पुणे की जेल में कैदियों ने दी हड़ताल की धमकी, कुछ ने नहीं किया सुबह का नाश्ता
पुणे। महाराष्ट्र के पुणे स्थित यरवदा केंद्रीय कारागार में कैदियों ने हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। कैदियों के एक समूह ने जेल प्रशासन के माध्यम से महाराष्ट्र सरकार को ज्ञापन भेजा है।
कैदियों की मांग है कि उस कानून में ढील दी जाए जिसमें कहा गया है कि रेप,मर्डर और डकैती के मामलों में 'नियमित' पैरोल नहीं मिलेगी।
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जेल सूपरिन्टेन्डन्ट ने हड़ताल की खबर को बताया 'बकवास'
जेल सूपरिन्टेन्डन्ट यू.टी. पवार ने कहा कि कुछ कैदी जो रेप और रेप- हत्या के मामले में सजा काट रहे हैं उन्होंने ज्ञापन सौंपा है जिसमें कहा गया है कि हाल ही में सरकार द्वारा किए गए संशोधन में ढील दी जाए।
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पवार ने उस खबर को बकवास करार दी जिसमें कहा जा रहा था कि कैदी बुधवार सुबह से हड़ताल पर जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कैदियों ने सिर्फ ज्ञापन सौंपा है और नए संशोधन में ढील मांगी है और हमें इस बात की जानकारी दी है कि यदि राज्य सरकार इस पर ध्यान नहीं देगा तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंहे।
कुछ कैदियों ने नहीं किया नाश्ता
मामले पर एक अन्य जेल अधिकारी ने कहा कि कुछ कैदियों ने सुबह का नाश्ता नहीं किया लेकिन अधिकारियों की ओर से मान मनौव्वल किए जाने के बाद उन्होंने दोपहर का खाना खाया।
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बता दें कि सरकार की ओर से हाल ही में जारी की गई अधिसूचना के अनुसार जो कैदी रेप, रेप-हत्या और डकैती के दोष में सजा काट रहे हैं उन्हें 'नियमित' पैरोल नहीं दी जाएगी।
इसलिए हुआ कानून में संशोधन
संशोधित कानूनों के मुताबिक जिस व्यक्ति की दोष सिद्धि के लिए राज्य अथवा केंद्र सरकार द्वारा उच्चतम अदालतों में अपील की गई है और वो किसी भी अदालत में लंबित है और जिसके लिए संबंधित कोर्ट से बेल नहीं मिलेगी उस मामले में अवकाश नहीं दिया जाएगा।
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बता दें कि कानून में संशोधन तब किया गया जब मुंबई के एक वकील की हत्या के दोष में कैदी पैरोल के दौरान ही भाग गया था।