पिछले एक दशक में धर्म के नाम पर 2018 में हुईं सबसे ज्यादा मौतें: रिपोर्ट
नई दिल्ली। हाल ही सामने आए एक रिसर्च में बता चला है कि, धर्म के आधार पर लोगों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को मामले में 2018 पिछले एक दशक का सबसे खराब साल रहा हैं। हेट क्राइम के मुताबिक, 26 दिसंबर 2018 तक देश में धर्म के आधार पर हिंसा की 93 घटनाएं हुईं हैं। इस शोध को धर्म के नाम पर हेट क्राइम का यह आंकड़ा हेट क्राइम वॉच का है जो Factcheck.in और अमन बिरादरी के नेतृत्व में धर्म के नाम पर हेट क्राइम की घटनाओं पर नजर रखता है और Newsclick.in ने किया है।
सबसे अधिक पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय के
शोध में कहा गया है कि, हेट क्राइम के 75 फीसदी मामलों के शिकार हुए पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक संबंध रखते हैं। 2018 में हिंसा की इन घटनाओं मे 30 लोग मारे गए और 205 लोग घायल हो गए। 2009 के बाद इस तरह की हिंसा के शिकार लोगों की यह सबसे ज्यादा तादाद है। 2017 में धर्म के नाम पर हेट क्राइम में 29 लोगों की मौत हो गई थी। लेकिन 2018 में यह 30 हो गई। अगर राज्यवार इन आकंड़ों को देखा जाए तो उत्तर प्रदेश में एकतरफा जीत हासिल करने वाली बीजेपी सरकार में इस तरह की सबसे अधिक मौते हुए हैं। यूपी में हेट क्राइम के चलते 27 लोगों की जान जा चुकी है।
इस तरह के अपराधों की सूची में बिहार दूसरे स्थान पर
वहीं 2017 में जनता दल (यूनाइटेड) के साथ गठबंधन कर बिहार की सत्ता में वापसी करने वाली बीजेपी के कार्यकाल में 10 लोगों की मौत हुई हैं। इस तरह के अपराधों की सूची में बिहार दूसरे स्थान पर हैं। इसके बाद राजस्थान, गुजरात, और कर्नाटक का नंबर आता है। इन तीनों राज्यों में इस तरह के सात मामले सामने आए हैं। उत्तर प्रदेश और राजस्थान में इन हमलों में चार-चार लोगों की मौत हुई। कर्नाटक में तीन और बीजेपी शासित झारखंड में भी तीन लोगों की मौत हो गई। बता दें 2018 में कर्नाटक में जेडीएस औऱ कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई थी।
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2009 से अब तक ऐसे हमलों की संख्या 191 है
2018 में हिंसा की 81 घटनाओं में 60 % के शिकार मुस्लिम थे और 14 % ईसाई और एक मामले में एक सिख को निशाना बनाया गया। यानी 2018 में इस तरह की हिंसा के 75 % मामलों के शिकार अल्पसंख्यक थे। 20 % मामलों में हिंसा के शिकार हिंदू थे। 2009 से अब तक ऐसे हमलों की संख्या 191 है। इनमें में से 156 में हमलावर हिंदू थे। 33 हमले मुसलमानों ने किए थे। 89 घटनाओं के बारे में यह पता नहीं है कि हमलावर किस धर्म के है। 2018 में हेट क्राइम की चार घटनाओं में से एक धार्मिक नफरत की भावनाओं से प्रेरित थी। 2009 अब तक 75 हमले गोरक्षा के नाम पर हुए हैं, जबकि, 26 हमले धर्मांतरण के चलते किए गए।
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