भगवान रामलला के साथ-साथ अयोध्या को 'सूर्य देवता' को भी समर्पित करना चाहती है योगी सरकार
नई दिल्ली- आने वाले वर्षों में यूपी सरकार को अयोध्या की वजह से पर्यटकों की तादाद में भारी इजाफे की उम्मीद है। इसी को ध्यान में रखकर योगी आदित्यनाथ सरकार ने अयोध्या के विकास के लिए और उसे बहुत बड़े धार्मिक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की योजना तैयार की है और उसपर अमल करना शुरू कर दिया है। अयोध्या जिले के विभिन्न विभागों के अफसरों के साथ बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को इन कार्यों में तेजी लाने और गुणवत्ता के साथ समय पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राम नगरी अयोध्या को 'सोलर सिटी' के रूप में भी विकसित करने की संभावना तलाशने के लिए अधिकारियों से कहा है।
अयोध्या के विकास के लिए 2,000 करोड़ रुपये का मेगा प्लान
अयोध्या के ऐतिहासिक और धार्मिक गौरव को फिर से लौटाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का मेगा प्लान तैयार किया है। राज्य के सूचना विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इसके लिए भगवान राम की नगरी अयोध्या को बड़े धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। राज्य को उम्मीद है कि राम मंदिर और भगवान राम की विशाल प्रतिमा के निर्माण के बाद आने वाले 11 वर्षों में सैलानियों की संख्या में मौजूदा 2.2 करोड़ से तीन गुना से ज्यादा बढ़कर 6.8 करोड़ सालाना हो जाएगी। अयोध्या में बनने वाली भगवान राम की प्रतिमा विश्व में सबसे ऊंची होने की उम्मीद है। अयोध्या जिले से संबंधित विकास कार्यों की समीक्षा के लिए अंतर-विभागीय वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार अयोध्या के चौतरफा विकास के लिए प्रतिबद्ध है और ये सारे कार्य गुणवत्ता के सभी मानकों का पालन करते हुए समय पर पूरे होने चाहिए।
अयोध्या की ब्रांडिंग के लिए पेशेवरों की सेवा लें- सीएम
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या तेजी से धार्मिक पर्यटन के केंद्र के रूप में उभर रही है। इसीलिए विकास के कार्य शीघ्रता से किए जाएं और फंड की कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी। सीएम ने कहा कि, 'अयोध्या की ब्रैंडिंग के लिए अच्छे और कुशल पेशेवरों की सेवा ली जानी चाहिए। विकास की योजना इस तरह से तैयार की जानी चाहिए कि अयोध्या की ऐतिहासिक और धार्मिक विरासत सुरक्षित रहे। ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व के स्थानों को बहाल किया जाएगा। अयोध्या में एयरपोर्ट के निर्माण में आने वाले सभी अवरोधों को दूर किया जाएगा। एयरपोर्ट के लिए 160 एकड़ जमीन हासिल किया गया है, बाकी 250 एकड़ भी जल्द अधिग्रहित कर लिया जाएगा। ' उन्होंने भविष्य में अयोध्या में ज्यादा लोगों के पहुंचने की संभावना के मद्देनजर दो बस स्टेशन होने की भी बात कही है।
सरयू रिवरफ्रंट के लिए भी विशेष योजना
योगी सरकार को भरोसा है कि जल्द ही अयोध्या में श्रद्धालुओं और सैलानियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। उनके मुताबिक, 'देश और देश के बाहर के श्रद्धालुओ और सैलानियों के आने क्रम जल्द ही शुरू हो जाएगा। पर्यटन विभाग को कुशल गाइडों की उपलब्धता बनाए रखने के लिए ऐक्शन प्लान तैयार कर लेना चाहिए....अधिकारियों को मल्टीलेवल पार्किंग के लिए जगह तैयार करने का निर्देश दिया गया है। तीर्थयात्रियों और यात्रियों को ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पंचकोसी, चौदह कोसी और चौरासी कोसी मार्गोंको विकसित किया जाएगा....लिस्ट में गुप्तार घाट से नया घाट का रिवरफ्रंट भी शामिल है और सिंचाई विभाग को राम की पैड़ी में सरयू नदी के जल का बहाव सुनिश्चित करने के लिए ऐक्शन प्लान तैयार करना चाहिए। '
केंद्र को भी भेजा जाएगा 200 करोड़ की योजना का प्रस्ताव
इस मौके पर अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि अयोध्या में सड़कों का चौड़ीकरण और राम कथा पार्क के विस्तार का काम तत्परता के साथ किया जा रहा है। उन्हें जानकारी दी गई कि 258.12 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को पर्यटन विभाग ने पहले ही अपने हाथों में ले लिया है। इसके अलावा विभाग केंद्र सरकार को थीम-आधारित द्वारों के निर्माण, परिक्रमा मार्गों का विकास, सभी कुंडों का जीर्णोद्धार और पर्यटकों से जुड़ी सुविधाओं, पार्किंग और फूड कोर्ट के निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये का एक प्रस्ताव केंद्र को भेज रहा है।
'सोलर सिटी' के रूप में विकसित करना चाहती है सरकार
अयोध्या भगवान राम की नगरी है, लेकिन लगता है यूपी सरकार रामलला के शहर को सूर्य देवता को भी समर्पित करने की तैयारियों में जुटी हुई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह संभावना तलाशने को कहा है कि क्या अयोध्या को 'सोलर सिटी' के रूप में विकसित किया जा सकता है, जिससे कि इस जिले को ये पहचान भी मिल सके। इसके साथ ही उन्होंने प्रभु राम की प्रतिमा बनाने के लिए मांझा बरहटा गांव में 80.357 हेक्टेयर जमीन खरीदने के लिए कीमत तय करने या जमीन अधिग्रहित करने के दौरान जनहित को भी ध्यान में रखने को कहा है।