क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Year Ender: 2018 का सबसे बड़ा राजनीतिक उलटफेर, जो एक युवा चेहरे ने यूपी में किया

Google Oneindia News

नई दिल्ली। साल 2018 की शुरूआत से लेकर आखिरी महीने तक देश की राजनीति ने कई करवट ली है। पल-पल बदलते घटनाक्रमों के बीच ये कहना मुश्किल रहा है कि आगामी लोकसभा चुनावों से पहले बढ़त किसके खेमे को मिल रही है। हालांकि राजनीति की बिसात पर दिग्गजों के बीच कुछ ऐसे युवा चेहरे भी रहे जिन्होंने अपनी दावेदारी पेश की और कई मौकों पर उन्होंने अपने विरोधियों को मात भी दी। कुछ युवा नेताओं ने भविष्य के लिए उम्मीद जगाई तो कुछ के हिस्से में निराशा भी आई। ऐसे कई युवा हैं जो किसी ना किसी कारण इस साल सुर्खियों में रहे।

year ender 2018: Youth faces who came into limelight this year

साल 2018 में जिन युवाओं ने अपनी छाप छोड़ी, उनमें पहला नाम सामने आता है प्रवीण कुमार निषाद का जिन्होंने गोरखपुर उपचुनाव के दौरान सपा के टिकट पर भाजपा के खिलाफ मोर्चा संभाला और सबको हैरान करते हुए इस सीट पर सत्ताधारी दल के उम्मीदवार को पटखनी देकर सबसे बड़ा उलटफेर कर डाला। ये जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण थी क्योंकि योगी आदित्यनाथ के किले को ध्वस्त करने की कोशिशें तो पहले भी अन्य दलों ने की थी लेकिन चुनाव में उन्हें कोई चुनौती देता दिखाई नहीं दिया था। लेकिन उनके इस्तीफे के बाद इस सीट पर भाजपा को हार का सामना तक करना पड़ा।

प्रवीण कुमार निषाद

प्रवीण कुमार निषाद

मुख्यमंत्री बनने के बाद जब योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया था तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि उनके वर्चस्व को 29 साल का एक युवा चुनौती देगा। गोरखपुर उपचुनाव के दौरान प्रवीण कुमार निषाद ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर पर्चा दाखिल किया तो राजनीतिक पंडितों को अंदाजा नहीं था ये नोएडा से बी. टेक करने वाला ये युवा आदित्यनाथ के गढ़ में समाजवाद का झंडा बुलंद करने जा रहा है। प्रवीण कुमार निषाद ने बीजेपी प्रत्याशी को उपचुनाव में मात दे दी जिसे साल 2018 का सबसे बड़ा उलटफेर कहा गया। दरअसल, 2008 में बी.टेक करने के बाद 2013 तक प्रवीण कुमार ने राजस्थान के भिवाड़ी में एक प्राइवेट कंपनी में प्रोडक्शन इंजीनियर की नौकरी की। लेकिन उनके पिता को उनसे कुछ और चाहिए था। निषाद बहुल गोरखपुर लोकसभा सीट पर सपा के टिकट पर प्रवीण चुनाव मैदान में उतरे और उपचुनाव में जीत दर्ज कर योगी आदित्यनाथ को बड़ा झटका दे गए।

अदिति सिंह

अदिति सिंह

उत्तर प्रदेश की रायबरेली सदर सीट से चुनाव जीतकर विधायक बनी अदिति सिंह किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। लेकिन मई-जून के महीने में इनका नाम कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से जोड़ा जाने लगा तो वे ज़ाहिरतौर पर परेशान हो गईं। दरअसल, सोशल मीडिया में ऐसी अफ़वाह फैल गई कि राहुल गांधी और अदिति की सगाई होने वाली है। अदिति ने ख़ुद ट्वीट कर इन अफ़वाहों को ख़ारिज किया और राहुल गांधी को राखी भाई बताया। पार्टी ने अदिति सिंह को अखिल भारतीय महिला कांग्रेस का महासचिव भी बनाया है। इनके पिता और इसी सीट से कई बार विधायक रहे अखिलेश सिंह को बाहुबली माना जाता है। रायबरेली कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है लेकिन अदिति के पिता अखिलेश सिंह कांग्रेस का दामन छोड़कर भी अपने दम पर यहां से चुनाव जीतते रहे हैं। अदिति युवा हैं और वे कहती हैं कि राजनीति में वो केवल विरोध करने के लिए नहीं हैं, बल्कि अच्छा काम करने वालों की तारीफ़ भी वो करती रहेंगी। यही वजह थी कि अदिति ने सीएम योगी के औचक निरीक्षण की तारीफ़ भी की थी जिसकी चर्चा सियासी गलियारे में ख़ूब हुई थी।

