कैराना उपचुनाव में हार के बाद अमित शाह से पहली बार मिले योगी आदित्यनाथ
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली में पहुंचे हैं, जहां उन्होंने सोमवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। कैराना और नूरपुर में हार के बाद योगी आदित्यनाथ की अमित शाह से ये पहली मुलाकात है। माना जा रहा है कि इस दौरान दोनों नेताओं के बीच उपचुनाव के नतीजों पर चर्चा हुई है। ऐसा इसलिए क्योंकि उपचुनाव के नतीजों के बाद से योगी आदित्यनाथ अपनों के निशाने पर हैं। हालांकि मुलाकात के बाद यूपी के सीएम ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
दिल्ली में सीएम योगी, अमित शाह से की मुलाकात
पहले गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी की करारी हार और फिर 31 मई को कैराना लोकसभा और बिजनौर के नूरपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के नतीजों में पार्टी को हार का सामना पड़ा। ये सभी सीटें पिछले चुनाव में बीजेपी के खाते में गई थी। कैराना और नूरपुर में बीजेपी की हार के बाद पार्टी के कई नेताओं ने अपरोक्ष तौर पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा। इस सबके बीच योगी आदित्यनाथ आज दिल्ली पहुंचे, जहां उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान उनके बीच क्या बात हुई ये साफ तौर से पता नहीं चल सका। हालांकि माना जा रहा है कि उपचुनाव में बीजेपी की हार पर चर्चा जरूर हुई है। ऐसा माना जा रहा है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव की रणनीति पर भी उनके बीच बातचीत हुई है।
कैराना-नूरपुर में बीजेपी की हार के बाद शाह से मिले सीएम योगी
अमित शाह से मुलाकात के पहले योगी आदित्यनाथ दिल्ली के एम्स अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात की। केशव प्रसाद मौर्य को बीती 25 मई को मस्तिष्क में घाव के चलते एम्स में भर्ती कराया गया था और हाल ही में उनकी न्यूरो सर्जरी हुई है। सियासी गलियारों में चर्चा थी कि डिप्टी सीएम के अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद सीएम योगी उनसे मिलने नहीं आए। इस बीच सोमवार को सीएम योगी ने एम्स पहुंचकर केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात की और उनका हाल-चाल जाना।
एम्स में केशव प्रसाद मौर्य को देखने पहुंचे योगी आदित्यनाथ
रविवार को यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कैराना और नूरपुर में मिली हार के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा था, 'भाजपा ने 2017 का यूपी विधानसभा चुनाव केशव प्रसाद मौर्य का चेहरा सामने रखकर लड़ा था और चुनाव जीतने के बाद योगी आदित्यनाथ को सीएम बना दिया। यूपी के पिछड़े वर्ग ने इस उम्मीद के साथ भाजपा को वोट दिया कि मौर्य सीएम बनेंगे। पिछड़े वर्ग की नाराजगी के चलते ही भाजपा को उपचुनावों में लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है।'