गांधी जयंती के कार्यक्रम में अचानक 'मोदी' को देख भड़के कांग्रेसी, करने लगे मारपीट
इंदौर। दो अक्टूबर को दुनियाभर में भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाई गई। इस दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, लेकिन मध्य प्रदेश के इंदौर में गांधी जयंती के कार्यक्रम में अचानक 'मोदी' को देख कांग्रेस कार्यकर्ता भड़क गए और महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांतों को भूलकर हिंसा करने लगे।
इंदौर के रीगल चौराहे की घटना
दरअसल, हुआ यूं कि इंदौर के रीगल चौराहे पर महात्मा गांधी की प्रतिमा लगी हुई है। दो अक्टूबर को सुबह आठ बजे गांधी जयंती के मौके पर प्रतिमा के पास कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम रखा था, जिसमें जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव, पंकज संघवी, सांवेर से प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू, अनिल यादव, अर्चना जायसवाल कई लोगों ने शिरकत की थी।
हाथरस की घटना का जता रहे थे विरोध
महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद कांग्रेस के सभी नेता रीगल चौराहे पर यूपी के हाथरस व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी को रोके जाने की घटना के विरोध में मौन धरना दे रहे थे। इस बीच भाजपा से जुड़े लक्ष्मीनारायण शर्मा (लच्छू नेता) पीएम नरेंद्र मोदी का मुखौटा लगाकर वहां पहुंचे और गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद जब लच्छू नेता उतर रहे थे, तब कांग्रेसी भड़क गए। वे उनसे पीएम मोदी का मुखौटा उतरवाने लगे। इस पर शर्मा का कहना था कि देश के प्रधानमंत्री का मुखौटा लगाने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को क्या समस्या है? इस पर कुछ कांग्रेसियों ने अभद्र भाषा के साथ-साथ उनसे मारपीट शुरू कर दी।
भगवा गमछा भी उतरवाया
इस पर शर्मा ने मुखौटा उतार दिया तो गले से भाजपाई गमछा भी उतरवाया गया। जैसे ही शर्मा नीचे उतरे तो कुछ कांग्रेसियों ने उनके साथ हाथापाई शुरू कर दी। कुछ ने बचाकर उन्हें बाहर कर दिया। बाहर निकलने के बाद कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने घेरकर उनके साथ फिर से मारपीट शुरू कर दी। इस पर पुलिस ने हस्तक्षेप कर शर्मा को बचाया और निकाला।
ये ही कांग्रेसियों का असली चेहरा
घटना के बाद भाजपा के नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने कहा कि नेहरू परिवार हो या कांग्रेसी, उन्होंने सत्ता के लिए गांधी के नाम का उपयोग किया है। गांधी के अहिंसा के मार्ग से उनका कोई लेना-देना नहीं है। देश के प्रधानमंत्री का मुखौटा लगाकर गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने जाने वालों के साथ मारपीट की गई, उनकी ही प्रतिमा के नीचे। यही कांग्रेसियों का चेहरा है।
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