यशवंत और शौरी का पीएम मोदी पर हमला, कहा- मंत्री कुछ नहीं कर पा रहे, PMO लेता है सारे फैसले
मुंबई। राफेल सौदे पर सवाल उठाने वाले असंतुष्ट बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा , अरुण शौरी और शत्रुध्न सिन्हा ने एक बार फिर से पीएम मोदी पर निशाना साधा है। दोनों सीनियर नेताओं ने पीएम मोदी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शुक्रवार को लोकतंत्र बचाओ, संविधान बचाओ विषय पर चर्चा के दौरान यशवंत सिन्हा ने कहा कि प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) अकेले ही सभी महत्वपूर्ण मंत्रिस्तरीय निर्णयों खुद लेता है। मंत्री कुछ नहीं करते हैं।
राजनाथ सिंह को नहीं पीडीपी से गठबंधन तोड़ने की जानकारी
अरुण शौरी ने राजनाथ सिंह का नाम लिए बिना दावा किया कि सरकार में नबर दो अोहदे पर बैठे व्यक्ति को जम्मू कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन से हटने के भाजपा के निर्णय के बारे में जानकारी भी नहीं थी। सिन्हा ने एक ऐसा ही और उदाहरण देते हुए कहा कि, इसी तरह से वित्त मंत्री को जानकारी नहीं थी कि नोटबंदी की घोषणा होने जा रही है। उन्होंने राफेल लड़ाकू विमान सौदे को 35 हजार करोड़ रुपए का घोटाला बताया जो कि 64 करोड़ रुपए के बोफोर्स घोटाले से कई गुना बड़ा है।
सरकार सीबीआई का दुरुउपयोग कर रही है
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधान मंत्री कार्यालय सभी मंत्रिस्तरीय फैसलों को नियंत्रित कर रहा है जबकि मंत्री निष्क्रिय हैं। शौरी ने आरोप लगाया, 'निश्चित रूप से संविधान और लोकतंत्र खतरे में है। देश में अभी तक पीट पीटकर मार डालने की 72 घटनाएं हुई हैं, सोहराबुद्दीन (फर्जी मुठभेड़) मामले में 54 गवाह पलट चुके हैं। सीबीआई का दुरुपयोग किया जा रहा है। ऐसी उम्मीद नहीं लगती कि चीजें बदलेंगी। उन्होंने कहा कि , सरकार मीडिया पर सेंसर लगा रही है। अगर वरिष्ठ पत्रकार सरकार के कामों की आलोचना कर रहे हैं तो उन्हें दबाया जा रहा है।
पीएम मोदी देश से जुड़े सभी फैसले खुद ही लेते हैं
वहीं शत्रुघ्न सिन्हा ने भी पीएम मोदी पर जबरदस्त हमला बोला। सिन्हा ने कहा कि वह अपने से भाजपा नहीं छोड़ेंगे। यदि वे मुझे बाहर करना चाहें तो मैं उनके विवेक पर सवाल नहीं उठाऊंगा। सिन्हा ने नोटबंदी के मुद्दे पर पीएम मोदी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि लोग नोटबंदी के सदमे से बाहर निकल रहे थे तभी सरकार ने जीएसटी लागू कर दी। जिससे लोगों को डबल झटका लगा। उन्होंने आरोप लगाए कि, यह पार्टी और कैबिनेट के फैसले नहीं थे। बल्कि पीएम मोदी द्वारा लिए गए अकेले खुद के फैसले थे।
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