जेएनयू हिंसा के बाद मोदी सरकार पर जमकर बरसे यशवंत सिन्हा, कही बड़ी बात
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार दावा करती थी कि वह कश्मीर के देश के अन्य हिस्सों की तरह बनाएगी जबकि उसने पूरे देश को ही कश्मीर के जैसा बना दिया। यशवंत सिन्हा ने कहा कि यह सरकार संदेह की नीति पर आगे बढ़ रही है। यशवंत सिन्हा काफी समय से भाजपा के खिलाफ बोल रहे हैं। जिस तरह से उन्हें पार्टी से किनारे कर दिया गया उसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन छोड़ दिया था और खुलकर भाजपा और केंद्र सरकार पर बोलने लगे।
सरकारी गुंडों और सरकारी पुलिस में कोई फर्क नहीं
यशवंत सिन्हा ने जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के के बाहर चल रहे प्रदर्शन नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बोलते हुए कहा कि इस सरकार ने देश के हालात को बिगाड़ दिया है। जेएनयू छात्रों पर हुए हमले की निंदा करते हुए सिन्हा ने कहा कि सरकारी गुंडो और सरकारी पुलिस में अब कोई फर्क नहीं बचा है। उन्होंने दिल्ली पुलिस पर असामाजिक तत्वों की मदद का आरोप लगाया। सिन्हा ने कहा कि वह उस पांच सदस्यीय कमेटी का हिस्सा थे जिसने कश्मीर में तमाम पाबंदियों के बीच वहां का दौरा किया था।
कश्मीर में भी आवाज को दबाने की कोशिश
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चार वर्ष पहले जब हमने कश्मीर का दौरा किया था तो स्थानीय लोगों और तमाम पक्षकारों से बातचीत के बाद हमने केंद्र सरकार के लिए एक रिपोर्ट तैयार की थी जिसमे प्रस्ताव दिया गया था कि यहा की समस्याओं के समाधान के लिए बातचीत की जाए। सिन्हा ने कहा कि एक शीर्ष अधिकारी ने मुझे बताया कि संवाद इस सरकार की नीति का हिस्सा नहीं है। सरकार की नीति है कि जो भी उसका विरोध करे उसका दमन किया जाए। यही नीति कश्मीर में भी अपनाई जाएगी।
सरकार की नीति दमनकारी
सिन्हा ने कहा कि वह सरकार के रवैये से काफी उदास हैं। मैंने पिछले वर्ष भी कश्मीर जाने की कोशिश की थी, लेकिन मुझे वापस भेज दिया गया, एक बार फिर जब मैंने जाने की कोशिश की तो मुझे होटल के कमरे से बाहर नहीं जाने दिया गया। हाल ही में सरकार ने आर्टिकल 370 और 35ए को हटाया और घाटी को दो केंद्र शासित राज्यों में बांट दिया, यह भी सरकार की उसी नीति का हिस्सा है, जो भी खिलाफ बोले उसका दमन कर दो। सरकार में जो लोग कहते थे कि वह कश्मीर को भी बाकी देश के हिस्से की तरह बनाएंगे उन्होंने पूरे देश को ही कश्मीर की तरह बना दिया। पांच महीने के बाद कश्मीर देश के किसी अन्य हिस्से की तरह नहीं बन पाया।