हार्दिक पटेल

हार्दिक पटेल

गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के सारे समीकरण बिगाड़ने वाले हार्दिक पटेल अक्सर किसी न किसी वजह से खबरों में रहते हैं। इसी आंदोलन के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में हार्दिक पटेल पर राजद्रोह के एक मामले में अहमदाबाद सेशन कोर्ट ने नवंबर में उनपर आरोप तय किया था। दरअसल, पाटीदार आंदोलन के बाद हार्दिक पटेल उन राजनीतिक दलों के खासे करीब आ गए जो लगातार बीजेपी की खिलाफत करते रहे हैं। हार्दिक पटेल ने भी इस मौके को दोनों हाथों से लपका और बीजेपी के अलावा पीएम मोदी पर जमकर आरोपों की बरसात की। हाल में ही वे मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कैंपेन करते भी दिखाई दिए थे। हार्दिक पटेल इसी साल 25 अगस्त से आरक्षण और किसानों की कर्ज माफी के मुद्दे पर अनशन पर बैठ गए। हड़ताल के 14वें दिन हार्दिक की तबीयत बिगड़ने लगी और मना करने के बावजूद उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां दो दिन रहने के बाद वे बाहर आए। अंत में हार्दिक पटेल ने 19वें दिन अपना अनशन खत्म किया।

कार्तिकेय चौहान

कार्तिकेय चौहान

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय पहली बार विधानसभा चुनावों के दौरान सक्रिय रहे। उन्हें अक्सर अपने पिता के साथ रैलियों और सभाओं में देखा गया। कुछ एक मौकों पर उन्होंने भाषण भी दिया। लेकिन पूरी तरह सुर्खियों में तब आए जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक चुनावी रैली के दौरान पनामा लीक मामले में कार्तिकेय चौहान का नाम ले लिया। आमतौर पर शांत दिखने वाले कार्तिकेय ने इसके बाद राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पनामा पेपर लीक में नाम घसीटे जाने के बाद कार्तिकेय ने राहुल गांधी के खिलाफ भोपाल की एक अदालत में मानहानि का मामला दर्ज कराया। जिस प्रकार से कार्तिकेय ने राहुल गांधी पर हमला बोला और आक्रामक तेवर दिखाए, कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में कार्तिकेय मध्य प्रदेश में बड़ी भूमिका में नजर आ सकते हैं।

तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी को बिहार का डिप्टी सीएम बनाया गया था तो काफी सवाल उठे थे। हालांकि जदयू-राजद के बीच गठबंधन टूटने के साथ ये पद भी जाता रहा लेकिन तेजस्वी यादव ने विपक्षी दल के नेता के तौर पर अपने पिता और बिहार की सियासी पिच पर लंबे समय तक बैटिंग करने वाले लालू प्रसाद यादव की कमी काफी हद तक खलने नहीं दी। लालू प्रसाद यादव के जेल में होने के कारण पार्टी का कामकाज तेजस्वी ही देख रहे हैं और नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाने में भी वे पीछे नहीं रहे हैं। पिता से विरासत में मिली राजनीतिक सूझबूझ का असर ही है कि बीजेपी के खिलाफ गठबंधन तैयार करने की कोशिशों के बीच विभिन्न दलों के दिग्गजों के साथ तेजस्वी अक्सर दिखाई देते हैं। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में जिस प्रकार उन्होंने नीतीश कुमार की सरकार पर बैकफुट पर लाने का काम किया, वो ये दर्शाता है कि मुद्दों की राजनीति के मामले में 29 साल के तेजस्वी किसी अनुभवी नेता से कम दांव नहीं जानते हैं।

चंद्रशेखर आजाद

चंद्रशेखर आजाद

सहारनपुर हिंसा के दौरान पहली बार चंद्रशेखर आजाद का नाम सुर्खियों में आया था। सहारनपुर में हिंसा भड़काने के आरोप में चंद्रशेखर पर रासुका लगा दिया और उन्हें जेल में बंद कर दिया गया। सरकार के इस फैसले का भारी विरोध भी हुआ और सहारनपुर के अलावा आसपास के इलाकों में चंद्रशेखर के समर्थन में महिलाएं सड़कों पर उतर आई थीं। भीम आर्मी के सहसंस्थापक चंद्रशेखर आजाद दलितों के हित की बात तो करते हैं साथ ही सवर्ण समाज के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकालते हैं। चंद्रशेखर आजाद पश्चिमी यूपी में दलित युवाओं के बीच खासे लोकप्रिय हुए हैं और उत्तर प्रदेश के इस इलाके में दलित समाज का एक बड़ा तबका उनको भविष्य के विकल्प के रूप में भी देखता है। बसपा प्रमुख मायावती की पकड़ दलितों के बीच काफी मजबूत रही है लेकिन चंद्रशेखर ने भी अपनी छाप छोड़ी है और युवाओं के हाथ में अब उनके पोस्टर बाकी की कहानी खुद बयां करते हैं। यूपी में एक वक्त ऐसा भी था जब दलित समाज में शादी के कार्ड्स पर बाबा साहब अम्बेडकर के साथ-साथ बसपा संस्थापक कांशीराम और बसपा सुप्रीमो मायावती की तस्वीर होती थी। लेकिन अब वक्त तेजी से करवट ले रहा है, एक नेता के रूप में चंद्रशेखर दलितों के बीच अपनी पहुंच और पकड़ दोनों को मजबूत बनाने में कामयाब होते दिखाई दे रहे हैं।

