चीन ने सेना को सौंपे लाइटवेट टैंक, तिब्बत में तैनाती से बढ़ेगी भारत की मुश्किल
शॉर्ट हेडलाइन
बीजिंग। चीन ने पहली बार नेशनल म्यूजियम में न्यू जेनरेशन टैंक टाइप-15 को पेश किया। पिछले महीने प्रदर्शनी के दौरान दिखाए गए इन लाइट वेट टैंकों को चीन तिब्बत जैसे बेहद दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में तैनात करेगा। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल वू क्यान ने इस बात की पुष्टि की है कि ये नए टैंक तैनाती के लिए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को सौंप दिए गए हैं। उन्होंने पिछले हफ्ते मीडिया से बातचीत में कहा, 'जहां तक मेरी जानकारी है, टाइप 15 लाइट टैंक सेना को सौंप दिए गए हैं।'
पूरी तरह चीन में ही बनाए टाइप-15 टैंकों का चीन ने पिछले साल जून में परीक्षण किया था। उस वक्त भारत और चीन के बीच डोकलाम में संघर्ष चल रहा था। पिछले भारत और चीन के बीच पूरे 73 दिनों तक टकराव चला था। इसी दौरान चीन की सेना ने तिब्बत में टाइप-15 लाइट टैंकों के साथ जबरदस्त अभ्यास किया था।
चीन के ये नए टैंक हाइड्रो-न्यूमेटिक सस्पेंशन सिस्टम से लैस हैं, जो पहाड़ी क्षेत्रों में इन टैंकों की गतिशीलता को बनाए रखने में बेहद मददगार साबित हो सकता है। दरअसल, पहाड़ी क्षेत्रों में आमतौर पर टैंक तैनात नहीं किए जाते हैं। दुर्गम और चढ़ाई वाले रास्तों पर इनका मूवमेंट आसान नहीं होता है। ऐसे में चीन ने स्वदेशी लाइटवेट टैंक सेना में शामिल कर तिब्बत रीजन में अपनी सेना को बड़ी ताकत दी है। दूसरी ओर भारत के लिए यह बड़ी चुनौती है। तिब्बत का बॉर्डर अरुणाचल प्रदेश से सटा है और यह इलाका भारत-चीन टकराव के लिहाज से बेहद संवेदनशील है।
चीन के नए लाइट वेट टैंकों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इनमें 105 एमएम की गन लगी है। ये टैंक न केवल गोले दागने बल्कि मिसाइल लॉन्च करने में भी सक्षम हैं। टाइप-15 टैंकों के इंजन में 1000 हॉर्सपावर की ताकत है। चीनी सेना में पहले से शामिल इंजन की ताकत की तुलना यह बेहद कम है, ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि इन्हें लाइटवेट रखना का लक्ष्य था। इन टैंकों का वजन 32 से 35 टन रखा गया है, जबकि चीन के अन्य टी'99 टैंक से तुलना की जाए तो टाइप-15 टैंकों का वजन करीब 20 से 25 टन कम है। टाइप-99 टैंकों का वजन 54 टन से 58 टन के बीच होता है। इसी प्रकार से टाइप-96 की बात करें तो उनका वजन करीब 43 टन होता है।