क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

DU में स्‍टूडेंट्स को दी जा रही है सलाह- स्‍कर्ट की तरह छोटा हो ईमेल ताकि दिलचस्पी बनी रहे

किताब में छात्रों को सलाह दी गयी है कि वह स्कर्ट की तरह छोटा ईमेल लिखें जिससे रूचि बनी रहे।

Google Oneindia News

नई दिल्‍ली। देश के प्रतिष्ठित विश्‍वविद्यालयों में से एक दिल्‍ली यूनिवर्सिटी की बीकॉम ऑनर्स की एक किताब को लेकर विवाद शुरु हो गया है। दरअसल इस किताब में छात्रों को पढ़ाया जा रहा है कि उन्‍हें किस तरह ईमेल लिखना चाहिए। अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें विवाद होने जैसा क्‍या है। तो हम आपको बताते हैं। किताब में ईमेल लिखने के तरीके के सुझाव, लड़कियों की शॉर्ट स्कर्ट से तुलना करके दिए गए हैं।

DU में स्‍टूडेंट्स को दी जा रही है सलाह- स्‍कर्ट की तरह छोटा हो ईमेल ताकि दिलचस्पी बनी रहे

जी हां किताब में छात्रों को सलाह दी गयी है कि वह स्कर्ट की तरह छोटा ईमेल लिखें जिससे रूचि बनी रहे। आपको बता दें कि किताब का नाम 'बेसिक बिजनेस कम्यूनिकेशन' है। यह किताब दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध एक कॉलेज में वाणिज्य विभाग के पूर्व प्रमुख सीबी गुप्ता ने लिखी है। डीयू से संबद्ध अधिकतर कॉलेजों में बड़े पैमाने पर प्रोफेसरों द्वारा बीकॉम (ऑनर्स) के छात्रों को इस पाठ्यपुस्तक को पढ़ने की सलाह दी जाती है।

इस किताब के प्रकाशन को एक दशक से ज्यादा हो चुका है। इसमें कहा गया है, ''ईमेल संदेश स्कर्ट की तरह होने चाहिए। इतना छोटा हो कि उसमें रुचि बनी रहे और लंबा इतना हो कि सभी महत्वपूर्ण बिंदू इसमें शामिल हो जाएं।'

क्‍या लिखा है किताब में

किताब में अंग्रेजी में लिखा गया है- "Email messages should be like skirts- short enough to be interesting and long enough to cover all the vital points. Reading from monitor screen is harder and slower than reading in print out of the same text.If the email message is long, it might not be read at all or read too casually."

इसका अर्थ है- "ईमेल को स्कर्ट की तरह होना चाहिए- इतना छोटा कि वह लोगों में रुचि जगा सके और इतना लंबा कि सभी अहम बातें उसमें समा सकें। मॉनिटर स्क्रीन से पढ़ने का काम मुश्किल और धीमा हो जाता है जबकि प्रिंट ऑउट से पढ़ना आसान होता है। अगर मेल लंबा होगा तो हो सकता है कि वो पढ़ा ही न जाए या फिर उसे कोई ध्यान से न पढ़े।"

प्रोफेसर ने मांग ली है माफी

मामला मीडिया में आने के बाद किताब के लेखक प्रोफेसर सीबी गुप्‍ता ने लोगों की भावनाओं को आहत करने के लिए माफी मांगी है। उन्होंने ये भी कहा है कि जिस आर्टिकल में ये कहा गया है वो एक विदेशी लेखक द्वारा लिखा गया है। उन्होंने कहा, 'मैंने अपनी किताब से ये बातें हटा दी हैं। साथ ही प्रकाशक से कहा है कि वह नवीनतम संस्करण में इस कंटेंट को हटा दे।

Comments
English summary
The textbook is widely prescribed by professors to B.Com (Honours) students in most DU-affiliated colleges. A textbook has advised students to write emails as short as skirts.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X