1968 में क्रैश हुआ IAF का AN-12 एयरक्राफ्ट, 51 साल बाद लाहौल स्पीति के ग्लेशियर में मिला मलबा
नई दिल्ली। 51 साल पहले क्रैश हुए इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के एयरक्राफ्ट का मलबा हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में मिला है। यह एयरक्राफ्ट भी एएन-12 बीएल-534 था। एयरक्राफ्ट पांच दशक पहले यह एयरक्राफ्ट गायब हो गया था और कई प्रयासों के बाद इसे तलाशा नहीं जा सकता था। हालांकि मलबे के अलावा करीब 94 रक्षाकर्मियों के बारे में जो इस पर सवार थे, उनके बार में ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी है। इस क्रैश में मारे गए सिर्फ चार रक्षा कर्मियों के शव ही बरामद किए जा सके थे।
एयरक्राफ्ट के कई हिस्से भी मिले
51 साल पहले सात फरवरी 1968 को एयरक्राफ्ट उस समय गायब हो गया था जब वह रोहतांग पास के ऊपर से गुजर से रहा था। यह एक एएन-12 एयरक्राफ्ट था और इसमें करीब 100 रक्षा कर्मी सवार थे। इसका मलबा लाहौल-स्पीति में ढाका ग्लेशियर पर मिला है। हालांकि इस बात की कोई जानकारी आज तक नहीं मिल सकी है कि इसमें सवा लोगों का क्या हुआ होगा। चौंकाने वाली बात यह है कि मलबे में एयरक्राफ्ट के बड़े पार्ट्स जैसे एरो इंजन, फ्यूसलेज, इलेक्ट्रिक सर्किट्स, प्रॉपेलर, फ्यूल टैंक यूनिट, एयर ब्रेक एसेंबली और कॉकपिट डोर मिले हैं।
सिर्फ पांच शव ही मिल पाए
साल 2003 में हिमालयन माउंटेनयरिंग इंस्टीट्यूट ने एक शव को पहचाना था। शव की पहचान सिपाही बेली राम के तौर पर हुई थी जो उस फ्लाइट में सवार थे। अगस्त 2007 में इंडियन आर्मी के एक दल ने तीन और शवों को बरामद किया था। एक जुलाई 2018 को सेना के पर्वतारोहियों की टीम को एक और सैनिक का शव मिला था और एयरक्राफ्ट का हिस्सा भी मिला था।
छह अगस्त को एयरफोर्स शामिल सर्च ऑपरेशन में
एयरक्राफ्ट के मलबे की तलाश के लिए इस वर्ष 26 जुलाई को डोगरा स्काउट्स की ओर से अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान को वेस्टर्न कमांड की देखरेख में चलाया जा रहा था। अधिकारियों की ओर से बताया गया कि 13 दिनों की तलाश के बाद टीम को 5,240 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ढाका ग्लेशियर पर एयरक्राफ्ट के हिस्से बरामद हो सके। मलबे में रक्षा कर्मियों का कुछ सामान भी मिला है। इंडियन एयरफोर्स इस सर्च ऑपरेशन में छह अगस्त को शामिल हुई थी।
लैंड करने वाला था कि वापस लौटने के मिले आदेश
सन् 1968 एयरक्राफ्ट 98 रक्षा कर्मियों को लेकर रवाना हुआ था। एयरक्राफ्ट लैंड करने ही वाला था कि पायलट को ग्राउंड कंट्रोल से खराब मौसम की वजह से वापस लौटने के आदेश मिले। चंडीगढ़ लौटते समय जब एयरक्राफ्ट रोहतांग पास से गुजर रहा था तभी इसका संपर्क ग्राउंड कंट्रोल से टूट गया। कई माह तक इसकी तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया लेकिन कोई सफलता नहीं मिल सकी।