योगी ने दी एलिवेटेड रोड की सौगात, महज 7 मिनट में तय होगा गाजियाबाद से दिल्ली का सफर
Recommended Video
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं, इस दौरान उन्होंने गाजियाबाद के 10 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड रोड का उद्घाटन किया। इस रोड के बन जान के बाद अब गाजियाबाद से दिल्ली का सफर महज 7 मिनट में तय होगा। उद्घाटन से पहले मुख्यमंत्री ने राजनगर से वसुंधर तक एलिवेटेड रोड का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री का स्वागत करने के लिए यहां डीएम रितु माहेश्वरी और एसएसपी वैभव कृष्ण हिंडन एयरबेस पहुंचे थे। मुख्यमंत्री के निरीक्षण के बाद एलिवेटेड रोड को वाहनों के लिए खोल दिया गया, जिसके बाद तमाम गाड़ियों का आवागमन यहां शुरू हो गया है। इसके अलावा योगी आदित्यनाथ इस दौरान 1700 करोड़ रुपए की तमाम विकास योजनाओं का भी ऐलान करेंगे। इन तमाम उद्घाटन और विकास कार्यों के ऐलान के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक रैली को भी संबोधित कर सकते हैं।
जाम से मिलेगी निजात
गाजियाबाद में मुख्यमंत्री जिस 10 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड सड़क का उद्घाटन करेंगे वह यूपी गेट से राजनगर एक्सटेंशन को जोड़ेगी। इस एलिवेटेड रोड के बन जाने के बाद दिल्ली से मेरठ जाने वाले यात्रियों को काफी सुविधा हो जाएगी और उन्हे जाम में नहीं फंसना पड़ेगा। आपको बता दें कि इस रोड की शुरुआत अखिलेश सरकार में हुई थी। सिंगल पिलर पर बनने वाला यह देश की सबसे बड़ी एलिवेटेड सड़क में से एक है। इस कार्यक्रम के दौरान गाजियाबाद से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह, यूपी सरकार के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा सहित कई अन्य लोग मौजूद रहेंगे।
1171 करोड़ की परियोजना
आपको बता दें कि अखिलेश यादव की सरकार के कार्यकाल के दौरान इस एलिवेटेड रोड का निर्माण शुरू हुआ था, इसका कुल बजट 1171 करोड़ रुपए था। इस रोड के बनने से दिल्ली से मेरठ, मुरादनगर और मोदीनगर जाने वाले लोगों को काफी सहूलियत होगी। इस रोड से नेशनल हाईवे 24 और नेशनल हाईवे 58 पहुंचना भी काफी आसान हो जाएगा। इस रोड पर प्रति घंटा 4000 वाहन गुजरेंगे
अंबेडकर के मुद्दे पर भी बोल सकते हैं
गौरतलब है कि इससे पहले योगी सरकार ने संविधान निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर के नाम को बदलकर भीमराव रामजी आंबेडकर करने का सर्कुलर जारी किया था। ऐसे में माना जा रहा है कि इस कार्यक्रम के दौरान वह इस मुद्दे पर भी अपनी बात रख सकते हैं। प्रदेश सरकार की ओर से शासनादेश जारी करके कहा गया था कि तमाम सरकारी दफ्तर, दस्तावेज और कोर्ट में बाबा साहब का नाम डॉक्टर भीमराव रामजी आंबेडकर लिखा जाएगा।
इसे भी पढ़ें- बुलंदशहर: सांस्कृतिक मेले में अश्लील डांस पर उड़े नोट, देखती रही पुलिस