वुहान के मुख्य वायरोलॉजिस्ट का दावा, Coronavirus की पैदाइश अभी भी रहस्य
नई दिल्ली- कोरोना वायरस की पैदाइश को लेकर चीन पर कई तरह के गंभीर आरोप लग रहे हैं। अपने रवैये को लेकर चीन इस वक्त दुनिया के ज्यादातर देशों की आंखों का कांटा बना हुआ है। उसपर न केवल वुहान के लैब में वायरस पैदा करने के आरोप लग रहे हैं, बल्कि वायरस के जरिए दुनिया में अपना एकाधिकार बनाने की साजिश रचने तक के आरोप लग रहे हैं। वुहान के उस लैब के बड़े वैज्ञानिक की मानें तो इन आरोपों से कोरोना वायरस की पैदाइश के तह तक पहुंचने में अड़चनें आ सकती हैं। उनका दावा है कि यह अभी तक रहस्य ही है कि आखिरकार कोरोना वायरस की पैदाइश कैसे और कहां हुई ?
वुहान लैब में कोरोना वायरस बनाने की क्षमता नहीं- वायरोलॉजिस्ट
कोरोना वायरस के लैब में पैदा करने के आरोपों के साथ दुनिया भर से चीन के वुहान स्थित वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की ओर उंगली उठती रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तक कह चुके हैं कि उनकी सरकार इसकी जांच कर रही है। लेकिन, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वुहान के उस संस्थान के प्रोफेसर और चीन के नेशनल बायोसेफ्टी लैबोरेटरी के डायरेक्टर युआन झिमिंग का कहना है कि उनके लैब के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण हवावाजी शुरू हुई, जो सभी मौजूद सबूतों के विपरीत है। उनके मुताबिक, 'नया कोरोना वायरस बनाने का वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी का न तो इरादा है और न ही क्षमता है।........सबसे बड़ी बात तो ये है कि SARS-CoV-2 के जिनोम से इसके इंसानों द्वारा बनाए जाने की कोई सूचना नहीं मिलती। '
आईआईटी पर भी लगाया आरोप
उनका आरोप है कि साजिशों की बात को भारत के आईआईटी के एक रिसर्च पेपर से हवा मिली, जिसे बाद में वापस ले लिया गया। उनके मुताबिक उस शोध में दावा किया गया था कि कोरोना वारस का प्रोटीन एचआईवी के प्रोटीन से मिलता-जुलता है। जबकि, ज्यादातर वैज्ञानिक अब मानने लगे हैं कि यह चमगादड़ और पैंगोलिन जैसे जंगली जानवरों में पैदा हुआ। युआन का कहना है कि, '70 फीसदी से ज्यादा संक्रमणशील बीमारियां जानवरों से शुरू होती हैं, खासकर जंगली जानवरों से।' उन्होंने ये भी दावा किया है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से हाल के वर्षों में इंसान और जंगली जानवरों का संपर्क बढ़ा है, जिसकी वजह से इस तरह का खतरा और बढ़ गया है। उनके अनुसार सभी सात ज्ञात कोरोना वायरस चमगादड़ों, चूहे और घरेलू जानवरों से पैदा हुए हैं।
इशारों में अमेरिका पर लगाया गंभीर आरोप
उन्होंने वुहान के लैब से गलती से वायरस के लीक होने की थ्योरी भी ये कहकर खारिज कर दी है कि वहां के सुरक्षा इंतजामों में ऐसा सोचा भी नहीं जा सकता। उनके मुताबिक महामारी के वक्त में साजिशों की बातें होनी सामान्य बातें हैं और यह एचआईवी/एड्स और एसएआरएस के दौरान भी देखा जा चुका है। यही वजह है कि जब चीन पर अमेरिका ने आरोप लगाया तो चीन ने भी वायरस के अमेरिका में पैदा होने के आरोप लगाकर पलटवार किया था। अब चीनी वायरलोजिस्ट ने कुछ ब्रिटिश और जर्मन वैज्ञानिकों की शोध का हवाला देकर कहा है कि उनका रिसर्च तो कहता है कि अमेरिका में जो वायरस कहर बरपा रहा है, वह चीन वाले वायरस से कहीं पुराना लगता है और हो सकता है कि सबसे पहले अमेरिका में भी दिखा हो!
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कुल मिलाकर युआन इन साजिशों की बातों पर कुछ सीधा दावा तो नहीं कर रहे, लेकिन उनका कहना है कि कोरोना वायरस की असल पैदाइश कहां की है, इसका अब तक कोई प्रामाणिक जवाब नहीं है। वो कहते हैं, 'वायरस की उत्पत्ति का पता लगाना विज्ञान का बहुत ही चुनौतीपूर्ण सवाल है, जिसमें बहुत ज्यादा अनिश्चितता है।' जब उनसे उनके लैब की अंतरराष्ट्रीय जांच के बारे में सवाल हुआ तो उन्होंने इसके बारे में ज्यादा पता नहीं होने का दावा करते हुए कहा कि ऐसा अक्सर होता रहा है। उनका कहना है, 'मुझे उम्मीद है कि सभी लोग अपना पूर्वाग्रह और पक्षपात छोड़कर वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने वाले रिसर्च के लिए एक बेहतर माहौल उपलब्ध कराएंगे।'
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