जानिये कैसे आपका इंटरनेट खतरे में हैं, नेट न्यूट्रैलिटी के बारे में 8 अहम बातें
बेंगलुरू(अंकुर सिंह)। नेट न्यूट्रैलिटि को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है साथ ही लोगों ने इंटरनेट के इस्तेमाल पर प्राइवेट कंपनियों की मनमानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लेकिन नेट न्यूट्रैलिटी के बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी है। ऐसे में हम आपको इस विषय पर आपको अहम बातें बतायेंगे जो आपके लिए जानना बेहद जरूरी है।
1-क्या
है
नेट
न्यूट्रेलिटी
दरअसल
आप
जिस
तरह
से
अभी
अपने
मोबाईल
और
लैपटॉपर
इंटरनेट
को
इस्तेमाल
कर
रहे
हैं।
उसमें
संशोधन
की
बात
हो
रही
है।
नये
नियम
के
अनुसार
आपको
विभिन्न
साइटों
को
खोलने
के
लिए
अलग-अलग
शुल्क
देना
होगा।
इसी
संभावित
नियम
के
खिलाफ
लोगों
ने
नेट
न्यूट्रेलिटि
अभियान
शुरु
किया
है।
जानिये क्या है नेट न्यूट्रैलिटी, आपकी जेब पर पड़ सकता बोझ
अभी तक आपको किसी भी वेबसाइट को इस्तेमाल करने के लिए आपके फोन में जो डेटा पैक है उसके इस्तेमाल से आप किसी भी साइट को खोल सकते हैं। लेकिन अगर नये नियम आते हैं तो आपकी यह आजादी खतरे में पड़ सकती है।
2- आखिर क्यूं हो रहा नेट न्यूट्रैलिटी पर विवाद
दरअसल टेलीकॉम कंपनी एयरटेल ने एक नया प्लेटफॉर्म एयरटेल जीरो का निर्माण किया है। एयरटेल जीरों पर आपको अलग-अलग साइट खोलने के आधार पर शुल्क देना होगा। ऐसे में आपको विभिन्न एप्स और साइटों के लिए अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा। फिलहाल ये सारे एप्स और साइटें आप अपने डेटा पैक की मदद से खोल सकते हैं।
अगर नये निमय आते हैं तो आपको व्हाट्सएप, चैट ऑन, इंस्टाग्राम, गूगल टॉक, हाइक सहित तकरीबन सभी मैसेजिंग एप को इस्तेमाल करने के लिए आपको अपने डेटा पैक के अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा। इस नये नियम के खिलाफ लोगों ने फेसबुलक, ट्विटर सहित कई सोशल साइट पर मुहिम छेड़ रखी है।
3-
नेट
न्यूट्रैलिटी
के
खिलाफ
क्या
हैं
तर्क
दरअसल टेलीकॉम और इंटरनेट कंपनियों ने अपने मूलभूत ढांचे को खड़ा करने के लिए एक बड़ी राशि का निवेश किया है जिसका भरपायी होनी काफी जरूरी है। कंपनियों का कहना है कि इंटरनेट के जरिए फेसबुक, गूगल जैसी कंपनियां इंटरनेट के फ्री इस्तेमाल के जरिए बड़ी कमाई कर रही हैं। लेकिन इन चीजों का सर्विस प्रोवाइडर को कोई लाभ नहीं हो रहा है।
4-
आपको
क्यों
इसकी
चिंता
करनी
चाहिए।
मान लीजिए यूट्यूब या स्काइप जैसी बड़ी कंपनियां अपनी साइट्स को इंटरनेट पर तेज खुलने के लिए सर्विस प्रोवाइडर्स को अतिरिक्त भुगतान करती हैं तो इन कंपनियों के इस्तेमाल करने वालों की संख्या में बड़ी वृद्धि होगी। लेकिन स्काइप और यूट्यूब के जो अन्य प्रतिद्वंदी कंपनियां हैं उनको इसका लाभ नहीं मिलेगा और ये धीमी रफ्तार में खुलेंगी। ऐसे में छोटी कंपनियां जो इन बड़ी कंपनियों को टक्कर दे सकती हैं वो रातो-रात तबाह हो जायेंगी।
5- आपके इंटरनेट को इस्तेमाल करने की दायरे पर रोक लग सकती है
मान लीजिए आप किसी होटल के बारे में जानना चाहते हैं या अपने अपनी छुट्टियों को प्लान करना चाहते हैं। ऐसे में आपको सिर्फ वहीं रिव्यू देखने को मिलेंगे जो सर्वाधिक लोकप्रिय हैं। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि होटल कंपनियां आपके इंटरनेट प्रोवाइडर कंपनी को उन रिव्यू को बंद करने के लिए पैसे दे सकती है जो उनके खिलाफ हो।
6- आपको अलग-अलग साइटों के लिए चुकाना होगा अलग शुल्क
अगर नेट न्युट्रैलिटि नहीं होगी तो आपको उन साइट्स के लिए अतिरिक्त शुल्क चुकाना पड़ सकता है जो काफी लोकप्रिय हैं या जिनका इस्तेमाल सर्विधिक किया जाता है। मान लीजिए यूट्यूब जैसी साइट जिनका इस्तेमाल करने में आपका डेटा अधिक खर्च होता है ऐसे में आपको यूट्यूब के इस्तेमाल के लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
ऐसा मुमकिन है कि कोई और साइट जिसे खुलने में इतना ही डेटा खर्च होता हो लेकिन बावजूद इसके आपको यूट्यूब के इस्तेमाल के लिए अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
7- आप क्या कर सकते हैं इसके लिए
आपको इस मुद्दे को बेहतर तरीके से समझने की जरूरत है। साथ ही इस नये प्रस्तावित नियम के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद करने की भी जरूरत है। सेव द इंटरनेट जैसी साइट पर आप अपनी शिकायत दर्ज करके इस नियम के खिलाफ अपनी आवाज को उठा सकते हैं।
ट्राई इस साइट पर मिली प्रतिक्रिया का संज्ञान लेगी। इसके लिए 24 अप्रैल 2015 तक आपको अपनी आपत्ति दर्ज करानी होगी। ट्विटर पर नेट न्युट्रैलिटि के हैशटैग को भी आप फॉलो कर सकते हैं और अपना विरोध दर्ज करा सकते हैं।
8- फिल्मी सितारे भी इस अभियान में का समर्थन कर रहे हैं
इस नये नियम के खिलाफ और नेट न्युट्रैलिटि के समर्थन में कई बॉलीवुड के सितारे भी मैदान में उतर आये हैं। शाहरुख खान, सोनाक्षी सिन्हा, वरुण धवन, आलिया भट्ट, परिणिति चोपड़ा ये वो सितारे हैं जिन्होंने नेट न्युट्रैलिटि के समर्थन में सोशल मीडिया पर अपनी बात रख रहै हैं। वहीं लोगों की प्रतिक्रिया को देखते हुए फ्लिपकार्ट ने एयरटेल जीरो से अपने करार को खत्म कर दिया है।