World Students' Day 2019: क्यों एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर ही मनाया जाता है ये दिन
नई दिल्ली। आज देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का 88वां जन्म दिवस है। इस दिन को हर साल विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। साल 2010 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने घोषणा की थी कि हर साल 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस मनाया जाएगा। एक शिक्षक के रूप में उनकी भूमिका का उल्लेख किए बिना एपीजे अब्दुल कलाम को याद करना अधूरा है।
डॉक्टर कलाम ने खुद को शिक्षा के लिए समर्पित कर दिया था। वह खुद को पहले एक शिक्षक मानते थे और बाद में कुछ और। 27 जुलाई, 2015 को आईआईएम शिलॉन्ग के छात्रों को व्याख्यान देते समय कलाम को कार्डिक अरेस्ट आ गया था। जिससे उनका निधन हो गया। इससे शिक्षण के प्रति उनके समर्पण का पता चलता है।
2006 में शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार देने के दौरान राष्ट्रपति के संबोधन में उन्होंने कहा था, 'शिक्षकों को यह महसूस करना होगा कि वे समाज के निर्माता हैं। समाज का निर्माण तभी हो सकता है जब छात्रों को उनके विषयों में दक्ष बनाया जाए। इसके अलावा, उन्हें छात्रों को जीवन के लिए एक दृष्टि प्रदान करनी होगी और आने वाले वर्षों में उन मूल्यों के मूल सिद्धांतों को भी विकसित करना होगा जिनका उन्हें अभ्यास करना चाहिए।'
वह देश के 11वें राष्ट्रपति थे और साल 2002 से 2007 तक देश के राष्ट्रपति के पद पर रहे। भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल प्रणालियों के लिए श्रेय दिए जाने के अलावा उन्हें व्यापक रूप से लोगों के राष्ट्रपति के रूप में भी संदर्भित किया जाता है।
छात्रों के लिए उनके अनमोल विचार कुछ इस प्रकार हैं-
'शिखर तक पहुंचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वो माउंट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का।'
'तब तक लड़ना मत छोड़ो जब तक अपनी तय की हुई जगह पर ना पहुंच जाओ- यही, अद्वितीय हो तुम। जिंदगी में एक लक्ष्य रखो, लगातार ज्ञान प्राप्त करो, कड़ी मेहनत करो, और महान जीवन को प्राप्त करने के लिए दृढ रहो।'
'किसी विद्यार्थी की सबसे जरूरी विशेषताओं में से एक है पश्न पूछना। विद्यार्थियों को प्रश्न पूछने दीजिये।'
'अपने कार्य में सफल होने के लिए आपको एकाग्रचित होकर अपने लक्ष्य पर ध्यान लगाना होगा।'
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