TikTok स्टार पर ऐसे भारी पड़ते रहे हैं YouTube-Instagram की दुनिया के दिग्गज
नई दिल्ली-जानकारों की मानें तो सोशल मीडिया के लोकप्रिय प्लेटफॉर्म यूट्यूब और इंस्टाग्राम से जुड़े प्रभावाली लोग (influencers) ब्रैंड साझेदारियों के जरिए चाइनीज शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक के स्टारों से कम से कम तीन गुना ज्यादा कमाई करते रहे हैं। हालांकि, यूजर इंगेजमेंट के हिसाब से टिकटॉक ने अपने सभी विरोधी प्लेटफॉर्म को काफी पीछे छोड़ रखा है। बता दें कि मोदी सरकार ने सुरक्षा वजहों से जिन 59 चाइनीज ऐप पर पाबंदी लगाई है, उनमें सबसे लोकप्रिय टिकटॉक भी शामिल है। गौरतलब है कि सरकार के इस कदम से इस शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म के जरिए लाखों कमाने वाले कुछ कंटेंट क्रिएटर्स को बहुत बड़ा झटका लगा है।
ब्रैंड प्रमोशन से कमाई में टिकटॉकियर रहे हैं पीछे
जहां तक इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ब्रैंड प्रमोशनों के जरिए कमाई की बात है तो एक अनुमान के मुताबिक अगर यूट्यूब और इंस्ट्राग्राम पर प्रभावी लोगों में से 10,000 लोग पैसे बनाते हैं तो उसी कैटेगरी में टिकटॉक से जुड़े सिर्फ 100 लोगों को ही वह मौका मिल पाता है। ये जानकारी इंफ्लुएंसर मार्केटिंग एक्सपर्ट्स ने दी है। इन्हीं में से एक फर्म ग्रीनरूम की सह-संस्थापक लक्ष्मी बालसुब्रमण्यम कहती हैं, 'कुछ मामलों में टिकटॉकियर, यूट्यूब और इंस्ट्राग्राम के अपने प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले 10 गुना ज्यादा फॉलोअर्स पर कमांड रखते हैं, लेकिन, उनमें से 100 ही बहुत ज्यादा अच्छे क्रिएटर्स होंगे जो सिर्फ स्पॉन्सर्ड कंटेंट वीडियों से पैसे बनाते होंगे।' बाकी टिकटॉक क्रिएटर्स परोक्ष तौर पर प्लेटफॉर्म पर अपनी लोकप्रियता के चलते फैंस से गिफ्ट के रूप में या पैसे लेकर कार्यक्रमों में उपस्थित होकर कमाई जरूर कर लेते हैं।
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ब्रैंड प्रमोशन के क्षेत्र में भी अलग क्लास पर कब्जा
इतना ही नहीं ब्रैंडेड कंटेंट स्पेस में टिकटॉक पिछले साल ही शामिल हुआ है, जबकि गूगल की स्वामित्व वाला यूट्यूब और फेसबुक के इंस्टाग्राम पर ब्रांड प्रमोशन पिछले 4-5 वर्षों से चल रहा है। दोनों तरह के प्लेटफॉर्म पर क्लास का भी फर्क है। मसलन, यूट्यूब और इंस्ट्राग्राम पर टेक्नोलॉजी, फूड, फैशन, ब्यूटी, ट्रैवल और लाइफस्टाइल से जुड़े ब्रैंड प्रमोशन आते हैं, जबकि टिकटॉक के मामले में अधिकतर ब्रैंड प्रमोशन कंटेंट म्यूजिक और फिल्म स्टूडियो या फिल्मों से जुड़े प्रमोशन ही ज्यादा होते हैं।
ब्रैंडे प्रमोशन से कमाई में यूट्यूब सबपर भारी
कैटेगरी-ए वाले ब्रैंडेड प्रमोशनल वीडियो पाने के लिए यूट्यूब पर एक महीने में एक वीडियो पर 5 से 7 मिलियन व्यूज मिलना जरूरी है। इंस्टाग्राम के लिए 6-7 मिलियन फॉलोअर्स होने चाहिए, जबकि टिकटॉक के लिए 10 मिलियन फॉलोअर्स होने चाहिए। आमतौर पर कैटेगरी-ए वाले कम से कम 10 मिलिटन फॉलेअर्स वाले टिकटॉक क्रिएटर को एंटरटेंमेंट कैटेगरी में प्रति ब्रैंडेड प्रोजेक्ट के 3-4 लाख रुपये मिल जाते हैं। हालांकि, उसी के आसपास वाले इंस्टाग्राम कंटेंट क्रिएटर को 4-5 लाख रुपये तक मिलते हैं। लेकिन बालासुब्रमण्यम कहती हैं कि '(यूट्यूब वालों की) उनकी कमाई प्रति प्रोजेक्ट 25 लाख रुपये से भी ज्यादा हो सकती है।'
पेशेवर कंटेंट क्रिएटर की कमाई जानिए
इस अंतर का सबसे बड़ा उदाहरण दिल्ली की फूड ब्लॉगर सारा हुसैन हैं। वो एक ही ब्रैंडेड पोस्ट के लिए इंस्टाग्राम के लिए टिकटॉक के मुकाबले पांच गुना ज्यादा चार्ज करती हैं। हुसैन के इंस्टाग्राम पर 3,00,000 फॉलोअर्स हैं और टिकटॉक पर उसके एक-तिहाई फॉलोअर्स हैं। लेकिन वो कहती हैं कि टिकटॉक पर उनके तीन महीने में ही इतने फॉलोइर हो गए, लेकिन इंस्टाग्राम पर 1,00,000 फॉलोअर बनाने में उन्हें दो साल लग गए। हुसैन के यूट्यूब चैनल Zingy Zest पर 80,000 से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं और उनके हर वीडियो पर 50 हजार से एक लाख व्यूज मिल जाते हैं। उनके मुताबिक यूट्यूब उन्हें दो रास्ते से पैसे देता है- या तो एक वीडियो के लिए फिक्स पैसा या 1,000 व्यूज पर 1 डॉलर। इसके अलावा कोई ब्रैंड साइन करता है तो वो अलग से भुगतान करता है।
टिकटॉक के बाद और बदलेगी तस्वीर
जानकार मानते हैं कि टिकटॉक के जाने के बाद कंटेंट क्रिएटर अब यूट्यूब और इंस्टाग्राम की ओर ज्यादा रुख करेंगे। लंबे वीडियो कंटेंट के लिए यूट्यूब और छोटे वीडियो के लिए इंस्टाग्राम। इसके लिए लोगों ने अब इंस्टाग्राम रील देखना शुरू कर दिया है, जो अभी भारत में लॉन्च तो नहीं हुआ है, लेकिन फ्रांस जैसे यूरोपीय देशों में खूब प्रचलन में है। इस ऐप पर टिकटॉक जैसै ही शेयरिंग फोटो और वीडियो फीचर है, जिसके बारे में लोग मान रहे हैं कि भारत में भी यह जरूर लॉन्च हो ही जाएगा।