जोमैटो CEO ने कहा- हावड़ा हड़ताल धर्म की वजह से नहीं बल्कि रेट कार्ड के चलते हुई
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के हावड़ा में कुछ डिलीवरी राइडर्स के हड़ताल पर चले जाने के बाद, उन्होंने आरोप लगाया कि उनसे कंपनी जबरन गोमांस और पोर्क के व्यंजन डिलीवर करा रही है। अब ज़ोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने इस मामले पर सफाई दी है। उन्होने अपने कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा कि यह विरोध हाल ही में किए रेट कार्ड सुधार से जुड़ा हुआ है। मामला भोजन या धर्म नहीं से जुड़ा हुआ है। गोयल ने कहा कि हावड़ा के एक स्थानीय राजनेता के संपर्क में आने के बाद इस मुद्दे को जानबूझकर गलत दिशा दी गई है। वहींं प्रदर्शन के पीछे राजनीतिक शक्तियों का दखल होने की खबरें सामने आने लगी हैं।
गोयल ने लिखे अपने पत्र में कहा है कि, हमने अपने ऑर्डर डेटाबेस को चैक किया है। उस पूरे क्षेत्र में पिछले तीन महीनों में ना तो पोर्क की डिलीवरी हुई है और ना ही किसी स्थानीय द्वारा पोर्क को कोई ऑर्डर दिया गया है। वहीं गोयल ने आगे लिखा कि, उनके पास बीफ डिलीवर करने का एक ऑर्डर आया था। जिसे ग्राहक ने पहुंचाने से पहले की कैंसल कर दिया। यह बीफ का एक मात्र ऑर्डर था। जबकि मैं आपको उस क्षेत्र के परिवारों द्वारा दिए गए ऑर्डर के बारे में फैक्ट दे सकता हूं।
ज़ोमैटो ने अपनी कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा, यह बहुत साफ तौर पर कहा जा रहा है कि, डिलीवरी पार्टनर अपनी स्वेच्छा से कंपनी के साथ जुड़े हैं, उन्हें अपने इलाके में कस्टमर द्वारा जो भी खाने के ऑर्डर दिए जाएंगे, उन्हें वे पूरे करने होंगे। बता दें दरअसल इस विरोध की शुरुआत हाल ही जोमैटो द्वारा रेट कार्ड में किए गए सुधार के बाद शुरू हुआ था। गोयल ने पत्र में कहा, जब हम किसी शहर मे अपनी सेवाओं की शुरुआत करते हैं तो हम अपने डिलीवरी पार्टनर्स को प्रति ऑर्डर और प्रति दिन एक निश्चित भुगतान देते हैं। जो उन्हें प्रति सप्ताह / महीने में निश्चित आय प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि, कुछ महीनों के बाद जैसा कि हमारे पास ऑर्डर अच्छी संख्या में आने लगते हैं और उनका काम अधिक कुशल हो जाता है। जिससे उनकी मासिक / साप्ताहिक आय बढ़ जाती है। तो हम अपने रेट कार्ड में सुधार करते हैं। गोयल ने कहा कि, रेट कार्ड सुधार एक नियमित प्रक्रिया है। कभी-कभी, कुछ डिलीवरी राइडर्स को रेट कार्ड सुधार को समझ नहीं पाते हैं तो वे बदलाव का विरोध करने लगते हैं।
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