Wuhan Diary: कोरोना वायरस का सच बताने वाली चीनी लेखिका की जान पर खतरा
नई दिल्ली- दुनिया जानती है कि चीन के वुहान शहर को कोरोना वायरस के खतरे से आगाह करने वाले सबसे पहले शख्स डॉक्टर ली वेनलियांग के साथ क्या हुआ। चीन तो कहता है कि उनकी मौत कोविड-19 से हो गई। लेकिन, सच्चाई ये है कि उनकी मौत का सच शायद ही कभी दुनिया जान पाए। मौत से पहले डॉक्टर ली को चीन के हुक्कमरानों ने तरह-तरह की यातनाएं दी थीं। उनके साथ पुलिस ने अपराधियों जैसा बर्ताव किया गया था। अब कुछ उसी तरह की खौफ का सामना चीनी लेखिका फेंग फेंग को करना पड़ रहा है। उनकी कसूर ये है कि उन्होंने अपनी रचना 'वुहान डायरी' के माध्यम से वुहान का कुछ सच सामने लाने की गुस्ताखी की है। उनकी यह रचना अब चीन के बाहर भी छपने वाली है। ऐसे समय में जब चीन कोरोना वायरस को लेकर अपनी चालबाजियों की वजह से दुनिया के निशाने पर है, इस तरह की कोई भी किताब उसकी खूनी सोच को दुनिया के सामने ला सकता है। इसलिए फेंग फेंग को जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। उनपर बाहर ताकतों के हाथों खेलने के आरोप लग रहे हैं।
'वुहान डायरी' में लिखा वुहान का सच
जब वुहान में कोरोना वायरस फैलने लगा और शहर की सच्चाई छिपाने के लिए उसे पूरी तरह सील कर दिया गया, तभी से चीनी लेखिका फेंग फेंग ने अपने शहर की हालातों को अपने एक ऑनलाइन डायरी के जरिए उजागर करना शुरू कर दिया था। फेंग फेंग की लेखनी की अपनी एक प्रतिष्ठा है। उन्होंने वुहान के कोरोना वायरस त्रासदी को जिस जर्नल में शब्दों में उकेरा उसे करोड़ों लोगों को पढ़ने का मौका मिला। लेकिन, अब जब उनकी रचना 'वुहान डायरी' के नाम से चीन से बाहर छपने के लिए तैयार है तो अपने घर में ही उन्हें बेगाना कर दिया गया है।
डॉक्टर ली वेनलियांग के दावों की तस्दीक
'वुहान डायरी' में उन्होंने कोरोना वायरस के प्रकोप के दौरान लोगों का डर, गुस्सा और उम्मीदें बयां की हैं। लेकिन, उनकी गलती ये है कि उन्होंने उसमें उन संवेदनशील खामियों को भी उजागर किया है जो शी जिनपिंग की सरकार की करतूतों पर से पर्दा उठा देता है। मसलन, उस दौरान कोरोना मरीजों की वजह से अस्पताल इतने ठसाठस भर गए थे कि मरीजों को लौटा दिया जा रहा था। वुहान में मास्क की कमी हो गई थी। एक जगह तो उन्होंने इतना बड़ा खुलासा किया है, जिसका संदेह पूरी दुनिया को भी है। उन्होंने लिखा है, 'मेरे एक डॉक्टर मित्र ने मुझसे कहा- सच तो ये है कि हम डॉक्टरों को पहले से ही पता था कि यह बीमारी इंसानों से इंसानों में फैलती है, हमनें अपने वरिष्ठों को इसकी जानकारी भी दी, लेकिन किसी ने लोगों को आगाह नहीं किया।'
जान से मारने की धमकिया मिल रही हैं- फेंग फेंग
जब से चीन की चालबाजियों को लेकर पूरा विश्व संदेह कर रहा है, चीन की लोकप्रिय लेखिका अचानक वहां के सोशल मीडिया यूजर्स के लिए परायी बन गई हैं। 'वीबो'(यह ट्विटर की तरह चीन का एक ऑनलाइन नेटवर्किंग टूल है ) पर उन्हें लगातार निशाना बनाया जाने लगा है। एक वीबो यूजर उन्हें लिखता है, 'बहुत बढ़िया फेंग फेंग। तुम पश्चिमी देशों को चीन के खिलाफ हथियार थमा रही हो।' एक यूजर उनपर आरोप लगाता है कि वह वुहान के वायरस पीड़ितों का इस्तेमाल पैसे बनाने के लिए कर रही हैं। फेंग फेंग ने भी लिखा है कि वो अब सोशल मीडिया की शिकार हो रही हैं। एक चीनी साप्ताहिक कैक्सिन को दिए इंटरव्यू में उन्होंने दावा किया है कि उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। वुहान डायरी नाम की उनकी किताब जून से बिकने वाली है।
कोरोना के गुनहगारों को कुदरत से मिलेगा इंसाफ!
बता दें कि कोरोना वायरस के चलते आज पूरी दुनिया तबाह होने की कगार पर खड़ी है। दुनिया का कोई भी वैज्ञानिक या विशेषज्ञ यह बताने की स्थिति में नहीं है कि इसका प्रकोप कब तक खत्म होने वाला है। इस बीमारी ने अमेरिका जैसे वर्ल्ड लीडर को घुटने पर ला दिया है और ठसक में रहने वाले यूरोपीय देशों की कहानी भी बेहद मार्मिक हो चुकी है। कोरोना वायरस सिर्फ अमेरिका, यूरोप या भारत जैसे देशों के लिए ही खतरा नहीं है, इसने पूरी मानवता पर ग्रहण लगा दिया है। ऐसे में सवाल है कि क्या मानवता को संकट में डालने वाले असली गुनहगारों की क्या कभी सही में पहचान हो पाएगी? और पहचान हो भी जाए तो उसे उसकी करतूत की सजा मिल पाएगी? या फिर इस न्याय को भी कुदरत के इंसाफ के भरोसे ही छोड़ना पड़ेगा!
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