17 जातियों को लेकर योगी सरकार के फैसले पर मोदी सरकार ने उठाए सवाल, बताया- असंवैधानिक
नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के उस फैसले को गैर-संवैधानिक करार दिया है, जिसके तहत 17 पिछड़ी जातियों (OBC) को अनुसूचित वर्ग (SC) में शामिल किया गया है। राज्यसभा में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने यूपी सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार का फैसला कानूनी रूप से उचित नहीं है। ऐसे में केंद्र सरकार ने योगी सरकार को 17 ओबीसी जातियों को अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र जारी करने से रोकने के निर्देश दिए हैं।
मोदी सरकार का योगी सरकार को झटका
यूपी सरकार के फैसले पर राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा, "यह पूरी तरह से असंवैधानिक है क्योंकि ये संसद का विशेषाधिकार है और यह किसी भी विधि न्यायालय में मान्य नहीं है। हम योगी सरकार से इस फैसले को वापस लेने का अनुरोध करेंगे।" राज्यसभा में शून्य काल के दौरान बहुजन समाज पार्टी के दिग्गज नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने यूपी सरकार के फैसले को उठाया।
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केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत ने यूपी सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की
बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा कहा, "यूपी सरकार ने 17 जातियों को ओबीसी की सूची से बाहर करते हुए, अनुसूचित जाति का सर्टिफिकेट देने के लिए कहा है। यूपी सरकार का ये फैसला पूरी तरह से गैर-संवैधानिक है। 17 जातियों के साथ ये धोखा है क्योंकि ये जातियां ओबीसी से भी हट गईं और अनुसूचित जाति के दायरे में बिना संविधान में बदलाव किए आ नहीं सकतीं। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से यूपी सरकार को आदेश वापस लेने के लिए एडवाइजरी जारी की जाए।"
राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान सतीश चंद्र मिश्रा ने उठाए थे सवाल
सतीश चंद्र मिश्रा के उठाए गए सवाल पर केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा, "किसी जाति को किसी अन्य जाति के वर्ग में डालने का काम संसद का है। अगर यूपी सरकार 17 जातियों को ओबीसी से SC में लाना चाहती है तो उसके लिए प्रक्रिया है और राज्य सरकार ऐसा कोई प्रस्ताव भेजेगी तो हम उस पर विचार करेंगे।" दरअसल, 24 जून को यूपी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 17 पिछड़ी जातियों (OBC) को अनुसूचित जाति (SC) में शामिल करने के निर्देश दिए। इनमें कश्यप, राजभर, धीवर, बिंद, कुम्हार, कहार, केवट, निषाद, भर, मल्लाह, प्रजापति, धीमर, मांझी, बाथम, तुरहा, गोदिया, मछुआ शामिल हैं।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती भी उठा चुकी हैं योगी सरकार के फैसले पर सवाल
योगी आदित्यनाथ सरकार के इस फैसले पर सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी सवाल उठाए थे। मायावती ने कहा था, "राज्य सरकार का यह फैसला गैर कानूनी और असंवैधानिक है। राज्य सरकार ने यह कदम उठाकर अनुसूचित जातियों के साथ धोखा किया है। सरकार जानती है कि इन 17 जातियों को अनुसूचित जाति का लाभ नहीं मिल सकता तो सरकार ने ऐसा फैसला क्यों किया? इससे साफ है कि योगी सरकार ने सपा सरकार की तरह इन 17 जातियों को धोखा देने के लिए ये आदेश जारी किया है।"
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