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कोरोना संकट में दुनिया कैसे मनाएगी रमजान, जानिए किस देश ने दी मस्जिदों में नमाज की छूट

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नई दिल्ली। भारत में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रकोप ने साल 2020 के त्योहारों का रंग फीका कर दिया। कल यानी गुरुवार से रमजान का पाक महीना शुरू हो रहा है, हर वर्ष इस समय जहां बाजारों में खरीदारों की भीड़ लगी रहती थी वहीं, इस बार गलियां और बाजार सब सूने पड़े हैं। रमजान के महीने में इस साल स्वादिष्ट पकवान, मीठाइयों से भरी बाजार की गलियां नहीं दिखाई देंगी। इस बार दुनियाभर के मुसलमान कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण घर में ही रहकर रमजान महीने का उत्सव मनाएंगे।

23 अप्रैल से 23 मई तक चलेगा रमजान का पाक महीना

23 अप्रैल से 23 मई तक चलेगा रमजान का पाक महीना

केंद्र सरकार ने भी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों से कहा है कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए पवित्र इस्लामिक महीने रमजान के दौरान सतर्क रहें और सुनिश्चित करें कि नमाज के लिए भीड़ इकट्ठी नहीं हो। बता दें कि इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना रमजान 23 अप्रैल से शुरू होने की संभावना है और यह 23 मई, 2020 तक चलेगा। इस महीने के दौरान मुसलमान सुबह से शाम तक व्रत रखते हैं।

कोरोना वायरस ने रमजान के उत्साह को किया कम

कोरोना वायरस ने रमजान के उत्साह को किया कम

हालांकि, देश में लॉकडाउन और लागों को सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए कहा गया है इसलिए इस रमजान में इफ्तार पार्टी की अनुमति नहीं दी गई है। धार्मिक नेताओं और विद्वानों ने लॉकडाउन में रमजान के महीने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें लोगों को गरीबों को खाना खिलाने और लॉकडाउन के नियमों का पालन करने के लिए कहा गया है।

इस साल नहीं कर सकेंगे इफ्तार पार्टी

इस साल नहीं कर सकेंगे इफ्तार पार्टी

रमजान में मुस्लिम परिवार सुबह उपवास शुरू करते हैं जिसे 'सुहूर' कहा जाता है और शाम की नमाज से ठीक पहले इफ्तार कर उपवास खोला जाता है। इसके बाद रात को तरावीह नामक नमाज मस्जिदों में आयोजित की जाती है। इफ्तार पार्टियां उसे कहा जाता है जहां लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं और एक दूसरे से मिलते हैं। लेकिन इस वर्ष ऐसा होने की कोई संभावना नहीं है। कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में ऐसे सभी सम्मेलनों पर रोक लगा दी गई है।

भारत में लोगों से की गई ये अपील

भारत में लोगों से की गई ये अपील

लखनऊ में इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया फिरंगी महल के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद ने मुसलमानों से लॉकडाउन नियमों का पालन करने के लिए कहा, जिसमें लोगों से तरावीह की नमाज के लिए भारी संख्या में इकट्ठा ना होने का आग्रह किया गया। लोगों से कहा गया है कि वे घर पर ही अपने सुहूर और इफ्तार में शरीक हों। धार्मिक समूहों ने लोगों से पवित्र महीने के दौरान गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन देने का भी आग्रह किया।

मलेशिया, ब्रुनेई और सिंगापुर ने भी लगाई रोक

मलेशिया, ब्रुनेई और सिंगापुर ने भी लगाई रोक

विदेशों में भी कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लॉकडाउन में लोगों से सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए कहा गया है। मिस्र में रमजान महीने में होने वाली सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। मलेशिया, ब्रुनेई और सिंगापुर ने भी महीने भर चलने वाले रमजान के बाजारों पर प्रतिबंध लगा दिया है जहां आमतौर पर खाने, पीने और कपड़े बेचे जाते हैं। मुसलमानों के लिए सबसे बड़ा धार्मिक स्थल सऊदी अरब की भव्य मुफ्ती ने कहा है कि रमजान के दौरान नमाज को केवल घर पर ही पढ़ें। जॉर्डन ने भी इसी तरह की गाइडलाइन जारी की है।

पाकिस्तान की मस्जिदों में एंट्री पर रोक नहीं

पाकिस्तान की मस्जिदों में एंट्री पर रोक नहीं

भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में ऐसी कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। वहां सामाजिक दूरी का पालन करते हुए मस्जिदों में होने वाली नमाजों में शामिल होने की अनुमति दी गई है। हालांकि, 50 वर्ष से अधिक आयु के लोग, नाबालिग और फ्लू से पीड़ित लोगों को मस्जिदों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई है। पाकिस्तान उलेमा काउंसिल (PUC) के चेयरमैन हाफिज ताहिर अशरफी ने उपासकों को प्रतिबंधात्मक दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए कहा है। उन्होंने लोगों से कहा, नियमों की अनदेखी करने की छोटी सी गलती थी मस्जिदों को बंद करने का कारण बन सकती है।

ब्रिटेन ने जारी किया दिशा-निर्देश

ब्रिटेन ने जारी किया दिशा-निर्देश

इसके अलावा ब्रिटेन की मुस्लिम काउंसिल ने भी रमज़ान के महीने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सामूहिक प्रार्थनाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और लोगों को इफ्तार पार्टियों से बचने के लिए कहा गया है। वहीं, इंडोनेशियाई सरकार ने वार्षिक मुदिक पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो रमजान के अंत में एक पलायन के रूप में जाना जाता है जहां लोग अपने गांवों में लौटते हैं। बता दें कि कोरोना वायरस दुनिया के 200 से ज्यादा देशों में फैल चुका है और इसके बचाव का सामाजिक दूरी ही एक मात्र उपाय है।

यह भी पढ़ें: कोरोना के बीच अब अमेरिका पर नई 'महा-आफत', अगले दो दिन मच सकती है भयंकर तबाही

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English summary
How will the world celebrate Ramadan in the coronavirus crisis this country gave freedom to namaz in mosques
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