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नरेंद्र मोदी के लिए विपक्षी दलों से बड़ी चुनौती पेश करने की तैयारी में ‘यूथ ब्रिगेड’

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नई दिल्ली। आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से टक्कर लेने के लिए विपक्षी एकता की बात हो रही है लेकिन फिलहाल जमीनी स्तर पर इसमें कोई बहुत बड़ी सफलता नहीं मिली है। राज्यों में कुछ जगह जरूर उप चुनावों में विपक्ष को जीत मिली हो लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष के बीच फिलहाल कोई सहमति नहीं बनी है,तमाम समीकरण देखे जा रहे हैं। लेकिन इस बीच लगभग 12 विपक्षी पार्टियों के युवाओं के लिए बने संगठनों ने हाथ मिला लिया है और एक साथ आकर बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को चुनौती देने का फैसला किया है।

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युवा संगठनों की ललकार
4 सितंबर को पारित प्रस्ताव के बाद गठित संयुक्त युवा मोर्चा (UYF) के बैनर तले पार्टीयों के ये यूथ विंग 8 अक्टूबर को नई दिल्ली में जंतर मंतर पर एनडीए सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। संयुक्त युवा मोर्चा में कांग्रेस पार्टी की युवा इकाई भारतीय युवा कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन, समाजवादी पार्टी की समाजवादी युवजन सभा, एनसीपी की राष्ट्रीय छात्र कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल का युवा राष्ट्रीय लोक दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा का झारखंड युवा मोर्चा, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम यूथ विंग, फॉरवर्ड ब्लॉक की अखिल भारतीय युवा लीग और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की मुस्लिम युवा लीग शामिल हैं।

एक साथ आने का समय

एक साथ आने का समय

मोर्चा के नेताओं का कहना है कि मोदी सरकार में किसान आत्महत्या, जाति और धर्म के नाम पर पूरे देश में हिंसा, ऐसे मामले हैं जिनके विरोध में युवाओं को एक साथ आने की जरूरत है और युवा मोर्चा सरकार की "असफल" नीतियों के खिलाफ विरोध करेगा। मुस्लिम युवा लीग के नेता सबीर एस गफार का कहना है कि इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती बढ़ रही बेरोजगारी है और सरकार इस पर काम करने में पूरी तरह असफल रही है। दूसरा राफले और मुद्रा ऋण के जरिए किया जा रहा भ्रष्टाचार है। तीसरी चुनौती सांप्रदायिकता की है जो देश की एकता को खतरा पैदा कर रही है

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ये राजनीतिक गठबंधन नहीं

ये राजनीतिक गठबंधन नहीं

भारतीय युवा कांग्रेस के प्रवक्ता अमृश रंजन पांडे का कहना है कि इस संयुक्त युवा मोर्चा को चुनावी राजनीति के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। ये कहना गलत होगा कि राजनीतिक दलों के युवा संगठनों का एक साथ आना राजनीतिक स्तर पर दलों के बीच गठबंधन का ही एक हिस्सा है। अभी संयुक्त युवा मोर्चा केवल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने जा रहा है लेकिन बाद में देशव्यापी विरोध शुरू करने की भी योजना है।

सरकार के खिलाफ रोष

सरकार के खिलाफ रोष

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि युवाओं का इस तरह से बीजेपी सरकार के खिलाफ एक साथ आना दिखाता है कि उनके भीतर बीजेपी सरकार को लेकर आक्रोश बढ़ रहा है। 2014 के लोकसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर युवाओं ने नरेंद्र मोदी का साथ दिया था और अगर इस बार युवा मतदाता खुद को ठगा महसूस करता है तो वो दूसरी ओर रुख कर सकता है। अभी हाल में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक इस वक्त देश में बेरोजगारी की दर सबसे उच्चतम 16 फीसदी के स्तर पर जा पहुंची है ऐसे में युवाओं का रोष बीजेपी के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर सकता है।

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English summary
Youth wings of opposition parties are ready to take on Modi government
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