थोड़े से रिफंड के चक्कर में खाली हो गया पूरा एकाउंट, ऐसे कस्टमर केयर से हो जाएं सतर्क
जोमैटो ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा है कि उनका कोई कस्टमर केयर नंबर ही नहीं है।
नई दिल्ली। अगर आप भी ऑनलाइन फूड डिलीवर करने वाली कंपनी जोमैटो से खाना मंगाते हैं और किसी शिकायत या सुझाव के लिए जोमैटो के कस्टमर केयर नंबर पर फोन करने की सोच रहे हैं तो जरा सावधान हो जाइए। कहीं ऐसा ना हो कि आप भी धोखाधड़ी के शिकार हो जाएं और अपने पैसे गंवा बैठें। दरअसल जोमैटो के फर्जी कस्टमर केयर नंबर के जरिए ऑनलाइन ठगी के कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिन्हें देखकर खुद कंपनी की भी नींद उड़ गई है। फर्जी कस्टमर केयर नंबर के बारे में कई ग्राहकों की तरफ से लगातार शिकायतें मिलने के बाद जोमैटो ने पुलिस में मामला दर्ज कराया है। जोमैटो ने अपनी शिकायत में कहा है कि उनका कोई कस्टमर केयर नंबर ही नहीं है।
फर्जी नंबर पर गंवाई रकम
जोमैटो के फर्जी कस्टमर केयर नंबर के जरिए ऑनलाइन ठगी का पहला मामला बेंगलुरू का है, जहां एक महिला ने रिफंड के चक्कर में अपने सेविंग अकाउंट की पूरी रकम ही गंवा दी। दरअसल, इस महिला ने जोमैटो से खाना ऑर्डर किया था और किसी बात से नाखुश होते हुए अपना रिफंड लेने के लिए गूगल से कस्टमर केयर का नंबर तलाशा। गूगल से मिले जोमैटो कस्टमर केयर नंबर पर जब महिला ने फोन कर अपनी बात बताई तो दूसरी तरफ से कहा गया कि 24 घंटों के भीतर उसे उसके पैसे वापस मिल जाएंगे और इसके कुछ ही मिनटों बाद महिला के पास उसके खाते में जीरो बैलेंस का मैसेज आ गया।
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बाद में मिलाया नंबर तो मिला पहुंच से बाहर
दरअसल महिला को गूगल से कस्टमर केयर का जो नंबर मिला था, उसपर महिला से कहा गया कि रिफंड की राशि गूगल पे के जरिए 24 घंटों के भीतर ट्रांसफर कर दी जाएगी और इसके लिए उसे Any Desk नामक मोबाइल ऐप डाउनलोड करना होगा। महिला ने ऐप डाउनलोड किया और कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव के बताए गए निर्देशों को फॉलो किया। इसके कुछ ही देर बाद महिला के पास उसके बैंक खाते में मौजूद कुल 17286 रुपए निकाले जाने का मैसेज आ गया। खाते में जीरो बैलेंस का मैसेज देखने के बाद महिला ने जब इस नंबर पर फिर से फोन किया तो वो नंबर पहुंच से बाहर बताया गया।
होशियारी दिखाई और ठगी का शिकार होने से बचा
इसी तरह के एक दूसरे केस में, चेन्नई के एक शख्स ने भी अपने रिफंड के लिए इंटरनेट पर मौजूद फर्जी कस्टमर केयर नंबर पर फोन किया। हालांकि इस शख्स ने थोड़ी होशियारी दिखाई और ठगी का शिकार होने से बच गया। दरअसल, इंटरनेट से मिले कस्टमर केयर नंबर पर मौजूद एग्जीक्यूटिव ने रिफंड देने के लिए इस शख्स से उसका यूपीआई पिन नंबर, पासवर्ड और बैंक की डिटेल मांगी। शख्स को जब कुछ शक हुआ तो उसने अपने बैंक की गलत डिटेल उस कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव को दे दी। इसके बाद उस शख्स के मोबाइल पर दो मैसेज आए, जिनमें से एक में 5 हजार रुपए और दूसरे में 10 रुपए निकालने की कोशिश की गई थी और जो गलत पिन नंबर के कारण रिजेक्ट हो गए।
जोमैटो ने दर्ज कराई शिकायत
इन शिकायतों के मिलने के बाद जोमैटो ने पुलिस की साइबर सेल में 25 जुलाई को मामला दर्ज कराया। पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में जोमैटो ने बताया कि उनका कोई कस्टमर केयर नंबर नहीं है और वो अपने ऐप पर मौजूद चैट सर्विस के जरिए ही अपने ग्राहकों की समस्याएं सुनते हैं। जोमैटो के एक अधिकारी ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि इंटरनेट पर मौजूद इस तरह के फर्जी नंबर ग्राहकों और कंपनी दोनों के लिए खतरनाक हैं। पुलिस ने इस मामले में आईपीसी के सेक्शन 420, सेक्शन 66सी और सेक्शन 66डी के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
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