जयंत चौधरी

जयंत चौधरी

कैराना उपचुनाव के दौरान तबस्सुम हसन 16वीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश से चुनी जाने वाली पहली मुस्लिम सांसद बनीं। लेकिन इस जीत के पीछे किसी और का दिमाग था, या यूं कहें तो इस सीट पर बीजेपी को मात देने की रणनीति किसी और ने तैयार की थी। आरएलडी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कैराना का समीकरण अपने पक्ष में लाने के लिए जो चालें चलीं थी, वो अंत तक उनके पाले में गईं। दरअसल, कैराना उपचुनाव के दौरान जिन्ना विवाद सुर्खियों था और माना जा रहा था कि कैराना में इसके कारण ध्रुवीकरण हो सकता है। पिछले दो सालों में कैराना में पलायन का मुद्दा भी हावी रहा था। लेकिन इन सबसे बीच जयंत चौधरी ने 'जिन्ना बनाम गन्ना' का नारा बुलंद किया जो अंत में उनके पक्ष में गया। पूरे चुनाव के दौरान गन्ना किसानों के बकाए का मुद्दा जयंत चौधरी ने जोर-शोर से उठाया और बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया। सपा-कांग्रेस के साथ-साथ आम आदमी पार्टी का साथ आना भी इस सीट बीजेपी की हार का कारण बना। पूरी तरह तो नहीं, फिर भी जाट वोट आरएलडी के खेमे में गए और उसकी वजह चौधरी अजित सिंह थे।

तेज प्रताप यादव

तेज प्रताप यादव

बिहार का सबसे बड़ा राजनीतिक घराना यूं तो हमेशा सुर्खियों में रहता है लेकिन हाल के दिनों में पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप ख़बरों में आए और इसके पीछे कारण था उनका अपनी पत्नी ऐश्वर्या से तलाक की अर्जी देना। तलाक की अर्जी कोर्ट में देने के बाद से तेज प्रताप ने अपने घर-परिवार से दूरी बना ली। हमेशा तेजस्वी के साथ रहने वाले तेज प्रताप अब ना तो उनसे बात करते हैं और ना अपने घर जाने को तैयार हैं। राबड़ी देवी से लेकर लालू यादव तक उनको समझाने की कोशिश कर चुके हैं लेकिन वे घर जाने के बजाय मथुरा वृंदावन में अपने दोस्तों के साथ घूमते हैं।

चिराग पासवान

चिराग पासवान

बिहार के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान वैसे तो राजनीतिक बयानबाजी कम ही करते हैं लेकिन गुज़रते साल में इनके तीखे तेवर ने भारतीय जनता पार्टी और जदयू के माथे पर चिंता की लकीरें उकेर दी हैं। सीटों के बंटवारे पर एनडीए के घटक दलों के बीच पहले से ही पेंच फंसा था और इस पेंच को ‘टाइट' करने का काम चिराग के दो ट्वीट ने कर दिया जब उन्होंने इशारा कर दिया कि सीटों के बंटवारे पर जारी विवाद को बीजेपी अगर अपने सहयोगियों से सम्मानपूर्वक तरीके से नहीं सुलझाएगी तो एनडीए में एक और विघटन हो सकता है। एनडीए से पहले ही उपेन्द्र क़ुशवाहा अलग हो चुके हैं और अब चिराग पासवान का ये अल्टीमेटम अमित शाह के सामने बिहार में नई टेंशन दे गया है।

अंकिव बसोया

अंकिव बसोया

दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ का चुनाव हो और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की बात ना हो तो ये न्यायोचित नहीं होगा। लेकिन इस साल हुए चुनाव में एबीवीपी जितना अध्यक्ष पद पर कब्जा ज़माने के कारण चर्चा में रही, उससे अधिक नवनिर्वाचित अध्यक्ष अंकिव बसोया की फर्जी डिग्री मामले ने संगठन की किरकिरी कराई।परिणाम ये हुआ कि फर्जी डिग्री विवाद में घिरे अंकिव बसोया को एबीवीपी ने सस्पेंड कर दिया और बसोया को DUSU अध्यक्ष पद भी छोड़ने के लिए कह दिया। संगठन की तरफ से कहा गया कि जब तक मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक अंकिव बसोया को एबीवीपी की सभी जिम्मेदारियों से हटा दिया गया है। दरअसल, एनएसयूआई और अन्य छात्र संगठनों ने अंकिव बसोया की डिग्री और एडमिशन पर सवाल खड़े कर दिए थे। अंत में ये मामला तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी पहुंचा और। तमिलनाडु विश्वविद्यालय ने अंकिव बसोया नाम के छात्र को दाखिला देने की बात से इनकार कर दिया।

Comments
English summary
year ender 2018: Youth faces who came into limelight this year
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X