World Population Day 2019: क्यों मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस? जानिए इससे जुड़ी अहम बातें
नई दिल्ली। आज 11 जुलाई यानि विश्व जनसंख्या दिवस है। ये दिन दुनियाभर में बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन लोगों को मानवाधिकार, लैंगिक समानता और परिवार नियोजन पर जानकारी दी जाती है। दुनियाभर में 1989 से विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है। बता दें कि इस दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र संघ के विकास कार्यक्रम के तहत हुई थी। जिसके बाद अलग अलग देशों में इसे मनाया जाता है। बीते साल विश्व जनसंख्या दिवस की थीम परिवार नियोजन थी। वहीं भारत में जनसंख्या की बात करें तो ये दुनिया के कुछ सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक है।
8 सालों में चीन से ज्यादा हो जाएगी भारत की आबादी
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार 2050 तक विश्व की जनसंख्या में 9.7 अरब की बढ़त होगी। यानी इस शताब्दी के अंत तक 11 अरब के साथ विश्व की जनसंख्या अपने शीर्ष पर होगी। वहीं ये भी जानकारी है कि अगले 8 सालों में भारत चीन को पीछे छोड़ते हुए विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश हो जाएगा।
घटेगा वैश्वित फर्टिलिटी रेट
वैश्विक फर्टिलिटी रेट जो कि 1990 में 3.2 बर्थ प्रति महिला था वह 2019 तक घटकर 2.5 बर्थ प्रति महिला रह गया है। वहीं 2050 तक इस दर के 2.2 तक आ जाने का संभावना है। वहीं भारत की बात करें तो फिलहाल यहां का फर्टिलिटी का रेट 2.2 बर्थ प्रति महिला है। नौ देश ऐसे हैं जो अब से 2050 तक विश्व की आधी जनसंख्या का कारण बनेंगे। इसमें नाइजीरिया, पाकिस्तान, कांगो, यूथोपिया, तंजानिया, इंडोनेशिया, इजिप्ट और अमेरिका शामिल हैं।
2050 तक दोगुनी हो जाएगी इस देश की आबादी
रिपोर्ट के अनुसार सब-सहारा अफ्रीका की आबादी साल 2050 तक दोगुनी हो जाएगी। यहां लगभग 99 प्रतिशत आबादी बढ़ेगी। वहीं वो देश जहां इस दौरान आबादी बहुत अधिक नहीं बढ़ेगी उसमें आस्ट्रेलिया/न्यूजीलैंड को छोड़कर ओसीनिया (56%), नॉर्दन अफ्रीका और वेस्टर्न एशिया (46%), आस्ट्रेलिया /न्यूजीलैंड (28%), सेंट्रल व साउदर्न एशिया (25%), लेटिन अमेरिका और कैरिबियन (18%), ईस्टर्न व साउथ ईस्टर्न एशिया (3%) और यूरोप और नार्दन अमेरिका (2%) शामिल हैं।
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