Year Ender 2018: बारहों महीने फेक न्यूज से जूझता रहा 2018, ये हैं साल की टॉप फेक न्यूज
बारहों महीने फेक न्यूज से जूझता रहा 2018, ये हैं साल की टॉप फेक न्यूज
नई दिल्ली। साल 2018 कई अच्छी-बुरी यादों के साथ खत्म हो रहा है। देश दुनिया में कई ऐसे अहम घटनाक्रम इस साल में हुए जिनके लिए 2018 को याद रखा जाएगा। इस सबके साथ-साथ कुछ ऐसी खबरों के लिए भी ये साल याद रखा जाएगा, जो दरअसल न्यूज थी नहीं, यानि फेक न्यूज के लिए। कई फेक न्यूज इस साल सोशल मीडिया से लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया तक में आईं, जो पीएम मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर विदेशी हस्तियों के बारे में थीं। 2018 में चर्चित रहीं कुछ फेक न्यूज-
मोदी हर महीने करा रहा रहे 15 लाख का मेकअप
इस साल एक तस्वीर खूब वायरल हुई, जिसमें एक लेडी मोदी के सिर पर उनके बालों को ठीक करते दिख रही है, इसमें दावा किया गया कि मोदी ने 15 लाख रुपये महीने पर निजी मेकअप आर्टिस्ट को रखा है। दरअसल, इस फोटो के साथ दी जा रही जानकारी पूरी तरह से गलत थी। इस खबर के साथ मोदी की जो तस्वीर वायरल हुई, जिसमें मैडम तुसाद म्यूजियम की ओर से एक महिला उनका बुत बनाने के लिए नाप ले रही थीं ना कि मोदी ने किसी को 15 लाख में अपने मेकअप के लिए रखा था।
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राजीव गांधी के ड्राइवर कमलनाथ
दिसंबर में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कमलनाथ की एक तस्वीर सामने आई। जिसमें वो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ गाड़ी में बैठे दिख रहे हैं। बताया गया कि वो राजीव गांधी के ड्राइवर थे। ये पूरी तरह से गलत जानकारी है, कमलनाथ कभी राजीव गांधी केड्राइवर नहीं रहे। कमलनाथ ने ही राजीव गांधी की जयंती पर ये फोटो अपने ट्वीटर हैंडल से शेयर की, जिसके बाद ये फोटो वायरल हो गई।
मोदी को मिली 420 नंबर की जर्सी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक तस्वीर भी खूब शेयर हुई, जिसमें फीफा प्रेजीडेंट जियानी इंफान्टिनो उनको एक जर्सी दे रहे है। इस पर 'मोदी 420' लिखा है। दरअसल इस जर्सी पर 'मोदी जी-20' लिखा था। इसे फोटोशॉप कर 420 कर दिया गया।
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मनमोहन सिंह ने सोनिया गांधी के पैर छुए
एक तस्वीर जिसमें पूर्व पीएम मनमोहन सिंह जैसी कदकाठी का एक शख्स सोनिया गांदी के पैर छू रहा है, काफी वायरल हुई। इसमें कांग्रेस को भला बुरा कहा गया कि पूर्व पीएम को भी उनके पांव छूने पड़ रहे हैं। हकीकत ये है कि मनमोहन सिंह ने सोनिया गांधी के पैर नहीं छुए। 2011 की एक तस्वीर, जिसमें एक कार्यकर्ता तब की कांग्रेस अध्यक्ष के पैर छू रहा है, उसे मनमोहन सिंह की तस्वीर होने का दावा किया गया। जो पूरी तरह से गलत था।
सिद्धारमैया की पाकिस्तान ट्रिप
इस साल मई में कर्नाटक के चुनाव के दौरान ये बताया गया कि सीएम सिद्धारमैया (उस समय कर्नाटक के सीएम) चुपचाप पाकिस्तान पहुंच गए। हालांकि बाद में साफ हुआ कि वो पाकिस्तान नहीं गए। उनके फोटो के साथ छेड़छाड़ कर उसे फेक न्यूज की तरह से पेश किया गया।
कुंभ की बताई सउदी अरब की तस्वीर
कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर ये तस्वीर इलाहाबाद के कुंभ मेला की बताकर कुछ पेज से शेयर की गई। इसमें कहा गया कि देखिए उत्तर प्रदेश सरकार कुंभ मेले की तैयारियां कितनी शानदार तरीके से कर रही है। फिर सामने आया कि ये टैंट सऊदी अरब के मीना वैली में लगाए गए हैं। जिसे कुंभ की तस्वीर बताया गया है।
सरदार पटेल की प्रतिमा के नीचे भूखे बच्चे
इस तस्वीर में सरदार पटेल की प्रतिमा के करीब एक औरत के साथ सड़क पर बैठ कुछ खा रहे बच्चे दिख रहे हैं। इस तस्वीर के बारे में कहा गया कि एक ओर 2,989 करोड़ में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी बनाई गई है दूसरी ओर एक महिला सड़क पर बैठकर खाना पका रही है। दरअसल, इस तस्वीर को एडिट किया गया है। बच्चों की तस्वीर को मूर्ति के नीचे एडिट किया गया है।
ऑनलाइन होगा राम मंदिर बाबरी मस्जिद का फैसला
एक खबर इस साल सोशल मीडिया पर वायरल हुई। जिसमें कहा गया कि अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद का विवाद कोर्ट ने आम लोगों पर छोड़ दिया है और इसको लेकर वोटिंग हो रही है। बेहद तेजी से ये खबर वायरल हुई। हकीकत में इस तरह की कोई बात कभी ना कोर्ट ने कही ना किसी वकील ने ऐसी कोई मांग की।
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