'हाई रिस्क वाले कोरोना मरीजों का योग से इलाज प्रभावी', IIT दिल्ली की स्टडी का दावा
नई दिल्ली, 13 सितंबर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली और देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार के एक शोध के अनुसार, COVID-19 के उच्च जोखिम वाले मामलों के उपचार में योग और आयुर्वेद से इलाज प्रभावी हो सकता है। इंडियन जर्नल ऑफ ट्रेडिशनल नॉलेज में 30 उच्च जोखिम वाले COVID-19 रोगियों के सफल उपचार पर अध्ययन प्रकाशित किया गया है। अध्ययन में ये सुझाव दिया गया है कि COVID-19 के उपचार के अलावा, योग और आयुर्वेद ऐसे रोगियों को चिंता मुक्त करने और उपचार के बाद तेजी से रिकवर होने में सहायता देते हैं।
आईआईटी दिल्ली के मेडिकल साइंस विशेषज्ञ सोनिका ठकराल ने कहा कि अध्ययन में ये पाया गया है कि इलाज के अंत तक कई रोगियों ने अपनी जीवन शैली में योग को शामिल किया। तो कुछ ने रोग के उपचार के लिए के आयुर्वेद चिकित्सकों की सलाह ली। दिल्ली आईआईटी के राहुल गर्ग ने कहा, " कोरोना मरीजों का टेलीमेडिसिन के माध्यम से आयुर्वेदिक दवाओं से इलाज के अतिरिक्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए व्यक्तिगत रूप से उन्हें योग चिकित्सा उपलब्ध कराई गई। शोध में जिन कोरोना मरीजों का शामिल किया गया उनमें सुगर, हाई ब्लड प्रेशर, क्रोनिक किडनी रोग, कोरोनरी धमनी रोग जैसी एक या फिर अधिक बीमारियों से ग्रस्त थे।"
ऐसे
किया
गया
इलाज
गंभीर
रोगों
से
ग्रस्त
करोना
मरीजों
के
उपचार
में
आयुर्वेदिक
दवाएं,
प्राणायाम
और
योग
के
अन्य
आसन
और
कुछ
दैनिक
जीवन
शैली
में
परिवर्तन
किए
गए।
अध्ययन
में
ये
कहा
गया
कि
योग
और
आयुर्वेद
की
चिकित्सा
से
आधे
से
अधिक
कोरोना
रोगियों
में
पांच
दिनों
के
भीतर
सुधार
आना
शुरू
हो
गया
और
अधिक
से
10
दिनों
में
ये
देखा
गया
कि
वो
90
प्रतिशत
रिकवर
हो
चुके
हैं।
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95%
से
कम
ऑक्सीजन
लेवल
वालों
की
भी
चिकित्सा
अध्ययन
में
दावा
किया
गया
है
कि
योग
चिकित्सा
से
कोरोना
के
उन
रोगियों
का
भी
सफलतापूर्वक
इलाज
किया
गया
जिनका
ऑक्सीजन
लेवल
95%
से
कम
हो
गया
था।
ऐसे
6
मरीज
थे।
वो
मकरासन
और
शिथिलासन
के
माध्यम
से
रिकवर
हुए।
रिकवर
हुए
अधिकतर
रोगियों
ने
योग
और
आयुर्वेद
की
चिकित्सा
को
बेहतर
बताया।