवाय अस्पताल के मोर्चरी रूम पहुंची थीं। जांच के दौरान ही जब मोर्चरी रूम के फ्रीजर देखे गए तो पास ही एक बॉक्स दिखाई दिया और जिसमें मासूम का शव रखा हुआ था।
11 सितंबर को मिला था लावारिस
तब पता चला है कि जिस मासूम का शव बॉक्स में रखा मिला है उसकी मौत 5 दिन पहले इलाज के दौरान हुई थी। मासूम घायल हालत में 11 सितंबर को अलीराजपुर में लावारिस हालत में मिला था जिसे एक सोशल वर्कर ने इंदौर के एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया था।
मौत के बाद नहीं किया पोस्टमार्टम
इलाज के दौरान मासूम की 12 सितंबर को मौत हो गई लेकिन हैरान कर देने वाली बात ये है कि मासूम की मौत के बाद न तो उसके शव का पोस्टमार्टम किया गया और न ही पुलिस को इसके बारे में सूचना दी गई। अस्पताल के ही किसी कर्मचारी ने मासूम के शव को बॉक्स में रखकर मोर्चरी रूम में रख दिया और उसे रखकर भूल गया।
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