President Election : द्रौपदी मुर्मू से यशवंत सिन्हा की अपील, वोटिंग से पहले लें तीन संकल्प, जानिए
राष्ट्रपति चुनाव में यशवंत सिन्हा द्रौपदी मुर्मू के सामने विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार हैं। यशवंत सिन्हा ने शपथ ली (yashwant sinha pledge) है कि वे केंद्र सरकार के रबर स्टांप के तौर पर काम नहीं करेंगे।
नई दिल्ली, 04 जुलाई : यशवंत सिन्हा ने कहा है कि वे रबर स्टांप राष्ट्रपति नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि अगर वे राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो वे संविधान के कस्टोडियन के रूप में काम करेंगे, न कि रबर स्टांप के रूप में। उन्होंने पर सत्तारूढ़ दल पर विभाजन के आरोप भी लगाए। द्रौपदी मुर्मू से भी वैसी ही शपथ लेने की अपील करते हुए सिन्हा ने अपने हर ट्वीट के अंत में लिखा, 'मैं भाजपा के उम्मीदवार से भी यही प्रतिज्ञा करने का आग्रह करता हूं।' बता दें कि द्रौपदी मुर्मू के नामांकन में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहे थे। द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पूर्व राज्यपाल रह चुकी हैं। ओडिशा की निवासी द्रौपदी मुर्मू को बीजू जनता दल से भी समर्थन मिला है।
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राष्ट्रपति संविधान के निष्पक्ष संरक्षक
यशवंत सिन्हा ने सोमवार को सिलसिलेवार ट्वीट कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू से शपथ लेने की अपील की। सिन्हा ने कहा, सभी भारतीयों के बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रपति को ईमानदारी से काम करना चाहिए। मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने पर, मैं संविधान के एक निष्पक्ष संरक्षक के रूप में काम करूंगा; सरकार के लिए रबर स्टांप नहीं बनूंगा।
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नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा
बकौल यशवंत सिन्हा, 'मैं भारत के लोगों से प्रतिज्ञा करता हूं कि राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने पर, मैं प्रत्येक भारतीय को संविधान द्वारा गारंटीकृत अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करूंगा। मैं भाजपा के उम्मीदवार से भी यही प्रतिज्ञा करने का आग्रह करता हूं।'
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सरकार ने समाज को विभाजित किया !
उन्होंने तीसरी शपथ में लिखा, 'सत्तारूढ़ सरकार ने भारत के बहु-धार्मिक समाज को विभाजित करने के लिए एक जहरीला सांप्रदायिक प्रचार किया है। मैं सभी भारतीयों से वादा करता हूं कि अगर राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो मैं भारत की बहुल प्रकृति और संविधान को बनाए रखूंगा।' यशवंत सिन्हा ने कहा, 'मैं भाजपा के उम्मीदवार से भी यही प्रतिज्ञा करने का आग्रह करता हूं।'
यशवंत सिन्हा का नामांकन
यशवंत सिन्हा के नामांकन के समय कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी रही थी। इसके अलावा विपक्ष के कई बड़े सांसद और नेता भी यशवंत सिन्हा के नामांकन के मौके पर मौजूद रहे थे। AIMIM और टीआरएस जैसी भाजपा की धुर विरोधी पार्टियों की ओर से कहा गया है कि वे यशवंत सिन्हा का समर्थन करेंगी।
द्रौपदी मुर्मू का नामांकन NDA का 'शक्ति प्रदर्शन' ?
बता दें कि यशवंत सिन्हा से पहले एनडीए की ओर से द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति कैंडिडेट बनाया गया। द्रौपदी मुर्मू के नामांकन का मौका सत्तारुढ़ पार्टी के शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखा गया। इस मौके पर पीएम मोदी, गृह मंत्री शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे थे।
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राष्ट्रपति भवन : देश के 'प्रथम नागरिक' का निवास !
बहरहाल, यशवंत सिन्हा या द्रौपदी मुर्मू में से कोई भी राष्ट्रपति बने, इतना तय है कि राष्ट्रपति बनने की महत्वाकांक्षा कई लोगों के भीतर देखी गई है। इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में 115 नॉमिनेशन पेपर दाखिल किए गए थे। हालांकि, 103 नामांकन पत्र कमियों के कारण रिजेक्ट हो गए। भारत के प्रेसिडेंट को देश का प्रथम नागरिक भी कहा जाता है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि देश को दूसरी महिला राष्ट्रपति मिलती हैं या सरकार की मुखर आलोचना करने वाले देश के प्रथम नागरिक के रूप में यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति भवन को निवास स्थान बनाते हैं।