Year Ender 2018: मिलिए भारत की इन 'वंडर वूमन' से, जिनकी जीत पर इतराया तिरंगा
नई दिल्ली। साल 2018 हमसे विदाई लेने जा रहा है तो साल 2019 पलकें बिछाएं हमारा इंतजार कर रहा है, पूरे साल ऐसे बहुत से यादगार पल आए जिसने भारत का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया, खास बात ये रही कि इन गौरवान्वित पलों का कारण भारत की बेटियां रहीं, जिन्होंने देश की दशा और दिशा दोनों को एक नई धार दे डाली।
आइए एक नजर डालते हैं भारत की 'वंडर वूमन' पर....
अवनि चतुर्वेदी
भारतीय वायु सेना की फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी ने अकेले मिग-21 फाइटर प्लेन उड़ाकर इतिहास रच दिया। 19 फरवरी को सुबह अवनी ने गुजरात के जामनगर एयरबेस से उड़ान भरी और सफलतापूर्वक अपना मिशन पूरा किया। वह अकेले फाइटर एयरकाफ्ट उड़ाने वाली भारत की पहली महिला बन गई।
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आईएनएसवी तारिणी
आईएनएसवी तारिणी टीम के इन छह लेडी ऑफिसर्स ने 254 दिनों में तीन महासागर, चार महाद्वीप और पांच देशों के चक्कर लगाकर नया इतिहास लिखा।उत्तराखंड के पौड़ी की रहने वाली लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने इस पूरे मिशन को लीड किया। कुल्लू की लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल, आंध्र प्रदेश की लेफ्टिनेंट कमांडर स्वाति पी, मणिपुर की लेफ्टिनेंट विजया देवी, तेलंगाना की लेफ्टिनेंट बी ऐश्वर्या और देहरादून की रहने वाली लेफ्टिनेंट पायल गुप्ता इस पूरे मिशन का हिस्सा थीं।
पीवी सिंधु
भारत की शटलर क्वीन पीवी सिंधु का जलवा पूरे साल बरकरार रहा और कई मौकों पर देश कि सिल्वर गर्ल ने भारतीयों को इतराने का मौका दिया, सिंधु ने 16 दिसंबर को बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर फाइनल का खिताब जीतकर सफलता की नई कहानी लिखी, उन्होंने जापान की नोजुमी ओकुहारा को 21-19, 21-17 से हराकर खिताब अपने नाम किया। सिंधु यह खिताब जीतने वाली पहली भारतीय बन गयीं।
मैरी कॉम
भारत की स्टार बॉक्सर मैरी कॉम ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि शादी होने या मां बनने के बाद किसी की महिला का जीवन खत्म नहीं हो जाता है, अपने खेल के दम पर लोगों के दिलों पर राज करने वाली भारत की इस बेटी ने विश्व मुक्केबाजी में छठी बार स्वर्ण पदक जीत कर नया इतिहास रच दिया। 35 साल की मैरी कॉम ने विश्व चैंपियनशिप में सातवां पदक जीता है। मैरी कॉम तीन बच्चों की मां हैं, बावजूद इसके उनकी हिम्मत और खेल में आज भी कोई कमी नहीं है, पूरा देश उनके सामने नतमस्तक है।
स्वप्ना बर्मन
बेटियों के कमाल की कहानी तब तक अधूरी है जब तक हम स्वप्ना बर्मन के नाम का जिक्र ना करें, एशियाई खेलों से पहले इन्हें कोई नहीं जानता था लेकिन हेप्टाथलन का गोल्ड जीतकर सफलता का नया इतिहास लिखने वाली स्वप्ना ने एक बार फिर से लोगों को बता दिया कि नाम नहीं काम बोलता है, पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी निवासी स्वप्ना एक रिक्शा चालक की बेटी हैं, जिन्होंने ये साबित कर दिया कि प्रतिभा केवल एक मौके की मोहताज होती है ना कि किसी और चीज की।
मनिका बत्रा
23 साल की मनिका बत्रा के नेतृत्व में भारतीय महिला टीम ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित हुए 2018 राष्ट्रमंडल खेलों की टेबल टेनिस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता। मनिका ने विश्व की नंबर 4 फेंग तिया नवेई के साथ झोऊ यिहान को भी हराया। 2018 की रैंकिंग के अनुसार मनिका भारत की सर्वोच्त वरीयता प्राप्त और विश्व की 58वीं वरीयता प्राप्त टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं।
मनु भाकर
हरियाणा की 16 साल की मनु भाकर ने मैक्सिको के गुआदालाजारा में आईएसएसएफ विश्व कप में गोल्ड मेडल जीत कर देश सिर ऊंचा कर दिया। उन्होंने यह मेडल 10 मीटर एयर पिस्टल में जीता, मनु की सफलता ने हरियाणा समेत पूरे भारत को ये संदेश दिया है कि छोरियां भी छोरे से कम नहीं।
विनेश फोगाट
अपनी बहन बबीता और गीता की ही तरह विनेश फोगाट ने भी देश को इतराने का मौका दिया है। भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने 18वें एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था। ऐसा कारनामा करने वाली वो भारत की पहली महिला पहलवान बनीं।