पद्म पुरस्कार नहीं दिए जाने पर पहलवान विनेश फोगाट ने चयन प्रक्रिया पर उठाए सवाल
नई दिल्ली। भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट ने तीसरी बार अनदेखी होने के बाद रविवार को खिलाड़ियों को पद्म पुरस्कार देने के तरीके पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे थोड़ा अनुचित करार दिया है। विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता और टोक्यो ओलंपिक में पदक की मजबूत दावेदार विनेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया है।
'मौजूदा उपलब्धियों को सम्मानित नहीं किया जाता'
विनेश ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक स्क्रीनशाट पोस्ट करते हुए लिखा, 'हमारी सरकार हर साल नए खिलाड़ियों को पुरस्कार देती है। इन पुरस्कारों से खेल और खिलाड़ियों की अच्छा प्रदर्शन करने के लिए हौसलाअफजाई होती है, लेकिन यह भी देखा गया है कि कई बार इन पुरस्कारों के जरिए मौजूदा उपलब्धियों या खेल जगत में पिछले कुछ समय की सफलता को सम्मानित नहीं किया जाता।'
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'ये सबकुछ खोड़ा अनुचित नजर आता है'
उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है कि हर बार योग्य खिलाड़ियों को छोड़ दिया जाता है। 2020 के पुरस्कारों में भी ऐसा ही हुआ है। कौन इस बात का फैसला करता है कि किसे पुरस्कार मिलेगा? क्या ज्यूरी में मौजूदा और पूर्व खिलाड़ी शामिल हैं? यह काम कैसे करता है? अंत में ये सबकुछ खोड़ा अनुचित नजर आता है।'
विनेश ने भी किया था आवेदन
बता दें इस साल आठ खिलाड़ियों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा हुई। इस सूची में दिग्गज मुक्केबाज मैरीकॉम को पद्म विभूषण, बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु को पद्म भूषण, भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान, महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल, पुरुष हॉकी टीम के पूर्व कप्तान एमपी गणेश, निशानेबाज जीतू राय, महिला फुटबॉल टीम की पूर्व कप्तान ओइनम बेमबेम देवी और तीरंदाज तरुणदीप राय को पद्म श्री पुरस्कार के लिए चुना गया। विनेश फोगाट ने भी इसके लिए आवेदन किया था। लेकिन उन्हें ये सम्मान नहीं मिला।
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