2017 के वो 6 प्राकृतिक हादसे, जिनसे हमें है सीख लेने की जरूरत
नई दिल्ली। साल 2017 खत्म होने जा रहा है। इस साल ऐसे कई प्राकृतिक हादसे हुए जिनमें सैकड़ों लोगों को जान गंवानी पड़ी। इनमें से कई ऐसे कई हादसे थे जिन्हें बेहतर सरकारी प्रबंधन और सूझबूझ के जरिए इनके प्रभाव को टाला जा सकता था। जैसे मुंबई में आई भारी बारिश। मुंबई में हर साल बारिश की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है लेकिन बीएमसी कभी भी समय रहते इसे लेकर तैयारियां नहीं करती। कुछ यही हाल बिहार में आई बाढ़ का था जहां थोड़ से बेहतर सरकारी प्रंबधन के जरिए लाखों लोगों तक सही समय में राहत पहुंचाई जा सकती थी। पढ़िए, 2017 के वो 6 प्राकृतिक हादसे, जिनसे हमें है सीख लेने की जरूरत ...
बिहार-असम-गुजरात की भीषण बाढ़
इस साल बाढ़ ने पूरे देश में कहर बरपाया लेकिन इसका सबसे ज्यादा प्रकोप बिहार में देखने को मिला। आंकड़ों के मुताबिक बिहार में आई बाढ़ से 1 करोड़ 71 लाख लोग प्रभावित हुए जबकि 514 लोगों की मौत हो गई। बीते 9 सालों में यह बाढ़ से हुई यह सबसे ज्यादा मौत थी। जुलाई में पूर्वोत्तर राज्यो, शाकर असम में भी बाढ़ का कहर देखने को मिला। असम के लगभग 24 जिले इस भीषण बाढ़ की चपेट में आ गए थे। इस बाढ़ में करीब 323 लोगों को जान गंवानी पड़ी। जुलाई माह में गुजरात में भी बाढ़ का भीषण प्रकोप देखने को मिला। उत्तरी गुजरात में इस बाढ़ की चपेट में आने से करीब 72 लोगों की मौत हो गई।
मैक्सिको में भूकंप से 248 की मौत
19 सितंबर को मैक्सिको की राजधानी मैक्सिको सिटी में लोग 32 साल पहले आए विनाशकारी भूकंप में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने निकले थे। उस हादसे में करीब 10 हजार लोगों की मौत हुई थी। लोग इस दर्नाक हादसे को भूलने की कोशिश कर ही रहे थे अचानक एक बार फिर से मैक्सिको सिटी भूकंप से हिल उठा। 7.1 तीव्रता से आए इस भूकंप ने 248 लोगों की जान ले ली।
जब एक साथ हिल उठे ईरान और इराक
12 नवंबर ईरान-इराक सीमा पर आए भीषण भूकंप से दोनों देश हिल उठे। 7.3 तीव्रता से आए इस भूकंप ने 328 लोगों की जान ले ली। वहीं करीब 1700 से ज्यादा लोग इस हादसे में घायल हो गए। ईरान के अधिकारियों के मुताबिक इस भूकंप में सैकड़ों घर जमीदोंज हो गए जबकि 2000 लोगों को राहत शिविर में शरण लेनी पड़ी।
भूस्खलन की चपेट में आईं रोडवेज बसे, 45 की मौत
हिमाचल के मंडी में अगस्त माह में भूस्खलन की एक दर्दनाक घटना मिली। यहां नेशनल हाईवे-21 पर सड़क किनारे यात्रियों से भरी दो बसें और कुछ छोटी गाड़िया आधी रात में आराम के लिए खड़ी थीं कि तभी भूस्खलन हो गया। बसों में सवार यात्री इससे पहले कि कुछ समझ पाते तब तक सब कुछ तबाह हो चुका था। कई लोग तो उस समय गहरी नींद में थे। इस हादसे में 45 लोगों की मौत हो गई।
ओखी चक्रवात
साल के अंत मे दक्षिण भारत में ओखी चक्रवात का कहर देखने को मिला। ओखी ने दक्षिण भारत में जमकर तबाही मचाई है, जिसमें 36 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी। ओखी चक्रवात का असर मुंबई और गुजरात के तटीय इलाकों में भी देखने को मिला। यहां ओखी के वजह से जमकर बारिश हुई। ओखी की वजह से केरल और तमिलनाडु में लोगों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा।
मुंबई में भारी बारिश
इस साल अगस्त महीने में मुंबई में भारी बारिश देखने को मिली। इस बारिश की वजह से देश की आर्थिक राजधानी कई दिनों तक ठप रही। इस बारिश ने 15 लोगों की जान भी ले ली। बारिश का कहर ऐसा था कि एक वकील की कार में दम घुटकर मौत हो गई तो वहीं एक डॉक्टर की मैनहोल में बहने से मौत हो गई।
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