रेप पीड़िता से शादी का सर्टिफिकेट दो महीने में जमा करो, कोर्ट ने आरोपी को इस शर्त पर दी अस्थायी जमानत
इंदौर। कोर्ट अवमानना के मामले में दोषी वकील प्रशांत भूषण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक रुपए के जुर्माने की सजा का मामला देशभर में सुर्खियों में है। अब मध्य प्रदेश में इंदौर कोर्ट का फैसला चर्चा में है।
फिर आरोपी को स्थायी जमानत दी जाएगी
इंदौर के अधिवक्ता सुधांशु व्यास ने बताया देवास के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का मामला है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में रेप के एक आरोपी ने जमानत अर्जी लगाई थी। जिस पर इंदौर कोर्ट ने इस शर्त पर जमानत देने को कहा कि जिस महिला के साथ में उसने दुष्कर्म किया था उस महिला से वह 2 महीने के भीतर शादी कर दस्तावेज कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करे। इसके बाद आरोपी को स्थायी जमानत दे दी जाएगी।
पुरुष के साथ रिलेशनशिप में थी
अधिवक्ता व्यास के अनुसार पूरा मामला यह है कि मध्य प्रदेश देवास जिले की महिला शादीशुदा होने के बावजूद वर्ष 2017 से वह एक पुरुष के साथ रिलेशनशिप में थी। महिला का आरोप था कि शादीशुदा होने के बावजूद पुरुष ने उसे धोखे में रखा और अपने पति को तलाक देने पर मजबूर किया।
महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया
महिला ने पति से तलाक लेकर उस पुरुष के साथ रहने लगी। उसने उसे भरोसा दिया कि वह उससे शादी कर लेगा। कुछ समय बाद आरोपी महिला से शादी करने से मुकर गया। इस पर महिला ने कोर्ट की शरण लेते हुए उस पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। वहीं, कोर्ट आरोपी को जेल भेज दिया। कुछ समय बाद आरोपी द्वारा महिला से आपसी सहमति कर शादी करने का प्रस्ताव रखा गया। तब महिला ने कोर्ट के समक्ष एक पत्र प्रस्तुत किया और कहा कि वह उस पुरुष से शादी करने के लिए तैयार है। उसकी जमानत से उसे कोई आपत्ति नहीं है।
2 माह की अस्थायी जमानत दी
इस पर एमपी हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने आदेश देते हुए कहा कि यदि वह शादी कर लेता है तो उसे 2 माह का समय दिया जाता है। 2 माह की अस्थायी जमानत दी जाती है। वह दो माह में शादी करके दस्तावेज प्रस्तुत कर देगा तो उसे स्थायी जमानत दे दी जाएगी।
इंदौर : शिवसेना के पूर्व प्रदेश प्रमुख रमेश साहू की हत्या, पत्नी व बेटी के सामने मारी गोली