सहारा मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका ठुकराने पर योगेन्द्र यादव ने उठाए ये दो अहम सवाल
सुप्रीम कोर्ट द्वारा सहारा-बिड़ला डायरियों की जांच की मांग ठुकराए जाने के बाद योगेन्द्र यादव ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कई सवाल उठ रहे हैं।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा-बिड़ला डायरी की जांच किए जाने की मांग को ठुकरा दिया है। जांच की मांग ठुकराए जाने के बाद योगेन्द्र यादव ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कई सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने पहला सवाल यह किया है कि क्या वीआईपी लोगों के लिए सबूत का कोई स्पेशल स्टैंडर्ड होना चाहिए? इसके अलावा दूसरा सवाल पूछा है कि क्या किसी जांच की मांग किए जाने से पहले हमारे पास पुख्ता सबूत होने चाहिए?
दरअसल,
सुप्रीम
कोर्ट
ने
यह
केस
इसी
आधार
पर
खारिज
किया
है
कि
इस
मामले
में
जो
सबूत
दिखाए
गए
हैं
उन्हें
पूरी
तरह
से
पुख्ता
नहीं
माना
जा
सकता
है।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
कहा
है
कि
सिर्फ
कंप्यूटर
के
कुछ
प्रिंट
आउट
को
इस
मामले
में
किसी
राजनीतिक
लोगों
के
खिलाफ
सबूत
मान
लेना
उचित
नहीं
है।
आपको
बता
दें
कि
इस
मामले
में
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
का
भी
नाम
आया
है।
राहुल
गांधी
ने
भी
यह
आरोप
लगाया
है
कि
सहारा
ने
6
महीने
के
अंदर
करीब
9
बार
नरेंद्र
मोदी
को
करोड़ों
रुपए
दिए
थे।
राहुल
गांधी
भी
इस
मामले
में
जांच
की
मांग
कर
रहे
हैं
क्योंकि
उनका
मानना
है
कि
इस
मामले
में
कुछ
राजनीतिक
लोगों
को
रिश्वत
दी
गई
थी।
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गांधी
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लेकिन
डरो
मत
उन्होंने
एक
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ट्वीट
करते
हुए
कहा
है
कि
इस
मामले
में
कोर्ट
द्वारा
दिया
गया
फैसला
उन
लोगों
के
लिए
एक
झटका
है
जो
लोग
सुप्रीम
कोर्ट
को
रक्षक
समझते
हैं।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
कहा
है
कि
सिर्फ
इतने
से
सबूत
के
आधार
पर
देश
के
प्रधानमंत्री
के
खिलाफ
जांच
नहीं
की
जा
सकती
है।
इस
बात
को
लेकर
भी
योगेन्द्र
यादव
कोर्ट
के
फैसले
से
काफी
खफा
नजर
आए।
SC judgment raises grave Qs:
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) January 11, 2017
Special standards of proof for VIPs?
Do we need clinching evidence before asking for investigation? https://t.co/jVkQXU4fDK
Setback for all those who looked up to the Supreme Court as the saviour, the agency that can bring the high and the mighty to the book. Sad https://t.co/TuYbNEnbvy
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) January 11, 2017
Flimsy?
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) January 11, 2017
Authenticated papers
Statements by witnesses
Cross-matching of amounts
Appraisal reports ..
What more needed to ask for probe? https://t.co/krKbADuBo1