दंगों के आरोपियों को जेड प्लस सुरक्षा का इनाम
नई
दिल्ली(विवेक
शुक्ला)
तो
क्या
दंगा
भड़काने
के
आरोपियों
को
जेड
प्लस
सरक्षा
कवर
मिलना
चाहिए?
1984
के
राजधानी
में
सिख
विरोधी
दंगों
के
दो
आरोपियों
सज्जन
कुमार
और
जगदीश
टाइटलर
को
जेड
प्लस
सुरक्षा
मिली
है।
इसी तरह से अब सरकार ने उत्तर प्रदेश के विधायक संगीत सोम की सुरक्षा जेड प्लस कर दी है। इस स्तर की सुरक्षा आमतौर पर अति विशिष्ट लोगों को ही दी जाती है। इस श्रेणी के सुरक्षादस्ते में सीआरपीएफ के कमांडो शामिल होते हैं। जाहिर है, केंद्र के इस फैसले पर उंगली उठ रही है। विपक्ष ने इसे मुद्दा बना लिया है।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील एच.एस फुलका दंगों के आरोपियों को सरकारी सरक्षा देने के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं। उन्होंने इस बात एक पत्र गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी लिखा है। उनका कहना है कि सरकार इनकी लोगों की सुरक्षा पर हर साल करोड़ों बर्बाद करती है।
महत्वपूर्ण है कि जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त लोगों को सरकार की तरफ से 30 सुरक्षा गार्ड मिलते हैं। जो दिन-रात इनकी सुरक्षा में लगे रहते हैं। इनके घर से लेकर दफ्तर तक में तैनात रहते हैं।
खोखर ने कहाकि 1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपी सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर को सरकारी बंगले भी मिलते रहे। वे कहते हैं कि बेहतर होगा कि इन लोगों की सुरक्षा पर जो राशि खर्च हो रही है,उसे दंगों के पीड़ितों को दिया जाए।
उधर, मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी बीजेपी विधायक संगीत सोम को जेड श्रेणी की सुरक्षा दे दी गई है। इसके विवाद खड़ा हो गया है। केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ विपक्षी दलों ने हल्लाबोल दिया है।
उधर गृह मंत्रालय की दलील है कि खुफिया रिपोर्टों में संगीत सोम की जान को खतरा बताया गया है, लिहाजा उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई गई है। उधर, संगीत सोम ने भी कहा है कि उनकी जान को खतरा है। संगीत सोम सरधना से बीजेपी के विधायक हैं।
उन पर मुजफ्फरनगर में दंगे भड़काने का इल्जाम है। यूपी पुलिस ने उनके खिलाफ आरोपपत्र भी दाखिल कर रखा है। लेकिन केंद्र सरकार ने इन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा दे दी है।