येदुरप्पा के इस्तीफे से पहले 20 मिनट के भाषण ने दिलाई 22 साल पहले के अटल बिहारी वाजपेयी की याद
नई दिल्ली। कर्नाटक में सियासी घमासान के बीच भाजपा को अपनी सत्ता ढ़ाई दिन के भीतर ही छोड़नी पड़ी। येदुरप्पा की सरकार ढाई दिन में ही गिर गई और प्रदेश में कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाने का प्रस्ताव पेश कर दिया। शनिवार को फ्लोर टेस्ट से पहले ही येदुरप्पा ने अपना इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे से पहले उन्होंने करीब 20 मिनट तक भावुक स्पीच दी। उनकी स्पीच ने लोगों को 22 साल पहले के अटल बिहारी वाजपेयी की याद दिला दी। येदुरप्पा ने इस्तीफे से पहले सदन में ठीक वैसी ही स्पीच दी जैसी 1996 में अटल बिहारी वाजयेपी ने संसद में दी थी। उस समय वाजेपयी लोकसभा में अपनी सरकार का बहुमत सिद्ध नहीं करा पाए थे और 13 दिनों के बाद उन्हें अपना इस्तीफा सौंपना पड़ा था।
येदुरप्पा ने दिलाई वायपेयी की याद
बीएस येदियुरप्पा के फ्लोर टेस्ट का सामना किए बिना गी विधानसभा में इस्तीफा दे दिया। येदुरप्पा ने ठीक वहीं कदम उचाया जैसे 22 साल पहले 13 दिन तक प्रधानमंत्री रहे वाजपेयी ने बहुमत साबित नहीं कर पाने पर किया था। उस वक्त वायपेयी की सरकार गिरने के बाद जेडीएस नेता एचडी देवगौड़ा प्रधानमंत्री बने थे तो अब येदुरप्पा की सरकार गिराने के बाद जद-एस नेता कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।
सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी भाजपा
कर्नाटक
विधानसभा
की
तरह
की
1996
के
लोकसभा
चुनाव
में
भाजपा
सबसे
बड़ी
पार्टी
बनकर
उभरी
थी,
लेकिन
बहुमत
के
आंकड़े
से
पीछे
रह
गई
थी।
13
दिन
बाद
जब
देश
के
तत्कालीन
पीएम
वाजपेयी
संख्याबल
पूरा
कर
पाने
में
असहाय
हो
गए
तो
उन्होंने
मतविभाजन
का
इंतजार
किए
बिना
ही
पद
से
इस्तीफा
देने
की
घोषणा
की
थी।
उस
वक्त
उन्होंने
सदन
में
कहा
था
कि
'हमारा
क्या
अपराध
है।
हमें
क्यों
कठघरे
में
खड़ा
किया
जा
रहा
है?
उन्होंने
कहा
था
कि
यह
जनादेश
हमें
वर्षों
का
संघर्ष
से
मिला
है।
एक-एक
सीटों
वाली
पार्टियां
कुकुरमुत्ते
की
तरह
उग
आती
हैं।
वो
राज्यों
में
लड़ती
हैं
और
दिल्ली
में
आकर
एक
हो
जाती
हैं।
वायपेयी
ने
कहा
था
कि
भले
ही
हमारी
सरकार
गिर
गई
हो,
लेकिन
हम
देश
की
सेवा
के
कार्य
में
जुटे
रहेंगे।
जो
कार्य
हमने
अपने
हाथों
में
लिया
है,
उसे
पूरा
किए
बिना
विश्राम
नहीं
करेंगे।
इसके
बाद
उन्होंने
अपने
अंदाज
में
कहा
था
अध्यक्ष
महोदय,
मैं
अपना
त्यागपत्र
राष्ट्रपति
को
देने
जा
रहा
हूं।'
येदुरप्पा का अंदाज वहीं तेवर की कमी
जैसे
1996
में
वायपेयी
ने
लोकसभा
में
अपने
पद
से
इस्तीफा
दिया,
ठीक
उसी
तरह
से
येदुरप्पा
ने
भावुक
भाषण
देने
के
बाद
अना
त्यागपत्र
राज्यपाल
को
सौंप
दिया।
येदियुरप्पा
ने
कहा
कि
मैं
इस्तीफा
दूंगा।
मैं
सीधे
राज्यपाल
के
पास
जाऊंगा
और
मुख्यमंत्री
के
रूप
में
अपना
इस्तीफा
उन्हें
सौंप
दूंगा।
भले
ही
उनका
अंदाज
वायपेयी
से
मिलता
हो,
लेकिन
उनके
20
मिनट
के
बाषण
वो
वायपेयी
जैसा
तेवर
नहीं
दिखा।