आम्रपाली ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, होम बॉयर्स को दिया ये भरोसा
इससे पहले फ्लैट खरीदारों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अजीत सिन्हा ने कहा कि आम्रपाली के हलफनामे में 2766 करोड़ रुपये दो कंपनियों के खाते में ट्रांसफर करने की बात थी
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली में निवेश करने वाले 43,000 निवेशकों को भरोसा दिलाया है कि उनका पैसा सुरक्षित है। वहीं आम्रपाली ने अपनी लंबित परियोजनाएं पूरा करने के बजाय 2700 करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसी दूसरी कंपनी के खाते में ट्रांसफर कर दिए थे। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी से पांच दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आम्रपाली यह बताए कि आखिर क्यों और किस परिस्थिति में इतनी बड़ी रकम दूसरे के खाते में ट्रांसफर की गई।
'किन प्रावधानों के तहत एक परियोजना के पैसे दूसरी कंपनियों को हस्तांतरित किए गए'
सुप्रीम कोर्ट ने गौर किया है कि कंपनी ने उसके समक्ष दाखिल अपने हलफनामे में कहा था कि 2766 करोड़ रुपये दो अन्य कंपनियों को हस्तांतरित किए गए थे। कोर्ट ने कहा है कि कंपनी ने स्थिति को जटिल बना दिया है और इसका हल करने की जरूरत है ताकि परेशान 43 हजार से अधिक घर खरीदारों को राहत मिल सके। कर्ज का भुगतान नहीं करने के कारण कंपनी कर्जदाता बैंकों द्वारा शुरू की दिवालिया कार्यवाही का सामना कर रही है। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति यू यू ललित की पीठ ने कहा कि कंपनी को स्पष्ट करना होगा कि किन प्रावधानों के तहत एक परियोजना के पैसे दूसरी कंपनियों को हस्तांतरित किए गए।
कोर्ट में ब्यौरा पेश करने का आदेश
इससे पहले फ्लैट खरीदारों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अजीत सिन्हा ने कहा कि आम्रपाली के हलफनामे में 2766 करोड़ रुपये दो कंपनियों के खाते में ट्रांसफर करने की बात थी। उन्होंने कहा कि आम्रपाली के पास इस बात का कोई जवाब नहीं कि आखिर फंड ट्रांसफर क्यों किए गए। उन्होंने कहा कि अगर यह धन उपलब्ध हो जाए तो फ्लैट खरीदारों की दिक्कतें दूर हो जाएंगी।आम्रपाली बिल्डर्स और होम बायर्स के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली और उनके डेवलपर को कहा है कि उन्होंने जो करोड़ों रुपये होम बायर्स से लिए हैं उनका ब्यौरा कोर्ट में पेश करें।
'15 मई तक इस मसले पर अपना हलफनामा दाखिल करे'
आम्रपाली ग्रुप के हार्ट बीट सिटी के खरीदारों के मामले मे कोर्ट ने ग्रुप को कहा है कि 15 मई तक इस मसले पर अपना हलफनामा दाखिल करे। हार्ट बीट सिटी के खरीदारों का कहना है कि उनको उनकी रकम वापस चाहिए। हार्ट बीट सिटी के खरीदार 90 फीसदी तक रुपयों का भुगतान कर चुके हैं इसके बावजूद वो अपना पैसा वापस चाहते हैं। 15 मई तक मामले में ग्रुप को जवाब देना है। 16 मई को अगली सुनवाई होगी।
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