सनसनीखेज खुलासा: 13 साल से कम और 15 की साल से ज्यादा की लड़कियों को पत्नी नहीं बनाते ISIS आतंकी
नई दिल्ली। इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) की दरिंदगी या फिर उसके खौफनाक नियम-कानून की कहानियां अकसर सुनने को मिलती हैं। लेकिन इस बार आईएसआईएस के क्रूरता की जो कहानी सामने आई है वो बिल्कुल अलग है। सीरिया के रक्का में करीब चार दशकों से दाई का काम कर रही समीरा अल-नस्र ने वहां के हालात की जानकारी दी है। उन्होंने आईएसआईएस के आतंकियों को लेकर भी कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। अल-नस्र ने कहा है कि उन्होंने हजारों बच्चों की डिलिवरी कराई, लेकिन पिछले दो सालों में यहां के हालात बदल गए हैं। उन्होंने कहा कि यहां आतंकी बच्चे का जन्म होते ही उसे वर्दी पहना देते हैं। विस्तार से जानिए और क्या-क्या खुलासा किया है अल-नस्र ने।
बेटे को आतंकवादी बनाने पर बाप को होता है गर्व
अल-नस्र ने बताया कि हाल ही में एक तुर्किश इस्लामिक लड़ाके के यहां एक बच्चे का जन्म हुआ। जन्म के बाद बच्चे को तुरंत आतंकियों वाले कपड़े पहना दिए गए। इस पर बच्चे के पिता ने खुद पर गर्व करते हुए कहा कि उसका बच्चा इस्लामिक लड़ाका बनेगा। अल-नस्र कहती हैं, मैंने मना किया कि बच्चे की नाजुक त्वचा के लिए इतनी मोटी ड्रेस नुकसानदायक होगी, लेकिन वह नहीं माना।
15 साल से ज्यादा उम्र की लड़कियों से नहीं करते शादी
नस्र ने कहा की "दाईश कभी भी 15 साल से ज्यादा उम्र की लड़कियों को बीवी भी नहीं बनाते हैं।'' उन्होंने कहा की "मैंने कई बार दाईश के आतंक से भागने की कोशिश की लेकिन मेरी कोशिश सफल नहीं हो पायी। यहां पकड़े जाने पर हमेशा के लिए जेल या बीच चौराहे पर मौत तक की सजा दी जाती है। अल-नस्र ने कहा की उन्होंने मेरे रिटायर्ड अरबी टीचर को भी जेल में डाल रखा है और यह कभी भी 13 साल से कम और 15 साल से अधिक उम्र की लड़कियों को अपनी बीवी नहीं बनाते हैं।
इंसान नहीं अलग ही प्राणी हैं
उन्होंने कहा की "मैंने दशकों से देखा था की सीरिया में पत्नियों की उम्र कभी 18 साल से कम नहीं होती थी लेकिन रक्का में अब नए उदाहरण देखने को मिल रहे हैं। यहां अधिकतर लोग विदेशी हैं, जिन्होंने स्थानीय लोगों को खूब लूटा। इस्लामिक लड़ाकों के बारे में बात करते हुए नस्र कहती हैं कि वो इंसान नहीं हैं वो तो अलग ही तरह के प्राणी हैं।