दुनिया की सबसे सस्ती कोरोना वायरस टेस्टिंग किट बुधवार को होगी लॉन्च, IIT दिल्ली ने बनाया
नई दिल्ली। भारत में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों के बीच देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से एक अच्छी खबर सामने आई है। दरअसल, बुधवार को भारत में दुनिया की सबसे सस्ती कोरोना वायरस टेस्टिंग किट लॉन्च की जाएगी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक और मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे इसे 15 जुलाई 2020 को लॉन्च करेंगे। बता दें कि इस किट को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली ने तैयार किया है जिसे Corosure नाम दिया गया है।
सिर्फ 500 रुपए में होगा कोरोना जांच
RT-PCR आधारित इस Covid-19 डायग्नोस्टिक किट से सिर्फ 500 रुपए खर्च कर के कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाया जा सकता है। वर्तमान में कोरोना टेस्ट के लिए 2500 से 5000 रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं। बता दें कि यह कीमत आईआईटी दिल्ली द्वावा प्रति किट पर रखा गया है लेकिन बुधवार को 'कोरोश्योर' नाम की किट को लॉन्च करने जा रही कंपनी न्यूटेक मेडिकल डिवाइसेस ने अभी इसके कीमत की घोषणा नहीं की है। बता दें कि आईआईटी दिल्ली ने कोविड-19 के टेस्ट के लिए किफायती कोरोश्योर टेस्ट किट का उत्पादन दिल्ली आधारित फर्म के साथ मिलकर तैयार किया है।
Recommended Video
एचआरडी मंत्री करेंगे लॉन्च
केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक और मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे बुधवार को कोरोश्योर टेस्ट किट को लॉन्च करेंगे। बड़े पैमाने पर किट के निर्माण और असेंबलिंग कार्य सैटेलाइट सिटी, फरीदाबाद में कोविड-19 टेस्टिंग किट के लिए स्थापित विशेष यूनिट में किया जाएगा। बता दें कि कोरोश्योर उन कंपनियों में से एक है, जिन्हें आईआईटी दिल्ली से प्रोब फ्री आरटी-पीसीआर आधारित कोविड-19 किफायती टेस्ट किट के लिए नॉन एक्सक्लुसिव लाइसेंस मिला है।
ऐसा करने वाला आईआईटी दिल्ली पहला संस्थान
कोरोश्योर टेस्ट किट को तैयार करने के बाद आईआईटी दिल्ली COVID-19 परीक्षण पद्धति विकसित करने वाला पहला शैक्षणिक संस्थान बन गया। कोरोश्योर भारत में कोविड-19 के लिए सबसे किफायती पीसीआर टेस्टिंग किट का निर्माण करेगी। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की देखरेख में इस टेस्टिंग किट को बुधवार को लॉन्च किया जाना है। ऐसी उम्मीद है कि इस टेस्टिंग किट के बाजार में आने से हर महीने 20 लाख कोरोना टेस्ट किया जा सकता है।
'प्रोब-फ्री' आधारित है कोरोश्योर
आईआईटी दिल्ली में टीम के अनुसार वर्तमान में उपलब्ध जांच के तरीके प्रोब-आधारित हैं, जबकि आईआईटी दिल्ली द्वारा विकसित यह तरीका 'प्रोब-फ्री' है, जिससे सटीकता के साथ कोई समझौता किए बिना जांच की लागत बेहद कम हो जाती है। गौरतलब है कि देश में महामारी के बढ़ते मामलों के बीच यह राहत की खबर है। बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक देश में कुल 9,06,752 लोग इस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं, तो वहीं कोरोना के कारण अब तक 23,727 लोगों की जान जा चुकी है।
यह भी पढ़ें: कोरोना के शक में बस से फेंककर युवती की ली थी जान, महिला आयोग के संज्ञान के बाद ड्राइवर-कंडक्टर के खिलाफ केस दर्ज