क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

118 साल पुराना है कालका-शिमला रेल मार्ग, विश्व धरोहर दिवस पर जानें भारत की 5 ऐसी ऐतिहासिक जगहों के बारे में

118 साल पुराना है कालका-शिमला रेल मार्ग, विश्व धरोहर दिवस पर जानें भारत की 5 ऐसी ऐतिहासिक जगहों के बारे में

Google Oneindia News

विश्व धरोहर दिवस 2021: दुनियाभर में आज 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस या विश्व विरासत दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य दुनिया भर की मानव सभ्यता से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण करना और लोगों को इसके लिए जागरूक करना। सबसे पहले विश्व धरोहर दिवस 18 अप्रैल 1982 ट्यूनीशिया में 'इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ मोनुमेंट्स एंड साइट्स' द्वारा मनाया गया था। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को के पहल पर 1972 में एक संधि की गई थी, जो विश्व के सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। विश्व धरोहर स्थल में तीन तरह की धरोहर को शामिल किया गया है। जो इस प्रकार हैं- प्राकृतिक धरोहर स्थल, सांस्कृतिक धरोहर स्थल और मिश्रित धरोहर स्थल। भारत में कुल 39 विश्व धरोहर स्थल हैं, जिसमें 30 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 2 मिश्रित शामिल हैं। इन सभी को यूनेस्को द्वारा मान्यता दी गई है। आज विश्व धरोहर दिवस पर हम आपको भारत के 5 ऐसे ही ऐतिहासिक धरोहर स्थल के बारे में बताएंगे, जिसके बारे में शायद ही आप जानते होंगे। जिसमें से 3 विश्व धरोहर भारतीय रेलवे से जुडे़ हैं।

1. कालका-शिमला रेल मार्ग

1. कालका-शिमला रेल मार्ग

विश्व धरोहर में भारत का कालका-शिमला रेलवे मार्ग भी शामिल है। जो कि 118 साल पुराना हो गया है। कालका-शिमला रेल मार्ग को केएसआर के नाम से भी जाना जाता है। शिमला को जोड़ने के लिए 19वीं शताब्दी के शुरुआत में इसे बनाया गया था। 9 नवंबर 1903 को कालका-शिमला रेलमार्ग की शुरुआत हुई थी। कालका-शिमला रेल मार्ग 96.6 किलोमीटर लंबा सिंगल ट्रैक वर्किंग रेल लिंक है, जिसमें कुल 18 स्टेशन हैं। कालका-शिमला रेल मार्ग उत्तर रेलवे के अंबाला डिवीजन में आता है। 1896 में कालका-शिमला रेल मार्ग को बनाने के लिए दिल्ली-अंबाला कंपनी को इसका प्रोजेक्ट दिया गया था।

2. निलगिरी माउंटेन रेलवे लाइन

2. निलगिरी माउंटेन रेलवे लाइन

निलगिरी माउंटेन रेलवे लाइन को 1908 में ब्रिटिश राज में बनाया गया था। इसको बनाने का काम 1891 में शुरू हुआ था। यह तमिलनाडु में 46 किलोमीटर लंबी मीटर गेज सिंगल ट्रैक रेलवे ट्रैक है। शुरुआत में इसका संचालन मद्रास रेलवे करता था। लेकिन जुलाई 2005 में यूनेस्को ने नीलगिरि माउंटेन रेलवे लाइन को दार्जिलिंग हिमालयी रेल के विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी। अब ये फिलहाल दक्षिणी रेलवे द्वारा संचालित किया जाता है। इस रेलवे का परिचालन आज भी भाप इंजनों द्वारा किया जाता है।

3. दार्जिलिंग हिमालयी रेल

3. दार्जिलिंग हिमालयी रेल

दार्जिलिंग हिमालयी रेल मार्ग भारत में पहाड़ी रेलवे ट्रैक का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण है। यहां चलने वाली ट्रेनों को टॉय ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है। दार्जिलिंग हिमालयी रेल का निर्माण 1879 और 1881 के बीच किया गया था। इस रेलवे ट्रैक की लंबाई 78 किलोमीटर (48 मील) है। इस रेलवे का मुख्यालय कुर्सियांग शहर में है। दार्जिलिंग हिमालयी रेल को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल किया गया है।

4. रानी की वाव (गुजरात)

4. रानी की वाव (गुजरात)

रानी की वाव भारत के गुजरात के पाटण में स्थित है। इस विश्न प्रसिद्ध बावड़ी ( (सीढ़ीदार कुआं) के बारे में कम ही लोग जानते हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2018 में अपने 100 के नोटों पर इसकी छपाई भी की थी। 22 जून 2014 को इसे यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल में शामिल किया गया है। इतिहास कारों के मुताबिक इस बावड़ी का निर्माण गुजरात के सोलंकी राजा भीमदेव प्रथम की स्‍मृति में उनकी पत्नी रानी उदयामति ने साल 1050-43 के बीच में बनवाया था, जो सरस्वती नदी के किनारे है। इस तरह के सीढ़ीदार कुआं को 3,000 ई. पू. से भारत में बनाया जाता रहा है। रानी की वाव 64 मीटर लंबा और 20 मीटर चौड़ा है। इसकी गहराई 27 मीटर है।

5. ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क

5. ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क

रेलवे और ऐतिहासिक धरोहर के बाद बात करते हैं भारत में प्राकृतिक स्थल की। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को जून 2014 में यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल में शामिल किया गया है। ये पार्क हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी में स्थित है और सबसे बड़े नेशनल पार्कों में शामिल है। यह पार्क 1171 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह पार्क अपने जैव विविधता के लिए जाना जाता है। इसमें 25 प्रकार के जंगल और कई तरह के वन्यजीव पाए जाते हैं। यह पार्क में राज्य पक्षी जाजुराना का संरक्षक केंद्र है। यहां करीब 500 जाजुराना पक्षी हैं। यह क्षेत्र कई नदियों सहित ग्लेशियर से भी घिरा हुआ है।

Comments
English summary
World Heritage Day 2021 : Lesser Known Historical Monuments In India
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X