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1901 के बाद वर्ष 2018 रहा छठा सबसे गर्म साल, 1428 लोगों की गई जान

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नई दिल्ली। पिछले वर्ष 2018 में कड़ाके की ठंड की वजह से 1428 लोगों की जान चली गई। यही नहीं वर्ष 1901 के बाद की बात करें तो पिछला वर्ष सबसे गर्म वर्ष भी रहा। शीर्ष अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2018 में में तापमान सामान्य से ज्यादा था। मौसम विभाग ने अपने बयान में कहा है कि वर्ष 2018 साधारण वर्ष नहीं था। देश का औसत तापमान समान्य से अधिक रहा। यह जनवरी से फरवरी माह में औसत तापमान से .59 डिग्री सेल्सियस अधिक था जोकि 1901 के बाद से सबसे गर्म वर्ष रहा है। वहीं मानसून से पहले की बात करें तो मार्च और मई माह में सातवां सबसे गर्म वर्ष रहा था।

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सबसे गर्म और सबसे ठंडा वर्ष
वहीं महीने के औसत तापमान की बात करें तो यह भी साधारण से अधिक गर्म था। पिछले वर्ष दिसंबर माह को छोड़कर हर महीने का तापमान सामान्य से अधिक रहा। मौसम विभाग ने इसके पीछे की वजह ग्लोबल वॉर्मिंग बताया है। पिछले वर्ष सतह के औसत तापमान की बात करें तो यह देश में .41 डिग्री सेल्सियस 1981-2010 की तुलना में अधिक रहा। यही नहीं वर्ष 2018 1901 के बाद का छठा सबसे गर्म वर्ष रहा है।

पांच सबसे गर्म वर्ष
वहीं पिछले पांच सबसे गर्म वर्ष की बात करें तो यह 2016 में .72 डिग्री सेल्सियस, 2009 में .56 डिग्री सेल्सियस, ,2017 में .55 डिग्री सेल्सियस, 2010 में .54 डिग्री सेल्सियस और 2015 में .42 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा है। मौसम विभाग के अनुसार पिछले 15 वर्षों में सबसे अधिक गर्म वर्ष 2004-2018 के बीच रहा है। मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंसेज के सचिव एम राजीवन ने बताया कि सबसे अधिक गर्म और ठंडा वर्ष 2018 रहा, यह 1901 के बाद छठा सबसे गर्म वर्ष रहा जबकि इससे पहले 2016, 2009, 2017, 2010 और 2015 सबसे गर्म वर्ष रहा है।

मरने वालों की दी जानकारी
मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए राजीवन ने एक मैप भी साझा किया है जिसमे मौसम की वजह से देशभर में मरने वाले लोगों की जानकारी दी गई है। पिछले वर्ष 1428 मे से आधे लोगों की भारी बारिश, बाढ़, धूलभरी आंधी, ओला, बिजली गिरने की वजह से मौत हुई है। वहीं उत्तर प्रदेश में 590 लोगों की मौसम की वजह से मौत हुई है। यहां बाढ़ की वजह से 158 लोगों की मौत हो गई। सर्द हवाओं की वजह से 135 लोगों की मौत हो गई।

बारिश ने ली कई लोगों की जान
भारी बारिश की वजह से सबसे अधिक मौत हुई, इसकी वजह से 688 लोगों की मौत हो गई। केरल में 8 से 23 अगस्त के बीच आई भारी बारिश सकी वजह से 223 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि उत्तर प्रदेश में 158 लोगों की मौत हो गई, महाराष्ट्र में 139 लोगों की मौत हो गई, पश्चिम बंगाल में 116 लोगों की मौत हो गई और गुजरात में 52 लोगों की मौत हो गई। तितली, गाजा तूफान की वजह से 122 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि हिमस्खलन की वजह से जम्मू कश्मीर में 11 लोगों की मौत हो गई थी।

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English summary
Year 2018 was the sixth warmest year after 1901 takes life of 1428.
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