World Thalassaemia Day: शरीर में खून को कम कर देती है ये बीमारी, जा सकती है जान
नई दिल्ली: पूरी दुनिया में 8 मई को वर्ल्ड थैलेसीमिया डे मनाया जाता है। इस दिन लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरुक किया जाता है। हर साल इस दिन की थीम अलग-अलग रहती है। इस बार 'यूनिवर्सल एक्सेस टू क्वालिटी थैलेसीमिया हेल्थकेयर सर्विसेज बिल्डिंग ब्रिजेस विद एंड फॉर पेशेंट्स' थीम के आधार पर वर्ल्ड थैलेसीमिया डे मनाया जा रहा है। ये बीमारी मां-बाप से बच्चों को अनुवांशिक तौर पर मिलती है। वैसे तो इस बीमारी से बचा जा सकता है, लेकिन अगर समय पर इलाज नहीं मिला तो ये जानलेवा साबित हो सकती है।
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क्या
है
थैलेसीमिया?
थैलेसीमिया
एक
खतरनाक
बीमारी
है।
इसकी
वजह
से
शरीर
में
खून
की
कमी
हो
जाती
है।
वहीं
हीमोग्लोबिन
का
स्तर
भी
कम
हो
जाता
है।
आमतौर
पर
एक
स्वस्थ्य
मनुष्य
के
शरीब
में
लाल
रक्त
कणिकाएं
करीब
120
दिनों
तक
रहती
हैं,
लेकिन
जब
कोई
थैलेसीमिया
की
चपेट
में
आता
है
तो
उसकी
लाल
रक्त
कणिकाएं
20
दिनों
में
ही
खत्म
हो
जाती
हैं।
जिस
वजह
से
हीमोग्लोबिन
कम
होता
है
और
इंसान
एनिमिया
का
शिकार
हो
सकता
है।
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ये
हैं
थेलेसीमिया
के
लक्षण
1-
बच्चे
का
वजन
कम
होना।
2-
सांस
लेने
में
दिक्कत।
3-
बच्चे
का
विकास
रुक
जाना।
4-
हर
वक्त
थकान
और
कमजोरी।
5-
बच्चे
के
जबड़े
और
गाल
का
असामान्य
होना।
6-
नाखून
और
जीभ
पीली
पड़
जाती
है,
ऐसे
में
पीलिया
होने
जैसा
लगता
है।
बचाव
के
उपाय
1-
अपनी
दिनचर्या
सुधारें,
समय
पर
खाना
खाएं।
2-
हरी
पत्तेदार
सब्जियां
खाएं।
3-
खाने
में
ऐसी
चीजें
लें,
जिसमें
आयरन
की
मात्रा
अधिक
हो।
4-
किसी
भी
बीमारी
से
बचने
के
लिए
व्यायाम
और
योग
जरूर
करना
चाहिए।
5-
समय-समय
पर
अपने
खून
की
जांच
करवाएं।