मोदी की दोबारा ताजपोशी के बीच यशवंत सिन्हा ने राहुल गांधी को दी मुफ्त की सलाह
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने पीएम मोदी की दोबारा ताजपोशी के बीच राहुल गांधी को एक बड़ी सलाह दे दी है।
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में हड़कंप मचा हुआ है। शनिवार को बुलाई गई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर चुके हैं, लेकिन कमेटी के सदस्य इसके लिए तैयार नहीं है। कमेटी के सदस्यों का कहना है कि उनके पास राहुल गांधी के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इस बैठक के बाद से ही राहुल गांधी को इस्तीफा देने से रोकने के लिए कांग्रेस के कई दिग्गज नेता उनके घर पर उनसे मिलने आ चुके हैं। हालांकि राहुल गांधी अभी तक अपना इस्तीफा देने की बात पर अड़े हुए हैं। इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने ट्वीट कर इस्तीफे के मुद्दे पर राहुल गांधी को एक खास सलाह दी है।
यशवंत सिन्हा ने दी ये सलाह
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने गुरुवार को ट्वीट करते हुए कहा, 'अगर राहुल गांधी अपने इस्तीफे की बात पर मजबूती से खड़े नहीं होते हैं, तो वे जनाधार के मामले में और ज्यादा पीछे चले जाएंगे। पार्टी को कम से कम कुछ समय के लिए प्रेसिडियम या किसी अन्य व्यवस्था द्वारा चलाया जाए।' आपको बता दें कि इससे पहले मार्च में राहुल गांधी को यशवंत सिन्हा ने लोकसभा चुनाव के लिए एक मजबूत गठबंधन खड़ा करने की सलाह दी थी। यशवंत सिन्हा ने ट्वीट करते हुए कहा था, 'राहुल गांधी को एक अनचाही सलाह, आज बिहार, झारखंड, दिल्ली और अन्य जगहों पर अपने गठबंधनों को अंतिम रूप दीजिए। इसपर पहले ही बहुत देर हो चुकी है।'
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करारी हार से सदमे में कांग्रेस
दरअसल, कांग्रेस को इस लोकसभा चुनाव में भारी हार का सामना करना पड़ा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के महज 52 सांसद ही चुनकर आए हैं, जबकि इससे पहले 2014 में कांग्रेस महज 44 सीटों पर ही सिमट गई थी। इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का 17 राज्यों में खाता भी नहीं खुला है। वहीं, पार्टी के कई दिग्गज नेताओं समेत 9 पूर्व मुख्यमंत्री भी चुनाव हार गए हैं। मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिल्ली में शीला दीक्षित, उत्तराखंड में हरीश रावत, हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, महाराष्ट्र में अशोक चव्हाण समेत कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को खुद भी यूपी की अमेठी सीट से हार मिली है। उन्हें पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने हराया। हालांकि राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से चुनाव जीत गए।
राज बब्बर ने भेजा राहुल को इस्तीफा
वहीं लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में इस्तीफों की पेशकश का दौर भी शुरू हो गया है। सबसे पहले यूपी में मिली हार की जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने अपने इस्तीफे की पेशकश की। उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजते हुए कहा कि यूपी के परिणाम कांग्रेस के लिए काफी निराशाजनक हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस हार की नैतिक तौर पर जिम्मेदारी लेता हूं। राज बब्बर के बाद कर्नाटक में कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष एच के पाटिल ने भी राहुल गांधी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। अपने पद से इस्तीफा देते हुए एचके पाटिल ने कहा, 'यह वक्त हम सभी के लिए आत्मनिरीक्षण करने का है। मुझे लगता है कि जिम्मेदारी निभाना मेरा नैतिक कर्तव्य है, इसलिए मैं पार्टी में अपने पद से इस्तीफा सौंपता हूं।'
पंजाब और झारखंड से भी इस्तीफे की पेशकश
इनके बाद दो और दिग्गज नेताओं ने अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की। बीते सोमवार को पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष और प्रदेश की गुरदासपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े सुनील जाखड़ ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की। सुनील जाखड़ को गुरदासपुर सीट पर अभिनेता और भाजपा प्रत्याशी सनी देओल ने चुनाव में हराया है। सुनील जाखड़ के अलावा झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने भी राज्य में कांग्रेस को मिली हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है। झारखंड में कांग्रेस केवल एक सीट पर लोकसभा चुनाव जीत पाई है। दोनों नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपनी इस्तीफा भेजा है।
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